पहले के समय में ही नहीं आज भी लोग शगुन अपशगुन मानते हैं। जैसे किसी कार्य के लिए जाते समय कोई छींक दें या बिल्ली रास्ता काट जाए तो लोग इसे अपशगुन मानते हैं। भले ही इन बातों का कोई वैज्ञानिक आधार न हो लेकिन लोगों में शगुन-अपशगुन को लेकर बहुत सारी मान्यताएं हैं। पितृ पक्ष के दिनों में कौए को ग्रास दिया जाता है। मान्यता है कि कौए पितर का रूप होते हैं। आज कौए से जुड़ी ऐसी ही मान्यताओं और शकुनशास्त्र के आधार पर जानते हैं कि कब कौए का दिखना माना जाता है अशुभ और कब कौए का दिखना देता है धन लाभ...
Pitru Paksha 2020 : जानिए कब कौए का दिखना देता है धन लाभ, कब माना जाता है अपशकुन
अगर सुबह को घर के सामने आपको कौआ बोलता हुआ दिखे तो इसे शुभ माना जाता है। मानते हैं कि घर में कोई मेहमान आने वाला है, यह मान-सम्मान और धन आगमन का संकेत भी माना जाता है।
अगर आपके पीछे की तरफ से आपको कौए की आवाज आए तो मानते हैं कि सारी समस्याएं जल्द ही समाप्त होने वाली हैं। चोंच से भूमि खोदते हुए कौए को देखना भी धन लाभ का संकेत माना जाता है।
अगर किसी महिला के सिर पर कौआ बैठ जाए तो यह उस महिला के पति पर संकट आनने का संकेत माना जाता है। वहीं अगर कौआ बहुत तेज कर्कशता से चिल्लाता हुआ नजर आए और पंखों को जोर-जोर से फड़फड़ाए तो यह अपशगुन माना जाता है।
आप रास्ते में जा रहे हैं और आपको पानी पीते हुए कौआ दिखे तो यह आपको धन लाभ होने का संकेत हो सकता है। कार्य में सफलता भी मिलती है। इसी तरह से रोटी का टुकड़ा या खाने का तिनका चोंच में दबाए हुए कौआ नजर आए तो यह भी धन लाभ का संकेत होता है।

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