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EV Battery: यह ईवी बैटरी अपनी आग खुद बुझा सकती है, 1000 चार्जिंग के बाद भी लगभग 88% पावर रख सकती है बरकरार

ऑटो डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली Published by: अमर शर्मा Updated Tue, 14 Jan 2025 05:59 PM IST
सार

दुनिया भर में इलेक्ट्रिक वाहनों की बढ़ती लोकप्रियता के साथ ही ईवी बैटरी टेक्नोलॉजी में भी उल्लेखनीय सुधार देखने को मिल रहा है। दुनिया भर में इलेक्ट्रिक वाहनों को बेहतर बनाने के लिए नई ईवी बैटरी तकनीकों की खोज और विकास जारी है।

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Electric Car Charging - फोटो : Freepik
दुनिया भर में इलेक्ट्रिक वाहनों की बढ़ती लोकप्रियता के साथ ही ईवी बैटरी टेक्नोलॉजी में भी उल्लेखनीय सुधार देखने को मिल रहा है। दुनिया भर में इलेक्ट्रिक वाहनों को बेहतर बनाने के लिए नई ईवी बैटरी तकनीकों की खोज और विकास जारी है। इसी बीच दक्षिण कोरिया के डेगू ग्योंगबुक इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी (DGIST) ने एक नई लिथियम मेटल बैटरी बनाने का दावा किया है। जिसमें ट्रिपल-लेयर सॉलिड पॉलीमर इलेक्ट्रोलाइट है।


दावा किया जाता है कि आग लगने की स्थिति में यह खुद ही बुझ सकती है और 1,000 चार्जिंग साइकिल के बाद भी इसका प्रदर्शन मजबूत बना रहता है। हालांकि, यह स्पष्ट नहीं है कि इस बैटरी का व्यावसायिक उत्पादन कब शुरू होगा।
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Electric Car Charging - फोटो : Freepik
इस बैटरी को क्या खास बनाता है
DGIST द्वारा विकसित इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए लिथियम बैटरी ईवी बैटरी टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में एक नए युग की शुरुआत कर सकती है। पारंपरिक सॉलिड पॉलीमर इलेक्ट्रोलाइट बैटरी पैक लिथियम-आयन के साथ आते हैं। जो बैटरी के चार्जिंग और डिस्चार्जिंग के दौरान डेंड्राइट नाम के छोटे पेड़ जैसी संरचनाएं बनाते हैं।

ये डेंड्राइट बैटरी में आंतरिक कनेक्शन को नुकसान पहुंचा सकते हैं। जिससे आग और विस्फोट का जोखिम काफी बढ़ जाता है। यह जोखिम कारक लिथियम बैटरी पैक की क्षमता को अधिकतम करने में एक महत्वपूर्ण कारक रहा है।
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Electric Car Charging - फोटो : Freepik
DGIST नई बैटरी के इनोवेशन का दावा करता है। जिसमें थर्मल और स्ट्रक्चरल सेफ्टी (संरचनात्मक सुरक्षा) के साथ-साथ प्रदर्शन को बढ़ाने के लिए डिजाइन की गई ट्रिपल-लेयर इलेक्ट्रोलाइट संरचना है। इस बैटरी में नरम बाहरी परतें हैं जो इलेक्ट्रोड के साथ अच्छा संपर्क सुनिश्चित करती हैं। जबकि एक मजबूत मध्य परत बैटरी की संरचनात्मक अखंडता में सुधार करती है, और इसे आग जैसी थर्मल परेशानियों से बचाती है।

इसमें डेकाब्रोमोडिफेनिल इथेन नाम का एक अग्नि शमन है, जो लिथियम नमक और जिओलाइट का हाई कंसन्ट्रेशन (उच्च सांद्रता) है। यह बैटरी पैक के ओवरऑल पावर को बढ़ाने का दावा करता है।
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Electric Car Charging - फोटो : Freepik
DGIST का यह भी दावा है कि यह बैटरी पैक सिर्फ बेहतर अग्नि सुरक्षा के बारे में नहीं है। बल्कि बड़ी संख्या में चार्जिंग साइकिल के बाद भी काफी मात्रा में पावर बनाए रखता है। दावा किया जाता है कि यह 1,000 चार्जिंग और डिस्चार्जिंग साइकिल के बाद 87.9 प्रतिशत बैटरी पावर बनाए रखता है।

यह ईवी की मौजूदा दौर की ईवी में उपयोग की जाने वाली अधिकांश मौजूदा बैटरियों की तुलना में एक और महत्वपूर्ण बैटरी टेक्नोलॉजी सुधार को दर्शाता है। जो आमतौर पर समान संख्या में चार्जिंग साइकिल में अपनी क्षमता का 20-30 प्रतिशत खो देते हैं।
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