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मध्य प्रदेश चुनाव: कमलनाथ ने निर्वाचन आयोग को दी चुनौती,पेट्रोल-डीजल पर केंद्र को घेरा
न्यूज डेस्क,अमर उजाला
Updated Sat, 06 Oct 2018 04:12 PM IST
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कमलनाथ
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मध्य प्रदेश चुनाव का पारा कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलमाथ के आरोप-प्रत्यारोप से लगातार चढ़ा रहता है। प्रेस कांफ्रेंस में मीडिया से बात करते हुए कमलनाथ ने चुनाव आयोग को चुनौती दी है कि उसने सुप्रीम कोर्ट में कांग्रेस की शिकायत को झूठी बताते हुए जो तथ्य प्रस्तुत किए हैं, उन्हें साबित करें । उन्होने कहा कि दुनिया में भारत के चुनाव आयोग की एक साख है जो हमेशा निष्पक्ष रह कर काम करता है।
भारत निर्वाचन आयोग राजनीतिक दलों को विश्वास में लेकर फैसले करता रहा है लेकिन अकमलनाथ ने चुनाव आयोग को चुनौती दी है कि उसने सुप्रीम कोर्ट में कांग्रेस की शिकायत को झूठी बताते हुए जो तथ्य प्रस्तुत किए हैं, उन्हें साबित करें ब वो परपंरा छूटती नजर आ रही है। क्योंकि पहले की तरह राजनैतिक पार्टियों की शिकायतों और सुझावों का ओर आयोग उदासीन है। इतना ही नहीं वह स्वतंत्र हो कर काम नहीं कर रहा इसलिए पहली बार आयोग द्वारा हमारी शिकायत को भी झूठी बता दिया गया।
कांग्रेस की कोर्ट में जाने की वजह भी साफ थी कि उसे वोटर लिस्ट की मांगी हुई जानकारी टेक्स्ट फॉर्म में नहीं दी गई थी, जबकि यही जानकारी राजस्थान को दे दी गई थी। उन्होंने कहा कि यदि एमपी को भी टेक्स्ट फॉर्म में जानकारी दे दी जाती तो वोटर लिस्ट में जो गड़बड़ी थी, वह सामने आ जाती। कमलनाथ ने कहा कि जब हमारी शिकायत गलत थी तो वोटर लिस्ट से 24 लाख फर्जी वोटर कैसे हट गए। कांग्रेस की आपत्ति 18 जनवरी को प्रकाशित वोटर लिस्ट को लेकर थी। इसके बाद 31 जुलाई को मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी मध्यप्रदेश ने जो वोटर लिस्ट का प्रारूप जारी किया, उसमें से 24 लाख वोटर कैसे हट गए।
वहीं, पेट्रोल-डीजल के महंगे दाम पर कमलनाथ ने केंद्र सरकार द्वारा क्रूड ऑयल से डेढ़ रुपए एक्साइज ड्यूटी कम करने को जनता के साथ धोखा बताया। उन्होंने कहा कि पिछले चार महीनों में पेट्रोल-डीजल के जो दाम बढ़े हैं, उसे देखते हुए यह बहुत कम है। यदि वास्तव में सरकार जनता को राहत देना चाहती है तो उसे एक्साइज ड्यूटी इतनी घटाना चाहिए कि पेट्रोल-डीजल की कीमतें कम से कम 10 से 15 रुपए घट सके।
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भारत निर्वाचन आयोग राजनीतिक दलों को विश्वास में लेकर फैसले करता रहा है लेकिन अकमलनाथ ने चुनाव आयोग को चुनौती दी है कि उसने सुप्रीम कोर्ट में कांग्रेस की शिकायत को झूठी बताते हुए जो तथ्य प्रस्तुत किए हैं, उन्हें साबित करें ब वो परपंरा छूटती नजर आ रही है। क्योंकि पहले की तरह राजनैतिक पार्टियों की शिकायतों और सुझावों का ओर आयोग उदासीन है। इतना ही नहीं वह स्वतंत्र हो कर काम नहीं कर रहा इसलिए पहली बार आयोग द्वारा हमारी शिकायत को भी झूठी बता दिया गया।
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कांग्रेस की कोर्ट में जाने की वजह भी साफ थी कि उसे वोटर लिस्ट की मांगी हुई जानकारी टेक्स्ट फॉर्म में नहीं दी गई थी, जबकि यही जानकारी राजस्थान को दे दी गई थी। उन्होंने कहा कि यदि एमपी को भी टेक्स्ट फॉर्म में जानकारी दे दी जाती तो वोटर लिस्ट में जो गड़बड़ी थी, वह सामने आ जाती। कमलनाथ ने कहा कि जब हमारी शिकायत गलत थी तो वोटर लिस्ट से 24 लाख फर्जी वोटर कैसे हट गए। कांग्रेस की आपत्ति 18 जनवरी को प्रकाशित वोटर लिस्ट को लेकर थी। इसके बाद 31 जुलाई को मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी मध्यप्रदेश ने जो वोटर लिस्ट का प्रारूप जारी किया, उसमें से 24 लाख वोटर कैसे हट गए।
वहीं, पेट्रोल-डीजल के महंगे दाम पर कमलनाथ ने केंद्र सरकार द्वारा क्रूड ऑयल से डेढ़ रुपए एक्साइज ड्यूटी कम करने को जनता के साथ धोखा बताया। उन्होंने कहा कि पिछले चार महीनों में पेट्रोल-डीजल के जो दाम बढ़े हैं, उसे देखते हुए यह बहुत कम है। यदि वास्तव में सरकार जनता को राहत देना चाहती है तो उसे एक्साइज ड्यूटी इतनी घटाना चाहिए कि पेट्रोल-डीजल की कीमतें कम से कम 10 से 15 रुपए घट सके।
प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ ने कहा कि तत्कालीन यूपीए सरकार के कार्यकाल में क्रूड ऑयल124 डालर प्रति बैरल था, तब पेट्रोल-डीजल के भाव 55-60 रुपए थे। आज जब क्रूड ऑयल 70-75 डालर प्रति बैरल है तब पेट्रोल 92 रुपए प्रति लीटर तक बिक रहा है। लेकिन केंद्र की मोदी सरकार को जनता की जरा भी परवाह नहीं है।