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Bhai Dooj: जानिए आज कितने बजे है भाई दूज का शुभ मुहूर्त, किस समय भाई को तिलक करने से मिलेंगे धन-करियर के अवसर
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, उज्जैन
Published by: उज्जैन ब्यूरो
Updated Thu, 23 Oct 2025 06:02 AM IST
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सार
इस वर्ष भाई दूज तिलक का शुभ मुहूर्त प्रातः 06.27 से 07.53 तक, लाभ का मुहूर्त दोपहर 12.11.से 01.36 तक और राहु काल दोपहर 1.37 से 03.03 तक रहेगा। इस दौरान राहु काल का त्याग करें। जबकि शुभ मुहूर्त दोपहर 04.29 से 05.55 तक, और अमृत मुहूर्त शाम 05.55 से 07.59 तक रहेगा।

भाई दूज का मुहूर्त
- फोटो : अमर उजाला
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विस्तार
भाई दूज का पर्व हर भाई-बहन के लिए बेहद खास होता है। दिवाली के तीसरे दिन पड़ने वाला यह त्योहार रिश्ते की उस मिठास और अपनापन का प्रतीक है। इस बार भाई दूज 23 अक्तूबर दिन गुरुवार को है। इस दिन बहने अपने भाई के तिलक कर उनकी लंबी उम्र और तरक्की की कामना करती हैं। साथ ही, बहनें अपने भाइयों को प्यार के साथ अपने हाथों से बना हुआ भोजन खिलाती हैं। तो भाई भी अपनी बहन को आशीर्वाद और गिफ्ट देते हैं। इस दिन कई लोग तिलक लगाने में गलती करते हैं, जो कि ठीक नहीं माना जाता है। ऐसे में सवाल है कि आखिर भाई दूज पर भाई के तिलक कैसे करें। टीका लगाते समय मुंह किस तरफ रखें..? और तिलक लगाने का सही तरीका क्या है।

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पारंपरिक ज्योतिर्विद और बाबा गुमानदेव हनुमान गढ़ी के गादीपति पं. चंदन श्यामनारायण व्यास ने बताया कि हिंदू पंचांग के अनुसार इस वर्ष भाई दूज का शुभ पर्व 23 अक्टूबर 2025, गुरुवार को मनाया जाएगा। वैदिक गणना के अनुसार, कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि का प्रारंभ बुधवार 22 अक्टूबर की रात 8 बजकर 16 मिनट से हो गया है और यह तिथि 23 अक्टूबर की रात 10 बजकर 47 मिनट तक बनी रहेगी। इस दिन बहनें अपने भाइयों का तिलक कर उनकी लंबी उम्र और समृद्धि की कामना करती हैं। इस वर्ष भाई दूज तिलक का शुभ मुहूर्त प्रातः 06.27 से 07.53 तक, लाभ का मुहूर्त दोपहर 12.11.से 01.36 तक और राहु काल दोपहर 1.37 से 03.03 तक रहेगा। इस दौरान राहु काल का त्याग करें। जबकि शुभ मुहूर्त दोपहर 04.29 से 05.55 तक, और अमृत मुहूर्त शाम 05.55 से 07.59 तक रहेगा।
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तिलक कराते समय किस तरफ रखें मुंह
शास्त्रों के अनुसार, भाई को तिलक लगाते समय उत्तर या पूर्व दिशा की ओर मुख करके बैठना चाहिए। पारंपरिक ज्योतिर्विद और बाबा गुमानदेव हनुमान गढ़ी के गादीपति पं. चंदन श्यामनारायण व्यास ने बताया कि उत्तर दिशा धन और अवसरों की दिशा मानी जाती है। इस दिशा में तिलक करने से भाई के करियर और आर्थिक जीवन में स्थिरता आती है। पूर्व दिशा ज्ञान, बुद्धि और सकारात्मक ऊर्जा की दिशा मानी जाती है।
भाई दूज पूजन सामग्री
भाई दूज के दिन पूजा की थाली में सिंदूर, फूल, चावल के दाने, सुपारी, पान का पत्ता, चांदी का सिक्का, नारियल, फूल माला, मिठाई, कलावा, दूब घास और केला रखें। क्योंकि इन चीजों के बिना भाई दूज का पर्व अधूरा माना जाता है।
बहन के घर गए थे यमराज तभी से चली आ रही है परंपरा
भाई दूज का पर्व भाई-बहन के स्नेह, प्रेम और विश्वास का प्रतीक है। यह त्योहार दीपावली के अगले दिन, यानी कार्तिक शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को मनाया जाता है। इस दिन बहनें अपने भाइयों के माथे पर तिलक लगाकर उनके दीर्घायु, सुख और समृद्धि की कामना करती हैं। पौराणिक मान्यता के अनुसार, इसी दिन यमराज अपनी बहन यमुना के घर गए थे, जहां यमुनाजी ने उनका तिलक कर आदर-सत्कार किया था। तभी से यह परंपरा चली आ रही है कि इस दिन बहनें अपने भाइयों को तिलक कर उन्हें मिठाई खिलाती हैं और उनकी सुरक्षा की कामना करती हैं। भारत के विभिन्न राज्यों में इस पर्व को मनाने के अलग-अलग रीति-रिवाज हैं, लेकिन सभी जगह इसका भाव एक ही है , भाई-बहन के अटूट बंधन को मजबूत करना और एक-दूसरे के प्रति स्नेह व्यक्त करना।