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Sehore News: हिरण शिकार मामला, गिरफ्तारी के लिए पहुंची टीम पर ग्रामीणों ने बरसाए पत्थर, थाने का किया घेराव
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, सीहोर
Published by: सीहोर ब्यूरो
Updated Sat, 13 Dec 2025 12:15 PM IST
सार
सीहोर के पीथापुरा गांव में हिरण शिकार आरोपियों की तलाश में गई वन टीम और ग्रामीणों के बीच हिंसक झड़प हो गई। पत्थरबाजी, मारपीट और महिलाओं से बदसलूकी के आरोप लगे। दोनों पक्षों की शिकायत पर मामला दर्ज हुआ। पुलिस जांच जारी है।
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दबिश को लेकर गांव में तनाव।
- फोटो : अमर उजाला
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विस्तार
सीहोर जिले के सिद्दीकगंज थाना क्षेत्र के पीथापुरा गांव में देर रात हिरण शिकार प्रकरण के आरोपियों की तलाश में गई वन विभाग की टीम और ग्रामीणों के बीच माहौल अचानक विस्फोटक हो गया। हिरण का मांस बरामद होने के बाद से फरार चल रहे मुख्य आरोपी कान्हा, रघुवीर और अन्य की जानकारी मिलने पर दल ने गांव में दबिश दी। गिरफ्तारी से पहले ही गांव का माहौल बिगड़ गया और दोनों पक्ष आमने-सामने हो गए। हल्की नोकझोंक शुरू हुई जो कुछ ही मिनटों में मारपीट और हंगामे में बदल गई।
पत्थरबाजी से दहला गांव, वन अमले का आरोप, हमला कर रोकी कार्रवाई
वन विभाग का कहना है कि जैसे ही टीम ने आरोपियों की तलाश में गांव में प्रवेश किया, भीड़ इकट्ठी होने लगी। ग्रामीणों ने सरकारी कार्य में बाधा डालते हुए अचानक तेज आवाजों के साथ पत्थर बरसाना शुरू कर दिया। पत्थरबाजी इतनी तेज थी कि वन अमले को सुरक्षा को देखते हुए पीछे हटना पड़ा। इस दौरान गाली-गलौज और धक्का-मुक्की की स्थिति बन गई। डिप्टी रेंजर छगन भिलाला की शिकायत पर पुलिस ने कमल डुडवे, दयाराम, सियाराम सहित अन्य अज्ञात लोगों के खिलाफ शासकीय कार्य में बाधा, मारपीट और पथराव की धाराओं में केस दर्ज किया है।
ग्रामीणों का पलटवार, रात में शराब पीकर घरों में घुस आए
उधर, ग्रामीणों ने भी वन अमले पर गंभीर आरोप लगाए हैं। पीथापुरा की रानूबाई पति जीवन सिंह ने रिपोर्ट में कहा कि गुरुवार रात 3.20 बजे दरवाजा तोड़ने जैसी आवाज आई। घर में कोई पुरुष नहीं था। तभी कथित तौर पर शराब के नशे में धुत अधिकारी अंदर घुसे और बिस्तर-पलंग फेंककर उत्पात मचाया। महिलाओं से अभद्रता की, गाली-गलौज की और थप्पड़-मुक्कों से हमला किया। ग्रामीणों का आरोप है कि टीम बिना वारंट और बिना महिला स्टाफ के घर में घुसी, जो कानूनन अपराध है। इस शिकायत पर डिप्टी रेंजर, नाकेदार फैजल बर्नी, वनरक्षक विजय वर्मा और एक अज्ञात पर गंभीर धाराओं में प्रकरण दर्ज किया गया है।
ये भी पढ़ें- मोहन सरकार के दो साल: इंदौर के बाद अब भोपाल में भी होगा प्रदूषण मुक्त सफर, 21 दिसंबर से दौड़ेगी मेट्रो ट्रेन
थाने का घेराव, गुस्साए ग्रामीणों का सड़कों पर उमड़ा सैलाब
घटना के बाद शुक्रवार पीथापुरा और आसपास के गांवों के सैकड़ों ग्रामीण सिद्दीकगंज थाने पहुंच गए। थाने के बाहर भारी भीड़ जमा हो गई और ग्रामीणों ने आरोपियों पर कार्रवाई की मांग करते हुए घेराव कर दिया। महिलाएं सबसे आगे रहीं और वन अमले पर की गई कथित बर्बरता का विरोध किया। मौके पर पुलिस बल तैनात किया गया, ताकि स्थिति बिगड़ने न पाए। थाने में घंटों तक हंगामा चलता रहा, बाद में पुलिस ने समझाइश देकर भीड़ को शांत किया।
क्रास-कायमी से मामला और पेचीदा, दोनों पक्षों पर केस
पुलिस ने विवाद को तूल पकड़ते देख दोनों पक्षों की शिकायतों पर क्रास-कायमी कर दी है। मामले में कुल 6 नामजद और कई अज्ञात लोगों पर विभिन्न धाराओं में प्रकरण दर्ज किया गया है। हालांकि अभी तक किसी की गिरफ्तारी नहीं की गई है। सिद्दीकगंज थाना प्रभारी राजूसिंह बघेल ने बताया कि वन विभाग और ग्रामीण दोनों ने ही गाली-गलौज और मारपीट की रिपोर्ट दर्ज कराई है, जिसकी जांच चल रही है। जल्द ही वास्तविक तथ्यों के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।
झूठी FIR बनाम अत्याचार, दोनों की दलीलें आमने-सामने
रेंजर नवनीत झा ने बयान जारी कर कहा कि हिरण का शिकार गंभीर अपराध है और वन अमले पर ग्रामीणों ने हमला कर कार्रवाई रोकने की कोशिश की। उन्होंने ग्रामीणों की FIR को दबाव बनाने की रणनीति बताया। उधर, ग्रामीणों का कहना है कि वन टीम की ओर से बिना वजह अत्याचार किया गया, जिससे महिलाएं दहशत में हैं। अब मामला दोनों तरफ से आरोप-प्रत्यारोप में उलझ गया है और पुलिस जांच के बाद ही साफ होगा कि उस रात पीथापुरा में असल में क्या हुआ था।
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पत्थरबाजी से दहला गांव, वन अमले का आरोप, हमला कर रोकी कार्रवाई
वन विभाग का कहना है कि जैसे ही टीम ने आरोपियों की तलाश में गांव में प्रवेश किया, भीड़ इकट्ठी होने लगी। ग्रामीणों ने सरकारी कार्य में बाधा डालते हुए अचानक तेज आवाजों के साथ पत्थर बरसाना शुरू कर दिया। पत्थरबाजी इतनी तेज थी कि वन अमले को सुरक्षा को देखते हुए पीछे हटना पड़ा। इस दौरान गाली-गलौज और धक्का-मुक्की की स्थिति बन गई। डिप्टी रेंजर छगन भिलाला की शिकायत पर पुलिस ने कमल डुडवे, दयाराम, सियाराम सहित अन्य अज्ञात लोगों के खिलाफ शासकीय कार्य में बाधा, मारपीट और पथराव की धाराओं में केस दर्ज किया है।
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ग्रामीणों का पलटवार, रात में शराब पीकर घरों में घुस आए
उधर, ग्रामीणों ने भी वन अमले पर गंभीर आरोप लगाए हैं। पीथापुरा की रानूबाई पति जीवन सिंह ने रिपोर्ट में कहा कि गुरुवार रात 3.20 बजे दरवाजा तोड़ने जैसी आवाज आई। घर में कोई पुरुष नहीं था। तभी कथित तौर पर शराब के नशे में धुत अधिकारी अंदर घुसे और बिस्तर-पलंग फेंककर उत्पात मचाया। महिलाओं से अभद्रता की, गाली-गलौज की और थप्पड़-मुक्कों से हमला किया। ग्रामीणों का आरोप है कि टीम बिना वारंट और बिना महिला स्टाफ के घर में घुसी, जो कानूनन अपराध है। इस शिकायत पर डिप्टी रेंजर, नाकेदार फैजल बर्नी, वनरक्षक विजय वर्मा और एक अज्ञात पर गंभीर धाराओं में प्रकरण दर्ज किया गया है।
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थाने का घेराव, गुस्साए ग्रामीणों का सड़कों पर उमड़ा सैलाब
घटना के बाद शुक्रवार पीथापुरा और आसपास के गांवों के सैकड़ों ग्रामीण सिद्दीकगंज थाने पहुंच गए। थाने के बाहर भारी भीड़ जमा हो गई और ग्रामीणों ने आरोपियों पर कार्रवाई की मांग करते हुए घेराव कर दिया। महिलाएं सबसे आगे रहीं और वन अमले पर की गई कथित बर्बरता का विरोध किया। मौके पर पुलिस बल तैनात किया गया, ताकि स्थिति बिगड़ने न पाए। थाने में घंटों तक हंगामा चलता रहा, बाद में पुलिस ने समझाइश देकर भीड़ को शांत किया।
क्रास-कायमी से मामला और पेचीदा, दोनों पक्षों पर केस
पुलिस ने विवाद को तूल पकड़ते देख दोनों पक्षों की शिकायतों पर क्रास-कायमी कर दी है। मामले में कुल 6 नामजद और कई अज्ञात लोगों पर विभिन्न धाराओं में प्रकरण दर्ज किया गया है। हालांकि अभी तक किसी की गिरफ्तारी नहीं की गई है। सिद्दीकगंज थाना प्रभारी राजूसिंह बघेल ने बताया कि वन विभाग और ग्रामीण दोनों ने ही गाली-गलौज और मारपीट की रिपोर्ट दर्ज कराई है, जिसकी जांच चल रही है। जल्द ही वास्तविक तथ्यों के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।
झूठी FIR बनाम अत्याचार, दोनों की दलीलें आमने-सामने
रेंजर नवनीत झा ने बयान जारी कर कहा कि हिरण का शिकार गंभीर अपराध है और वन अमले पर ग्रामीणों ने हमला कर कार्रवाई रोकने की कोशिश की। उन्होंने ग्रामीणों की FIR को दबाव बनाने की रणनीति बताया। उधर, ग्रामीणों का कहना है कि वन टीम की ओर से बिना वजह अत्याचार किया गया, जिससे महिलाएं दहशत में हैं। अब मामला दोनों तरफ से आरोप-प्रत्यारोप में उलझ गया है और पुलिस जांच के बाद ही साफ होगा कि उस रात पीथापुरा में असल में क्या हुआ था।
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