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MP News: सीहोर के कपिल परमार ने फिर रचा इतिहास, कजाकिस्तान पैरा एशियन जूडो चैम्पियनशिप में जीते दो पदक

न्यूज डेस्क, अमर उजाला, सीहोर Published by: सीहोर ब्यूरो Updated Sun, 09 Nov 2025 10:00 PM IST
सार

सीहोर के पैरा जूडो खिलाड़ी कपिल परमार ने कजाकिस्तान में आयोजित पैरा एशियन जूडो चैम्पियनशिप में रजत और कांस्य पदक जीते। दृष्टिबाधित होने के बावजूद उन्होंने जापान, इराक और कोरिया के खिलाड़ियों को हराया। कपिल ने 2024 पैरालिंपिक में भी कांस्य जीता था और अब 2026 एशियन गेम्स के लिए क्वालीफाई किया। 

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MP NEWS:Sehore’s Kapil Parmar makes India proud, wins two medals at Para Asian Judo Championship Kazakhstan
फिर चमका सीहोर का सितारा कपिल परमार
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विस्तार
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सीहोर जिले ने एक बार फिर गर्व महसूस किया जब जूडो के इंटरनेशनल खिलाड़ी कपिल परमार ने कजाकिस्तान में आयोजित पैरा एशियन जूडो चैम्पियनशिप में दो पदक एक रजत और एक कांस्य अपने नाम किए। कपिल ने 2024 पैरालिंपिक में भारत को जूडो में पहला कांस्य पदक दिलाकर इतिहास रचा था और अब उन्होंने एक बार फिर अंतरराष्ट्रीय मंच पर देश का नाम ऊंचा किया।

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कजाकिस्तान में दिखाया अदम्य जज़्बा
तीन दिवसीय पैरा एशियन जूडो चैम्पियनशिप में कपिल ने अपनी श्रेणी (70 किलोग्राम) में जापान, इराक और कोरिया के खिलाड़ियों को पराजित करते हुए फाइनल में स्थान बनाया। फाइनल मुकाबले में उन्हें कड़ी टक्कर मिली, लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी और रजत पदक अपने नाम किया। इसके साथ ही, उन्होंने कांस्य मुकाबले में शानदार प्रदर्शन कर दूसरा मेडल भी हासिल किया। इस उपलब्धि के साथ कपिल ने 2026 जापान एशियन गेम्स के लिए अपनी जगह भी पक्की कर ली।
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संघर्ष से तराशा गया चैंपियन
कपिल परमार का जीवन किसी प्रेरक कहानी से कम नहीं। वे सीहोर के एक साधारण परिवार से हैं। उनके पिता टैक्सी ड्राइवर हैं और मां दूसरों के खेतों में मजदूरी करती हैं। घर की आर्थिक स्थिति कमजोर थी, लेकिन कपिल के सपने मजबूत थे। उन्होंने कभी परिस्थितियों को अपनी कमजोरी नहीं बनने दिया। खेतों में दिनभर मेहनत करने के बाद रात में जूडो की प्रैक्टिस करना उनका रोज़ का क्रम था।

दृष्टि गई, लेकिन हिम्मत नहीं टूटी
कपिल के जीवन में एक समय ऐसा भी आया जब कक्षा आठवीं में उनकी आंखों की रोशनी घटने लगी। आज उनकी दृष्टि 80 प्रतिशत तक बाधित है, परंतु उन्होंने इसे अपनी मंज़िल की राह में रोड़ा नहीं बनने दिया। कपिल कहते हैं, कि मेरी आंखें कमजोर हुई हैं, लेकिन मेरे हौसले नहीं। यह जज़्बा ही उन्हें दूसरों से अलग करता है। दो दिन बाद कजाकिस्तान से लौटने के बाद सीहोर में संस्कार मंच के तत्वावधान में कपिल का गर्मजोशी से स्वागत किया जाएगा।

फिर चमका सीहोर का सितारा कपिल परमार

फिर चमका सीहोर का सितारा कपिल परमार

 

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