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MP News: बड़वाह में क्यों पर्दे के बाहर से हुई जयंती माता की आरती? पंडित बोले- टल गया संकट, अब मंगल ही मंगल

न्यूज डेस्क, अमर उजाला, खरगोन Published by: अर्पित याज्ञनिक Updated Mon, 07 Oct 2024 09:13 PM IST
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सार

मध्यप्रदेश के बड़वाह वनक्षेत्र की जयंती माता ने सोमवार सुबह 4 बजे अपना नवीन चोला छोड़कर हजारों साल पुराने स्वरूप में दर्शन दिए। पंडित महेंद्र शर्मा ने इस घटना को दैवीय चमत्कार बताया और कहा कि माता ने नगर पर आने वाले संकट को दूर कर मंगल का आशीर्वाद दिया है। सोमवार को माता के दर्शन बंद रहे, और विधिवत पूजा-अर्चना की गई।

Khargone News: Jayanti Mata returned in her thousands of years old form
पर्दे के बाहर से की गई जयंती माता की आरती। - फोटो : अमर उजाला
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मध्यप्रदेश के बड़वाह वनक्षेत्र में स्थित पांडवों की सतपुड़ा विंध्याचल पर्वत के बीचों बीच कुलदेवी स्वयंभू प्रकट हुई माता जयंती ने सोमवार सुबह करीब 4 बजे अपना नवीन चोला आधा छोड़ कर अपने हजारों वर्ष पुराने स्वरूप में आ गई हैं। माता जी के चोला छोड़ने के बाद पंडित रामस्वरूप शर्मा, पंडित महेंद्र शर्मा ने स्थानीय प्रशासनिक अधिकारियों को सूचना दी।

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माता जी की प्रतिदिन सैकड़ों श्रद्धालुओं की उपस्थिति में सुबह 6 बजे होने वाली आरती माता के सामने पर्दा लगाकर बाहर से की गई। इस दौरान आरती में शामिल सैकड़ों श्रद्धालुओं ने सोमवार को सुबह माता के दर्शन पर्दे के बाहर लगे फोटो और शिखर के दर्शन किए।
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अब कल होंगे दर्शन
पंडित महेंद्र शर्मा ने बताया कि यह एक दैवीय चमत्कार है। माता ने अपने नए स्वरूप का चोला छोड़कर हजारों साल पुराने सुंदर स्वरूप में आ गई हैं। माता के दर्शन 24 घंटे तक नहीं हो सकेंगे। दिन भर माता का विधि विधान से पूजन अर्चन किया गया। मंगलवार सुबह 6 बजे प्रातः आरती में माता के हजारों साल पुराने स्वरूप के भक्तों को दर्शन होंगे।

कोई बड़ा संकट आने वाला था
इस दौरान पंडित महेंद्र शर्मा ने यह भी बताया कि ज्योतिष विद्या के अनुसार बड़वाह नगर पर कोई बड़ा संकट आने वाला था, जिसे माता ने दूर करते हुए अपना चोला छोड़ा है। अब मंगल ही मंगल होगा।

हजारों वर्ष पूर्व बना जयंती माता का स्वरूप
उल्लेखनीय चोरल नदी के बहते जल पर्वतों के बीच गुफा के अंदर हजारों वर्ष पूर्व बना जयंती माता का स्वरूप है, जोकि गुफा के अंदर ही है। कई बुजुर्ग बताते हैं कि यहां पर घना जंगल हुआ करता था। उस समय मंदिर के आसपास शेर भी दिखाई पड़ता था। नवरात्रि पर्व पूरे 9 दिन बड़ी संख्या में श्रद्धालु बड़ी-बड़ी दूर से जयंती माता के दर्शन करने पहुंचते हैं। ये लोगों की बड़ी आस्था का केंद्र है, क्योंकि प्राकृतिक वातवरण हरे भरे घने हरियाली से भरपूर वृक्ष चोरल नदी का पवित्र जल पक्षियों की किलकारियां सुनने एवं माता के दर्शन करने के लिए लोग प्रत्येक दिन पहुंचते हैं। नवरात्र पर्व के समय तो बड़ी संख्या में माता के दर्शन करने इतनी अधिक भीड़ लग जाती है कि लोगों को लंबा इंतजार दर्शन के लिए करना पड़ता है। जयंती माता का चोला छोड़ने के बाद बड़वाह नगर पालिका अध्यक्ष राकेश गुप्ता ने भी मंदिर पहुंचकर पर्दे के बाहर से माता के दर्शन किए। इस दौरान भाजपा जिला मंत्री महिम ठाकुर, सर्व ब्राह्मण समाज महासभा के पूर्व अध्यक्ष सुरेंद्र पंड्या आदि उपस्थित रहे।

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