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Jabalpur: एमपी HC ने पुलिस अधिकारी अरुण मिश्रा को दी राहत, साढ़े सात करोड़ के मामले में खारिज की विभागीय जांच
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, मध्य प्रदेश
Published by: हिमांशु प्रियदर्शी
Updated Fri, 10 Feb 2023 10:06 PM IST
सार
एमपी हाई कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि इनकम टैक्स विभाग द्वारा जब्त कागज में ए मिश्रा लिखा है। इसका आशय अरुण मिश्रा निकाला गया था। जबकि याचिकाकर्ता का नाम अरुण कुमार मिश्रा है। इसके बाद कोर्ट ने लंबित विभागीय जांच को रद्द कर दिया।
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मध्य प्रदेश हाई कोर्ट
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विस्तार
जबलपुर में मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ने पुलिस अधिकारी अरुण कुमार मिश्रा के साढ़े सात करोड़ रुपये के मामले राहत प्रदान की है। पुलिस अधिकारी मिश्रा पर इनकम टैक्स रेड के दौरान मिली डायरी में नाम के आधार पर कथित तौर पर साढ़े सात करोड़ रुपये लेने का आरोप है। हाई कोर्ट के जस्टिस संजय द्विवेदी की एकलपीठ ने याचिका पर सुनवाई करते हुए उनके खिलाफ लंबित विभागीय जांच को खारिज कर दिया है।
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रेड में मिले कागजातों में मिला था रकम और नाम का उल्लेख
पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ के ओएसडी प्रवीण कक्कड़ के करीबी प्रतीक जोशी के भोपाल स्थित आवास पर चार साल पहले केंद्रीय इनकम टैक्स विभाग ने रेड मारी थी। रेड के दौरान बड़ी मात्रा में नकदी बरामद हुई थी। इसके अलावा जब्त कागजों में रकम और संबंधित व्यक्ति के नाम का उल्लेख था। कागज में पुलिस अधिकारी अरुण मिश्रा के नाम सामने 750 लिखा था और घेरे में तीन लिखा था। इसका आशय साढ़े सात करोड़ रुपये तीन थैलों में निकालना माना गया था। उसके बाद पुलिस अधिकारी अरुण मिश्रा के खिलाफ विभागीय जांच प्रारंभ की गई थी। उसे चुनौती देते हुए उक्त याचिका दायर की गई थी।
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'याचिकाकर्ता के खिलाफ द्वेषवश जारी किए हैं जांच के आदेश'
याचिका की प्रारंभिक सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने 15 मार्च 2011 को विभागीय जांच पर रोक लगा दी थी। याचिका की सुनवाई के दौरान एकलपीठ को बताया गया कि पदोन्नति के लिए डीपीसी होना है। विभागीय जांच लंबित होने से याचिकाकर्ता पदोन्नति से वंचित रह जाएगा। कोर्ट को बताया गया कि इनकम टैक्स विभाग ने याचिकाकर्ता से पूछताछ की थी। पूछताछ के बाद इनकम टैक्स विभाग ने उनके खिलाफ किसी प्रकार की कार्रवाई नहीं की। सिर्फ द्वेषवश याचिकाकर्ता के खिलाफ विभागीय जांच के आदेश जारी किए गए हैं।
एकलपीठ ने अपने आदेश में कहा है कि इनकम टैक्स विभाग द्वारा जब्त कागज में ए मिश्रा लिखा है। इसका आशय अरुण मिश्रा निकाला गया था। जबकि याचिकाकर्ता का नाम अरुण कुमार मिश्रा है। एकलपीठ ने लंबित विभागीय जांच को खारिज कर दिया।