Lal Kitab Remedies: लाल किताब का वास्तु वैदिक ज्योतिष के वास्तु से थोड़ा भिन्न है। इसमें मकान कुंडली के बारे में बताया गया है। इस संबंध में दो बाते हैं। पहला यह कि यदि किसी की जन्म तारीख, समय आदि की जानकारी नहीं है तो मकान का वास्तु देखकर कुंडली बनाई जाती है और फिर उसके अनुसार उसके जीवन में क्या चल रहा है यह समझा जाता है। दूसरा यह कि जिस ग्रह की जो दिशा है उस दिशा में उसके शत्रु ग्रहों की वस्तु या वास्तु रचना है तो जीवन में कई तरह की समस्याओं का जन्म होगा। लाल किताब में प्रत्येक भाव, खाना या घर एक दिशा का प्रतिनिधित्व करता है। यहां जानते हैं ईशान दिशा के बारे में विस्तार से।
Lal Kitab Upay: ईशान दिशा में बाथरूम या टॉयलेट है तो संतान को होगा कष्ट, जानें इसके उपाय
Lal Kitab Upay For Ishan Kon: लाल किताब का वास्तु वैदिक ज्योतिष के वास्तु से थोड़ा भिन्न होता है। लाल किताब में प्रत्येक भाव, खाना या घर एक दिशा का प्रतिनिधित्व करता है। यहां जानते हैं ईशान दिशा के बारे में विस्तार से।
ईशान दिशा और चतुर्थ भाव
1. लाल किताब के अनुसार कुंडली का चतुर्थ भाव ईशान अर्थात पूर्व और उत्तर के बीच की दिशा का प्रतिनिधित्व करता है।
2. चतुर्थ भाव का मालिक चंद्रमा है और ईशान दिशा का मालिक गुरु।
3. चंद्रमा मन की शांति और बृहस्पति पुत्र को प्रभावित करता है।
ईशान दिशा में दोष तो चतुर्थ भाव खराब:
1. ईशान दिशा में यदि टॉयलेट बनी है तो मानसिक तनाव बना रहेगा और पुत्र की जिंदगी में कई तरह की परेशानियां खड़ी होगी।
2. पुत्र यदि विद्यार्थी है तो शिक्षा में रुकावट, नौकरीपेशा है तो नौकरी में परेशानी, विवाहित है तो वैवाहिक जीवन में समस्या खड़ी होगी।
3. टॉयलेट नहीं है लेकिन राहु और शनि से संबंधित वस्तुएं रखी हैं। जैसे कबाड़, टूटे कांच, गंदगी और लोहा लंगर पड़ा है तो भी भी संकट बना रहेगा।
4. यदि अटैच लेट-बाथ है तो चतुर्थ भाव और भी ज्यादा खराब होगा। घर की सुख शांति चली जाएगी। घर बिखरा हुआ होगा। दरवाजे के पीछे कपड़े टांगने की जगह होगी।
5. ईशान कोण में शौचालय है तो यह कई तरह के गंभीर रोग को भी जन्म देगा। घटना-दुर्घटना बढ़ना और धन की हानि होने लगती है।
6. इससे चंद्र ग्रहण दोष, आपसी मनमुटाव, द्वेष की भावना और कलह भी होने लगती है।
- सबसे पहला उपाय तो यह है कि शौचालय हटा दें।
- दूसरा उपाय यदि शौचालय नहीं हटा सकते हैं और पुत्र परेशान है तो पुत्र को घर से बाहर कहीं भेज दें जहां वह रह सके।
- तीसरा उपाय यदि यह दोनों कार्य नहीं कर सकते हैं तो अपनी कुंडली में देखें कि वर्षफल में चंद्र और गुरु शुभ हैं या नहीं। शुभ है तो ठीक, नहीं है तो स्टील या चांदी के बर्तन में चने की दाल और चावल बराबर मात्रा में मिक्स करके उसे बंद करके एक साल के लिए घर में कहीं रख दें। लेकिन यह काम किसी लाल किताब के विशेषज्ञ से अपनी कुंडली की जांच कराकर ही करें।

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