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मवई धाम में वेदियों का पूजन

अमर उजाला ब्यूरो , फतेहपुर Updated Fri, 17 Nov 2017 12:42 AM IST
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Worship of the altars in the mavai dham
वेदियों का पूजन करते यजमान। - फोटो : अमर उजाला
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मवई धाम में सर्वजातीय सामूहिक विवाह उत्सव, विष्णु महायज्ञ एवं भागवत कथा का आयोजन शुरू हो गया। गुरुवार को यज्ञशाला में 11 आचार्यों ने विधि विधान से वेदियों का पूजन कराया। मंत्रोच्चार की हर तरफ गूंज रही। दूर-दूर से आए भक्तों ने पूजा अर्चना किया और विश्व कल्याण की प्रार्थना की।

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पंचकुंडीय विष्णु महायज्ञ के दूसरे दिन वेदियों का पूजन किया गया। यजमानों ने देवी देवताओं का आह्वान किया। नोएडा से आए आचार्य सत्य प्रकाश दीक्षित अपने 10 आचार्यों के साथ यजमानों से देवताओं का आह्वान एवं वेदियों का पूजन कराया। यजमान संतोष सिंह बाबुन, महेंद्र माधव गढ़िया, किरन माधव गढ़िया कलकत्ता, सुरेश गोयल कलकत्ता, कांता गोयल, गजेंद्र पाल सिंह अलीगढ़, शशि सिंह अलीगढ़ ने विधि विधान से पूजा अर्चना की।
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जम्मू, पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, झांसी, हरिद्वार से सैकड़ों भक्तों और संतों ने डेरा डाल दिया है। भोजन आदि की व्यवस्था के लिए भंडारा चल रहा है। भक्तों को प्रसाद दिया जा रहा है। व्यवस्था देख रहे स्वामी सिद्ध स्वरूप जी महाराज, महामंडलेश्वर ज्योतिमर्यानंद जी ने बताया कि आयोजन में भक्तों की भीड़ जुट रही है। 22 नवंबर तक भागवत महापुराण कथा और 23 को सामूहिक विवाह का आयोजन होगा।

गरीब बेटियों की शादी में आगे आएं अमीर
अमौली। पत्रकारों से बातचीत करते हुए महामंडलेश्वर परमांनद जी महाराज ने कहा कि आयोजन का उद्देश्य सर्व धर्म सर्वजातीय समाज को एक करना है। जो अमीर लोग अपने बेटे-बेटियों की शादी में करोड़ों रुपये खर्च करते हैं, वे लोग साथ में यदि दस गरीब कन्याओं का भी विवाह करा दें तो उनका भला हो जाए। हिंदू के साथ मुस्लिम, ईसाई समाज के लोग अभियान में शामिल होते हैं तो उनकी बेटियों की शादी भी धर्म के अनुसार कराई जाएगी।

सभी जातियों को एक साथ बराबरी का दर्ज मिलना चाहिए, लेकिन क ुछ लोग यह स्वीकार करने को तैयार नहीं हैं। आतंकवाद देश की बड़ी समस्या है, इसके खात्मे के लिए सरकार को ठोस कदम उठाने की जरूरत है। जो लोग संस्कारित और अच्छे हैं उन्हें भगवा आतंकवाद का नाम देकर बदनाम किया जा रहा है। यह आयोजन सिर्फ रस्म अदायगी मात्र नहीं है, बल्कि बेटियों की शादी का भव्य आयोजन है जिसमें सभी को मिलकर साथ देना चाहिए।

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