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बैतूल: दलित व्यक्ति से शादी की तो घरवालों ने किया महिला का 'शुद्धिकरण', बाल काटकर नर्मदा में कराया स्नान
पीटीआई, बैतूल
Published by: Amit Mandal
Updated Sat, 30 Oct 2021 09:41 PM IST
सार
महिला ने अपनी शिकायत में बताया कि अनुसूचित जाति के व्यक्ति से शादी करने पर उसके परिवार के सदस्यों ने उसे शुद्धिकरण के नाम पर नर्मदा में स्नान करने पर मजबूर किया।
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सांकेतिक तस्वीर
- फोटो : pixabay
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विस्तार
मध्य प्रदेश के बैतूल जिले की एक 24 वर्षीय महिला को उसके पिता और अन्य रिश्तेदारों ने कथित तौर पर कथित शुद्धिकरण अनुष्ठान से गुजरने के लिए मजबूर किया। इसमें उसे नर्मदा नदी में स्नान करने के लिए मजबूर किया गया। उसके बाल काट दिए गए थे और उसके कपड़े भी वहीं त्याग दिए गए। अनुसूचित जाति के व्यक्ति से शादी करने से नाराज घरवालों ने महिला को ये सब करने पर मजबूर किया।
पिता और तीन रिश्तेदारों के खिलाफ मामला दर्ज
बैतूल कोतवाली थाना प्रभारी रत्नाकर हिंगवे ने बताया कि महिला की शिकायत के बाद पुलिस ने शनिवार को महिला के पिता और उसके तीन रिश्तेदारों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है। महिला ने शुक्रवार को पुलिस अधीक्षक (एसपी) सिमाला प्रसाद को शिकायत दी। शिकायतकर्ता महिला ने आरोप लगाया कि उसने मार्च 2020 में एक अनुसूचित जाति के व्यक्ति से शादी की थी। उसने कहा कि उसके परिवार के सदस्यों ने जनवरी 2021 में गुमशुदगी की शिकायत दर्ज कराई थी, हालांकि उसके पिता उसके ठिकाने के बारे में जानते थे और उससे मिलते रहते थे।
महिला ने संवाददाताओं से कहा, मेरी शादी 11 मार्च 2020 को हुई और मैंने 4 जनवरी 2021 को अपने पिता को इसके बारे में बताया। मेरे पिता मुझसे मिलते रहे लेकिन इसके बावजूद उन्होंने 10 जनवरी 2021 को चोपना पुलिस स्टेशन (बैतूल जिला) में गुमशुदगी की शिकायत दर्ज कराई।
नर्मदा में कराया गया शुद्धिकरण
गुमशुदगी की शिकायत दर्ज कराने के बाद पुलिस ने महिला को उसके परिवार से मिलवाया, जिसने एक कागज पर उसके हस्ताक्षर लिए। महिला ने बताया, बाद में मैं (नर्सिंग में) अपनी पढ़ाई पूरी करने के लिए फरवरी में एक छात्रावास गई। मेरे पिता 18 अगस्त को रक्षाबंधन के लिए मुझे घर ले जाने के लिए छात्रावास (राजगढ़ जिले में) पहुंचे। बाद में मेरे पिता और अन्य लोग मुझे होशंगाबाद में नर्मदा नदी में ले गए और अनुसूचित जाति के व्यक्ति से शादी करने के लिए मेरा शुद्धिकरण किया गया।
महिला ने कहा कि उसके परिवार के सदस्यों ने उसे कुछ कपड़ों में नर्मदा नदी में स्नान कराया और उसके बालों को थोड़ा काट दिया। बाद में उन्होंने उसे नदी में कपड़े फेंकने के लिए मजबूर किया। महिला ने आरोप लगाया कि उस पर अपने पति को तलाक देने और अपनी जाति के एक व्यक्ति के साथ दोबारा शादी करने के लिए दबाव डाला जा रहा है।
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पिता और तीन रिश्तेदारों के खिलाफ मामला दर्ज
बैतूल कोतवाली थाना प्रभारी रत्नाकर हिंगवे ने बताया कि महिला की शिकायत के बाद पुलिस ने शनिवार को महिला के पिता और उसके तीन रिश्तेदारों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है। महिला ने शुक्रवार को पुलिस अधीक्षक (एसपी) सिमाला प्रसाद को शिकायत दी। शिकायतकर्ता महिला ने आरोप लगाया कि उसने मार्च 2020 में एक अनुसूचित जाति के व्यक्ति से शादी की थी। उसने कहा कि उसके परिवार के सदस्यों ने जनवरी 2021 में गुमशुदगी की शिकायत दर्ज कराई थी, हालांकि उसके पिता उसके ठिकाने के बारे में जानते थे और उससे मिलते रहते थे।
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महिला ने संवाददाताओं से कहा, मेरी शादी 11 मार्च 2020 को हुई और मैंने 4 जनवरी 2021 को अपने पिता को इसके बारे में बताया। मेरे पिता मुझसे मिलते रहे लेकिन इसके बावजूद उन्होंने 10 जनवरी 2021 को चोपना पुलिस स्टेशन (बैतूल जिला) में गुमशुदगी की शिकायत दर्ज कराई।
नर्मदा में कराया गया शुद्धिकरण
गुमशुदगी की शिकायत दर्ज कराने के बाद पुलिस ने महिला को उसके परिवार से मिलवाया, जिसने एक कागज पर उसके हस्ताक्षर लिए। महिला ने बताया, बाद में मैं (नर्सिंग में) अपनी पढ़ाई पूरी करने के लिए फरवरी में एक छात्रावास गई। मेरे पिता 18 अगस्त को रक्षाबंधन के लिए मुझे घर ले जाने के लिए छात्रावास (राजगढ़ जिले में) पहुंचे। बाद में मेरे पिता और अन्य लोग मुझे होशंगाबाद में नर्मदा नदी में ले गए और अनुसूचित जाति के व्यक्ति से शादी करने के लिए मेरा शुद्धिकरण किया गया।
महिला ने कहा कि उसके परिवार के सदस्यों ने उसे कुछ कपड़ों में नर्मदा नदी में स्नान कराया और उसके बालों को थोड़ा काट दिया। बाद में उन्होंने उसे नदी में कपड़े फेंकने के लिए मजबूर किया। महिला ने आरोप लगाया कि उस पर अपने पति को तलाक देने और अपनी जाति के एक व्यक्ति के साथ दोबारा शादी करने के लिए दबाव डाला जा रहा है।