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Omkareshwar: नर्मदा स्नान के दौरान मौसी-भतीजी की डूबने से मौत, खरगोन के चोरल नदी में तीन बच्चियों के साथ हादसा
न्यूूज डेस्क, अमर उजाला, ओंकारेश्वर
Published by: अरविंद कुमार
Updated Wed, 02 Oct 2024 06:28 PM IST
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सार
ओंकारेश्वर में नर्मदा स्नान के दौरान मौसी और भतीजी की डूबकर मौत हो गई। वहीं, खरगोन जिले में बलवाड़ा थाने के अंतर्गत चोरल नदी में तीन बच्चियों की डूबने से मौत हो गई।
खरगोन की मृतक बच्चियां
- फोटो : अमर उजाला
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विस्तार
सर्व पितृमोक्ष अमावस्या पर ओंकारेश्वर और मोरटक्का के बीच स्थित निहाल आश्रम के निकट बिलोर बुजुर्ग घाट पर नर्मदा स्नान के दौरान मौसी और भतीजी की डूबने से मौत हो गई। दोनों शाजापुर जिले की रहने वाली थी। हादसा बुधवार सुबह करीब दस बजे हुआ।
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बताया जाता है कि निहारिका (18) घाट के आगे गहरे पानी में चले जाने पर डूबने लगी। उसे बचाने की कोशिश के दौरान मौसी रेनू बाई पति संजय पाटीदार भी डूबने लगी। उसे वहां मौजूद लोगों ने बहने से बचा लिया और उपचार के लिए बड़वाह अस्पताल लेकर पहुंचे तो चिकित्सक ने उसे मृत घोषित कर दिया। सूचना पर मोरटक्का पुलिस चौकी से सब इंस्पेक्टर रमेश गवले ने मौके पर पहुंचकर गोताखोर और नाविकों की मदद से लापता युवती की तलाश शुरू की। करीब दो घंटे की मशक्कत के बाद युवती निहारिका का शव बरामद हो गया। चौकी प्रभारी गवले ने बताया कि युवती निहारिका के शव की पंचनामा कार्रवाई व मर्ग कायम कर ओंकारेश्वर अस्पताल में पोस्टमॉर्टम करवाया गया है। महिला रेनू बाई के शव का पोस्टमॉर्टम बड़वाह अस्पताल में हुआ है।
खरगोन में बलवाड़ा थाने के अंतर्गत चोरल नदी में डूबने से तीन बालिकाओं की मौत
बलवाड़ा के पास कुंडिया गांव में सांझ माता विसर्जन के दौरान हादसा हुआ है। ओंकारेश्वर से तकरीबन 30 किलोमीटर दूर खरगोन के बलवाड़ा के पास कुंडिया गांव में सांझ माता का फूल पाती का चोरल नदी में विसर्जन करने के दौरान दो सगी बहनें सहित तीन बालिकाएं नदी में डूब गई। स्थानीय लोगों को सूचना जैसे ही मिली, गांव वालों ने पुलिस के सहयोग से बाहर निकाला। उसके बाद उन्हें बलवाड़ा शासकीय अस्पताल लाया गया, जहां डॉक्टरों में तीनों को मृतक घोषित कर दिया। तीनों बालिकाओं के शव बलवाड़ा से बड़वाह अस्पताल में पोस्टमॉर्टम के लिए लाया गया है।
जानकारी के अनुसार, बुधवार तकरीबन 11:30 बजे ग्राम कुंडिया की बालिकाएं श्राद्ध पर्व समापन के बाद घर से आंगन में बनाई जाने वाली सांजा माता की फूल पत्ती का विसर्जन करने समीप चोरल नदी पर गई थी। इस दौरान एक बालिका का पैर फिसला, जिसके बाद एक दूसरे को बचाने में चार बालिका नदी में डूबने लगी। दो सगी बहनों सहित तीन की डूबने से मौत हो गई। इस दौरान एक बालिका को मौके पर मौजूद लोगों ने बचा लिया।
बलवाड़ा के पूर्व उप सरपंच राधेश्याम राठौर ने बताया कि डूबी तीनों बच्चियां करौंदिया गांव की रहने वाली थी। पानी गहरा होने के कारण कोई उसमें उतरने की हिम्मत नहीं कर रहा था। उसके बाद जैसे-तैसे पानी में गोते लगाकर बालिकाओं के शव को बाहर निकाला। उन्हें बलवाड़ा अस्पताल ले गए, जहां डॉक्टर तीनों को मृत घोषित कर दिया। तीनों बालिकाओं के डूबने से पूरे गांव में सन्नाटा पसर गया। गांव के लोगों ने कहा कि सुबह हस्ती-खेलती आंगन में सांजा माता की पूजा-पाठ कर रही थी। कुछ ही देर बाद उनकी मौत की खबर से पूरे गांव को गहरा आघात लगा है। बड़वाह एसडीओपी अर्चना रावत ने बताया कि बलवाड़ा की तीनों बालिकाएं चोरल नदी सांझा माता फूल पत्तियां विसर्जन करने गई। एक दूसरे को बचाने के लिए तीनों डूब गई। तीनों के शवों का पोस्टमॉर्टम करवाकर परिवार को सौंप दिया है।

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