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MP: शिक्षिका का क्रूर प्रहार बेरहमी की हद की पार, मारपीट में बच्चियों की उंगलियां सूजी, DEO ने किया निलंबित

न्यूज डेस्क, अमर उजाला, सीहोर Published by: सीहोर ब्यूरो Updated Fri, 05 Dec 2025 10:54 PM IST
सार

सीहोर के कोठरी शासकीय हायर सेकेंडरी स्कूल में शिक्षिका कीर्ति शाक्य द्वारा 8 छात्राओं से डंडे से मारपीट का सनसनीखेज मामला सामने आया है। तेज़ी से उत्तर न लिखने पर छात्राओं को बेरहमी से पीटा गया, जिससे एक बच्ची बेहोश हो गई। मामला सामने आते ही शिक्षिका को निलंबित कर दिया गया।

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MP NEWS:Teacher beats 8 girls for writing slowly; one faints, outrage grows, DEO suspends accused
कोठरी स्कूल में शिक्षिका की बर्बरता: 8 छात्राओं को डंडों से पीटा, एक बच्ची बेहोश। - फोटो : अमर उजाला
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विस्तार
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सीहोर के कोठरी शासकीय हायर सेकेंडरी स्कूल में एक शिक्षिका की बर्बरता का मामला सामने आया है। कॉपियों में प्रश्नों के उत्तर तेज़ नहीं लिखने की बात से शिक्षिका इतनी भड़क गई कि आठ छात्राओं से डंडे से मारपीट की। शिक्षिका कीर्ति शाक्य ने उन्हें डंडे से बुरी तरह पीटा।

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छात्राओं के हाथ, उंगलियां तक सूज गईं। रोती-बिलखती बच्चियों की चीखें भी शिक्षिका का हृदय नहीं पिघला सकीं। सबसे दर्दनाक क्षण तब आया जब सिया नाम की एक छात्रा, जिसका हाल ही में लीवर का ऑपरेशन हुआ था, घबराहट, दर्द और मारपीट के कारण बेहोश होकर गिर पड़ी।

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शासकीय हायर सेकेंडरी स्कूल में गुरुवार को उच्च प्रभार में माध्यमिक शिक्षिका कीर्ति शाक्य कक्षा 6वीं की छात्राओं को पढ़ा रही थीं। शिक्षिका ने बोर्ड पर प्रश्न लिखे और उनके उत्तर छात्राओं को अपनी कॉपियों में लिखने के लिए कहा गया। आरोप है कि कुछ छात्राओं ने उत्तर तेजी से लिख दिए, लेकिन कई तेज़ नहीं लिख पाईं। इससे शिक्षिका कीर्ति शाक्य आक्रोशित होकर डंडे से मारपीट करने लगीं।


घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल
छात्राएं बिलखती रहीं पर शिक्षिका को दया नहीं आई। घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होते ही शिक्षा विभाग से लेकर प्रशासन तक में हड़कंप मच गया। शुक्रवार सुबह आष्टा तहसीलदार राम पगारे, प्रभारी बीईओ नीरज सक्सेना और बीआरसीसी अजबसिंह राजपूत स्कूल पहुंचे। जब अधिकारियों ने बच्चियों से बात करनी चाही तो कई छात्राएं डर से चुप रहीं, पर आठ बच्चियों ने हिम्मत जुटाकर बताया कि कैसे शिक्षिका ने उन्हें बर्बरता से मारा।

कुछ हाथों में सूजन के निशान साफ दिखाई दे रहे थे। इस बीच एबीवीपी और एनएसयूआई कार्यकर्ता भी स्कूल पहुंच गए और शिक्षिका पर कड़ी कार्रवाई की मांग को लेकर आमने-सामने हो गए। स्थिति तनावपूर्ण होती देख पुलिस को बुलाना पड़ा।

परिजन में गुस्सा, बच्चियों को पढ़ने भेजते हैं, मार खाने नहीं
पीड़ित छात्राओं के अभिभावक घटना के बाद से सदमे और आक्रोश में हैं। उनका कहना है कि बच्चियों को स्कूल इसलिए भेजा जाता है कि वे सीखें, आगे बढ़ें, सपने देखें न कि डर और दर्द की वजह से बिस्तर पकड़ लें। एक अभिभावक ने आंसू रोकते हुए कहा, “मेरी बच्ची की उंगलियां सूजी हुई हैं, वह रात भर रोती रही। यह शिक्षा नहीं, आतंक है।” सिया के पिता लखन सिंह ने बताया कि उसका लीवर ऑपरेशन हुआ था, ऐसे में मारपीट उसकी जान तक जोखिम में डाल सकती थी। सिया शिक्षिका की मार से बेहोश हो गई थी। उनका दर्द सुनकर गांव के लोग भी आक्रोशित हो उठे और दोषी शिक्षिका के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की मांग की।

नोटिस का जवाब तक न दे पाईं शिक्षिका,
घटना के बाद शिक्षा विभाग ने शिक्षिका कीर्ति शाक्य को नोटिस जारी कर जवाब मांगा था, लेकिन शिक्षिका कोई संतोषजनक जवाब नहीं दे सकीं। जिसके बाद बीईओ और बीआरसीसी ने जांच प्रतिवेदन तैयार कर जिला शिक्षा अधिकारी संजय सिंह तोमर को सौंपा। प्रतिवेदन में स्पष्ट उल्लेख किया गया कि शिक्षिका का व्यवहार स्वैच्छाचारिता, अनुशासनहीनता और गंभीर कदाचरण की श्रेणी में आता है। साथ ही उन्होंने मप्र सिविल सेवा आचरण नियम 1965 के नियम 03(1)(2)(3) का उल्लंघन किया है। विभाग ने पाया कि छात्राओं को हुए शारीरिक और मानसिक नुकसान की जिम्मेदारी शिक्षिका की है।

डीईओ की बड़ी कार्रवाई तुरंत निलंबित, सीहोर मुख्यालय भेजा
सभी तथ्यों को देखते हुए डीईओ संजय सिंह तोमर ने मप्र सिविल सेवा (वर्गीकरण, नियंत्रण एवं अपील) नियम 1966 के नियम 9 के तहत शिक्षिका कीर्ति शाक्य को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया। निलंबन अवधि में उनका मुख्यालय सीहोर विकासखंड शिक्षा अधिकारी कार्यालय निर्धारित किया गया है। इस कार्रवाई से छात्राओं और अभिभावकों में कुछ हद तक संतोष है, लेकिन वे चाहते हैं कि मामला सिर्फ निलंबन पर न रुके, बल्कि आगे कठोर दंडात्मक कार्रवाई भी की जाए, जिससे भविष्य में कोई शिक्षक बच्चों के साथ ऐसा अमानवीय व्यवहार करने की हिम्मत न कर सके।

शिक्षिका का पलटवार वार्डन पर साजिश का आरोप
इधर, निलंबित शिक्षिका कीर्ति शाक्य ने अपनी सफाई में कहा है कि उन्हें हटाने के लिए वार्डन मधुबाला ने छात्राओं को भड़काया है। लेकिन बच्चियों का दर्द, उंगलियों की सूजन और सिया की बेहोशी इस बयान को कमजोर कर देती है। जांच अधिकारियों ने बताया कि शिक्षिका पहले वार्डन थीं और बदले में ऐसे आरोप लगाए जा रहे हैं। मगर छात्राओं के बयान और वीडियो दोनों यह दिखाते हैं कि घटना सिर्फ आरोप नहीं, एक सच्चाई है, जिसने शिक्षा के मंदिर में विश्वास को गहरी चोट दी है। गांव के लोग भी एक ही मांग कर रहे हैं बच्चियों को न्याय मिले और यह अपमानजनक घटना दोबारा किसी स्कूल में न दोहराई जाए।

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जानें क्या बोले डीईओ?

संजय सिंह तोमर ( डीईओ, शिक्षा विभाग सीहोर) ने कहा कि कोठरी स्कूल की शिक्षिका द्वारा छात्राओं से मारपीट करने की शिकायत मिलने पर कार्रवाई की गई है। शिक्षिका को सस्पेंड कर विकासखंड अधिकारी कार्यालय सीहोर अटैच किया गया है।

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