{"_id":"691215cfd13e3fe6f90aaed6","slug":"disabled-and-mentally-ill-women-should-be-given-immediate-abortion-jabalpur-news-c-1-1-noi1229-3615281-2025-11-10","type":"story","status":"publish","title_hn":"Jabalpur News: विकलांग तथा मानसिक रूप बीमारी पीड़िता का तत्काल कराया जाए गर्भपात, हाईकोर्ट ने दी मंजूरी","category":{"title":"City & states","title_hn":"शहर और राज्य","slug":"city-and-states"}}
Jabalpur News: विकलांग तथा मानसिक रूप बीमारी पीड़िता का तत्काल कराया जाए गर्भपात, हाईकोर्ट ने दी मंजूरी
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, जबलपुर
Published by: जबलपुर ब्यूरो
Updated Mon, 10 Nov 2025 11:54 PM IST
सार
विकलांग और मानसिक रूप से अस्वस्थ युवती के गर्भपात की अनुमति देते हुए कोर्ट ने डॉक्टरों को आवश्यक निर्देश जारी किए हैं।
विज्ञापन
हाईकोर्ट ने दी मानसिक बीमार युवती के गर्भपात की मंजूरी
विज्ञापन
विस्तार
माता-पिता की सहमति और पीड़िता की स्थिति को ध्यान में रखते हुए हाईकोर्ट ने एक विकलांग और मानसिक रूप से अस्वस्थ युवती को गर्भपात की अनुमति प्रदान की है। न्यायमूर्ति विशाल मिश्रा की एकल पीठ ने कहा कि ऐसे मामलों में केवल कानूनी पहलुओं ही नहीं, बल्कि सामाजिक और पारिवारिक परिस्थितियों पर भी विचार आवश्यक है।
पूर्व आदेश के पालन में सोमवार को एमजीएम मेडिकल कॉलेज, इंदौर के डीन डॉ. अरविंद घनघोरिया और असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. पूजा गांधी हाईकोर्ट में व्यक्तिगत रूप से उपस्थित हुए। कोर्ट ने निर्देश दिया कि पीड़िता अपने माता-पिता के साथ दो दिनों के भीतर सरकारी मेडिकल कॉलेज अस्पताल, खंडवा पहुंचे ताकि गर्भपात की प्रक्रिया समय पर पूरी की जा सके।
अदालत ने आदेश दिया कि गर्भपात का निर्णय डॉक्टरों की विशेष टीम द्वारा लिया जाएगा और पूरी प्रक्रिया विशेषज्ञों की देखरेख में की जाएगी। डॉक्टरों को पीड़िता और उसके परिवार को गर्भपात से जुड़े सभी जोखिमों और संभावित जटिलताओं के बारे में पूरी जानकारी देने के निर्देश दिए गए हैं।
ये भी पढ़ें: Shivpuri News: सरकारी स्कूल की किताबें कबाड़ में बेचीं, शिक्षक ने दीमक लगने का हवाला दिया, जांच के आदेश
साथ ही कोर्ट ने कहा कि गर्भपात के दौरान सभी सावधानियां बरती जाएं और पीड़िता को हर संभव चिकित्सीय देखभाल और आपात सुविधाएं प्रदान की जाएं। इसमें एक बाल रोग विशेषज्ञ, एक रेडियोलॉजिस्ट और अन्य आवश्यक चिकित्सक शामिल रहेंगे। ऑपरेशन के बाद भी आवश्यक देखभाल सुनिश्चित की जाए।
यदि गर्भस्थ शिशु जीवित पैदा होता है तो उसका डीएनए नमूना सुरक्षित रखा जाएगा, ताकि आवश्यकता पड़ने पर इसे आपराधिक जांच में सबूत के रूप में उपयोग किया जा सके।
अदालत ने आदेश की प्रति कार्रवाई के लिए एमजीएम मेडिकल कॉलेज, इंदौर के डीन, सरकारी मेडिकल कॉलेज, खंडवा के डीन, विशेष न्यायाधीश और पुलिस अधीक्षक खंडवा को भेजने के निर्देश दिए हैं।
Trending Videos
पूर्व आदेश के पालन में सोमवार को एमजीएम मेडिकल कॉलेज, इंदौर के डीन डॉ. अरविंद घनघोरिया और असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. पूजा गांधी हाईकोर्ट में व्यक्तिगत रूप से उपस्थित हुए। कोर्ट ने निर्देश दिया कि पीड़िता अपने माता-पिता के साथ दो दिनों के भीतर सरकारी मेडिकल कॉलेज अस्पताल, खंडवा पहुंचे ताकि गर्भपात की प्रक्रिया समय पर पूरी की जा सके।
विज्ञापन
विज्ञापन
अदालत ने आदेश दिया कि गर्भपात का निर्णय डॉक्टरों की विशेष टीम द्वारा लिया जाएगा और पूरी प्रक्रिया विशेषज्ञों की देखरेख में की जाएगी। डॉक्टरों को पीड़िता और उसके परिवार को गर्भपात से जुड़े सभी जोखिमों और संभावित जटिलताओं के बारे में पूरी जानकारी देने के निर्देश दिए गए हैं।
ये भी पढ़ें: Shivpuri News: सरकारी स्कूल की किताबें कबाड़ में बेचीं, शिक्षक ने दीमक लगने का हवाला दिया, जांच के आदेश
साथ ही कोर्ट ने कहा कि गर्भपात के दौरान सभी सावधानियां बरती जाएं और पीड़िता को हर संभव चिकित्सीय देखभाल और आपात सुविधाएं प्रदान की जाएं। इसमें एक बाल रोग विशेषज्ञ, एक रेडियोलॉजिस्ट और अन्य आवश्यक चिकित्सक शामिल रहेंगे। ऑपरेशन के बाद भी आवश्यक देखभाल सुनिश्चित की जाए।
यदि गर्भस्थ शिशु जीवित पैदा होता है तो उसका डीएनए नमूना सुरक्षित रखा जाएगा, ताकि आवश्यकता पड़ने पर इसे आपराधिक जांच में सबूत के रूप में उपयोग किया जा सके।
अदालत ने आदेश की प्रति कार्रवाई के लिए एमजीएम मेडिकल कॉलेज, इंदौर के डीन, सरकारी मेडिकल कॉलेज, खंडवा के डीन, विशेष न्यायाधीश और पुलिस अधीक्षक खंडवा को भेजने के निर्देश दिए हैं।