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आंगनवाड़ी भर्ती में बड़ा घोटाला उजागर: 90% अंक वाली अभ्यर्थी हिंदी तक नहीं पढ़ पाईं, 70 से ज्यादा आवेदन रद्द

न्यूज डेस्क, अमर उजाला, राजगढ़ Published by: राजगढ़ ब्यूरो Updated Thu, 11 Dec 2025 10:14 PM IST
सार

राजगढ़ में आंगनवाड़ी भर्ती के दौरान बड़ी संख्या में महिलाओं की फर्जी मार्कशीटें पकड़ी गईं। कई उम्मीदवार 90% अंक होने के बावजूद साधारण पढ़ नहीं पाईं। विभाग ने 70 से अधिक संदिग्ध आवेदन खारिज किए। विभिन्न राज्यों की संदिग्ध अंकसूचियों की जांच जारी है और कार्रवाई की तैयारी है।

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Major scam exposed in Rajgarh Anganwadi recruitment: Candidates with over 90% marks could not even read Hindi
राजगढ़ आंगनवाड़ी भर्ती में बड़ा घोटाला उजागर
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विस्तार
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मध्य प्रदेश के राजगढ़ जिले में आंगनवाड़ी कार्यकर्ता और सहायिका भर्ती के दौरान ऐसा हेरफेर सामने आया है, जिसने पूरे प्रशासन को हैरान कर दिया है। दस्तावेज़ जांच शुरू होते ही कई महिलाओं की मार्कशीट और उनकी योग्यता को लेकर गंभीर संदेह खड़े हो गए।

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भर्ती प्रक्रिया में बड़ी संख्या में महिला आवेदकों ने हिस्सा लिया था। इनमें कई उम्मीदवारों की अंकसूचियों में 90 प्रतिशत से अधिक नंबर दर्ज थे, लेकिन जब उन्हें साधारण शब्द पढ़ने या सामान्य विषयों के नाम बताने को कहा गया, तो वे सही उत्तर तक नहीं दे पाईं। एक उम्मीदवार ने तो aarts को “आरस” तक पढ़ दिया। जैसे-जैसे विभाग ने पेपर और दस्तावेज़ों का सत्यापन आगे बढ़ाया, खुलासा हुआ कि कई महिलाओं ने मध्य प्रदेश बोर्ड की जगह अन्य राज्यों जैसे उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, राजस्थान, विदर्भ, दिल्ली आदि की संदिग्ध मार्कशीटें लगाई थीं। पहली नज़र में वेबसाइटों पर ये अंकसूचियां मान्य दिखीं, लेकिन गहराई से जांच करने पर उनकी भाषा, डिज़ाइन, सीरियल नंबर और फॉर्मेट में कई कमियां मिलीं। कई मामलों में यह भी सामने आया कि वेबसाइट पर दर्ज जानकारी मार्कशीट की प्रतियों से मेल ही नहीं खा रही थी, जिससे फर्जीवाड़े की आशंका और बढ़ गई।
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महिला एवं बाल विकास विभाग को ऐसे 70 से भी अधिक आवेदन संदिग्ध लगे, जिन्हें जांच के बाद सीधे खारिज कर दिया गया। अधिकारियों का कहना है कि जिनकी योग्यता वास्तविक है, उनके साथ न्याय हो सके, इसलिए दस्तावेज़ों की जांच और भी सख्ती से की जा रही है। राजगढ़ जिले में इस बार आंगनवाड़ी सहायिका के 501 और कार्यकर्ता के 28 पदों को भरने की प्रक्रिया चल रही है। लेकिन बड़े पैमाने पर सामने आए इस घोटाले ने न सिर्फ भर्ती की विश्वसनीयता पर सवाल उठा दिए हैं, बल्कि यह भी साबित कर दिया है कि फर्जी प्रमाणपत्रों का नेटवर्क किस तरह सरकारी नियुक्तियों तक पहुंच चुका है। प्रशासन ने संकेत दिए हैं कि संदिग्ध बोर्डों और मार्कशीटों की जांच आगे संबंधित राज्यों से भी कराई जाएगी। दोषियों पर कार्रवाई की संभावना भी जताई जा रही है।

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