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Rajgarh: दिग्विजय पर FIR के विरोध में जिलाध्यक्ष का अधूरा ज्ञान, कहा- सभी 45 जिलों में दर्ज होगी एफआईआर

न्यूज डेस्क, अमर उजाला, राजगढ़ Published by: अरविंद कुमार Updated Fri, 14 Jul 2023 06:45 PM IST
सार

विगत दिनों मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के द्वारा राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के सरसंघचालक माधवराव सदाशिवराव गोलवलकर को लेकर उनके द्वारा किए गए ट्वीट और फेसबुक पोस्ट पर प्रदेश के अलग-अलग हिस्सों में जमकर विरोध किया गया था। इंदौर, राजगढ़ और गुना जिले सहित अन्य जिलों में दिग्विजय सिंह के खिलाफ संघ व बीजेपी नेताओं की शिकायत पर विभिन्न धाराओं में एफआईआर दर्ज की गई थी।

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Rajgarh Congress district president says in protest against FIR on Digvijay FIR registered in all 45 districts
कांग्रेस का प्रदर्शन - फोटो : अमर उजाला
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विस्तार
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पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के खिलाफ दर्ज एफआईआर के विरोध में शुक्रवार को राजगढ़ जिले से कांग्रेस विधायक और पदाधिकारी सहित कांग्रेस कार्यकर्ता अधिक संख्या में जिला कांग्रेस कार्यालय में एकत्रित हुए। जहां विधायकगण और पदाधिकारियों ने मौजूदा कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए रणनीति तैयार की। इसके बाद वे सभी पुलिस अधीक्षक कार्यालय में ज्ञापन लेकर राजगढ़ एसपी वीरेंद्र कुमार सिंह के पास पहुंचे।

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ज्ञापन में कहा गया कि दिग्विजय सिंह पूर्व मुख्यमंत्री एवं राज्यसभा सांसद के खिलाफ नौ जुलाई को कोतवाली थाना राजगढ़ द्वारा भारतीय जनता पार्टी के नेताओं के दबाव में आकर बिना किसी जांच पड़ताल के आनन-फानन में बिना तथ्यों को ध्यान में रखते हुए एफआईआर दर्ज कर दी गई। इससे ऐसा प्रतीत होता है कि कोतवाली थाना राजगढ़ पूर्व से ही एफआईआर दर्ज करने के लिए तैयार बैठा था। वर्तमान में देश में ऐसा प्रतीत हो रहा है, जैसे कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के बोलने पर पाबंदी लगाने के लिए भारतीय जनता पार्टी की केन्द्र सरकार और राज्य सरकार निरंतर प्रयास कर रही है। इस माध्यम से बाबा साहब डाक्टर भीमराव अम्बेडकर द्वारा निर्मित संविधान के द्वारा अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के अधिकार का गला घोंट रही है।
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उन्होंने कहा, पहले राहुल गांधी और अब राजा साहब दिग्विजय सिंह, जिससे केंद्र सरकार और राज्य सरकार भय ग्रस्त है। लगातार दोनों नेताओं के खिलाफ षडयंत्र कर रही है। प्रदेश में कई लोगों के आवेदन थानों में दिनों से नहीं महीनों से विचाराधीन हैं, परंतु उन पर कोई कार्रवाई थाना प्रभारियों द्वारा नहीं की गई है। राजा साहब दिग्विजय सिंह निरंतर जनहित में अपनी आवाज उठाते रहे हैं। चाहे वह आदिवासियों के घर तोड़ने का मामला हो या अन्य कोई, राजा साहब कि इस तथाकथित पोस्ट पर गुना, इंदौर और उज्जैन जिले में भी एफ आईआर दर्ज की गई है। ऐसा प्रतीत होता है कि एफआईआर करना एक फैशन बन गया है।

उन्होंने कहा, जो प्राथमिकी बिना किसी जांच पड़ताल के दर्ज की गई है, उस प्राथमिकी का औचित्य क्या है। राज्य सरकार राजा साहब से भय ग्रस्त है और उन्हें अपनी हार स्पष्ट दिख रही है। इसलिए राजा साहब के खिलाफ अवैध रूप से एफआईआर दर्ज करवाई जा रही है। एफआईआर में स्पष्ट रूप से लिखा है कि नौ जुलाई को आवेदन दिया गया और कोतवाली राजगढ़ ने उसी दिन प्रकरण दर्ज कर लिया। जिला कांग्रेस कमेटी राजगढ़ ज्ञापन के माध्यम से यह मांग करती है कि राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह के खिलाफ दर्ज एफआईआर को निरस्त कर दिया जाए, अन्यथा कांग्रेस पार्टी द्वारा उग्र आंदोलन किया जाएगा।

वहीं, ज्ञापन देने के दौरान कांग्रेस जिलाध्यक्ष प्रकाश पुरोहित का एक वीडियो भी सामने आया है, जिसमें वे पूर्व मंत्री और खिलचीपुर विधायक प्रियव्रत सिंह के साथ एफआईआर का  विरोध जताते हुए एमपी के कमोबेश 53 जिलों के मामले में यह कहते हुए नजर आ रहे हैं कि निष्पक्ष काम होना चाहिए। जब एक बार एफआईआर हो गई थी, एक गुनाह की इतनी सजा। ऐसे तो फिर यह होगा कि पूरे 45 जिलों में 45 एफआईआर हो जाएगी या पूरे हिन्दुस्तान में 600-700 या दो हजार जितने भी थाने हैं, सभी में एफआईआर हो जाएगी। वहीं, पूर्व मंत्री व खिलचीपुर विधायक प्रियव्रत सिंह ने कहा कि आप एफआईआर वापस करवाइए। 15 दिन में हमें इसका रिकॉर्ड दीजिए कि आपने क्या कार्यवाई की है। नहीं तो कांग्रेस पार्टी वापस आएगी।

आखिर क्यों दर्ज की गई थी पूर्व मुख्यमंत्री पर एफआईआर...
दरअसल, दिग्विजय सिंह ने अपने ट्वीटर और फेसबुक एकाउंट के माध्यम से एक फोटो पोस्ट करते हुए लिखा था कि गुरु गोलवलकर जी के दलितों-पिछड़ों और मुसलमानों के लिए व राष्ट्रीय जल जंगल व जमीन पर अधिकार पर क्या विचार थे, ये अवश्य जानिए, जिसमें गुरु गोलवलकर की पोस्ट की गई फोटो के साथ लिखा हुआ था कि मैं सारी जिंदगी अंग्रेजों की गुलामी करने के लिए तैयार हूं, लेकिन जो दलित पिछड़ों और मुसलमानों को बराबरी का अधिकार देती हो, ऐसी आजादी मुझे नहीं चाहिए।

किए गए ट्वीट और फेसबुक पोस्ट के पश्चात बवाल मच गया और देश सहित प्रदेश के अलग-अलग हिस्सो में दिग्विजय सिंह के खिलाफ विरोध प्रदर्शन शुरू हो गया। उनके खिलाफ प्रकरण दर्ज करने की मांग की जाने लगी और इंदौर, राजगढ़ और गुना जिले में प्रकरण भी दर्ज कर लिया गया था। इसके विरोध में शुक्रवार को राजगढ़ के कांग्रेस नेता सड़क पर उतरे और एफआईआर को निरस्त करने की मांग की गई।

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