सब्सक्राइब करें

EV Battery: हुआवेई ने पेश की नई ईवी बैटरी तकनीक, 3,000 किमी की रेंज और सिर्फ 5 मिनट में फुल चार्ज का दावा

ऑटो डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली Published by: अमर शर्मा Updated Tue, 01 Jul 2025 03:48 PM IST
सार

Huawei (हुआवेई) ने इलेक्ट्रिक गाड़ियों के भविष्य को लेकर एक बेहद दिलचस्प और साहसिक दावा किया है। कंपनी ने ऐसी बैटरी तकनीक पर पेटेंट फाइल किया है जो एक बार चार्ज होकर 3,000 किलोमीटर तक की दूरी तय कर सकती है।

विज्ञापन
Huawei Unveils EV Battery Tech Promising 3000 km Range and Full Charge in 5 Minutes
Electric Car Charging - फोटो : Freepik
Huawei (हुआवेई) ने इलेक्ट्रिक गाड़ियों के भविष्य को लेकर एक बेहद दिलचस्प और साहसिक दावा किया है। कंपनी ने ऐसी बैटरी तकनीक पर पेटेंट फाइल किया है जो एक बार चार्ज होकर 3,000 किलोमीटर तक की दूरी तय कर सकती है। और सबसे खास बात यह है कि इसे 0 से 100 प्रतिशत तक चार्ज करने में सिर्फ 5 मिनट लगते हैं। ये तकनीक सॉलिड-स्टेट बैटरियों पर आधारित है, जिनकी एनर्जी डेंसिटी और चार्जिंग स्पीड आज के मुकाबले कहीं ज्यादा है।


यह भी पढ़ें - Carbon Emission: कार्बन उत्सर्जन को लेकर सरकार की सख्ती पर ऑटो कंपनियों की नाराजगी, अरबों के जुर्माने का डर
Huawei Unveils EV Battery Tech Promising 3000 km Range and Full Charge in 5 Minutes
Electric Car Charging - फोटो : Freepik
कैसी है यह नई तकनीक?
हुआवेई की इस बैटरी में नाइट्रोजन-डोप्ड सल्फाइड इलेक्ट्रोड का इस्तेमाल किया गया है। जिससे समय के साथ बैटरी की क्षमता घटने की समस्या को कम किया जा सके। कंपनी का दावा है कि ये सेल 400 से 500 Wh/kg तक की एनर्जी डेंसिटी दे सकती है। जो मौजूदा लिथियम-आयन बैटरियों के मुकबले करीब तीन गुना ज्यादा है।

सिद्धांत रूप में देखें तो इतनी ज्यादा डेंसिटी वाली बैटरी एक मिड-साइज इलेक्ट्रिक कार को एक बार चार्ज में लगभग 3,000 किलोमीटर तक चला सकती है। हालांकि, यह आंकड़ा चीन की CLTC टेस्टिंग पर आधारित है, जो आम तौर पर बहुत ही आशावादी होती है। अगर इसे अमेरिका के EPA जैसे सख्त मानकों से आंका जाए, तो रेंज घटकर लगभग 2,000 किलोमीटर रह जाती है। लेकिन ये भी आज की ज्यादातर ईवी से कहीं आगे है।

यह भी पढ़ें - DCT SUV: मैनुअल गियर वाली कारों से हो गई है थकान? ये हैं DCT गियरबॉक्स वाली कुछ बेहतरीन कॉम्पैक्ट एसयूवी
विज्ञापन
विज्ञापन
Huawei Unveils EV Battery Tech Promising 3000 km Range and Full Charge in 5 Minutes
Electric Car Charging - फोटो : Freepik
सच्चाई और व्यवहारिकता के बीच का फासला
हालांकि तकनीक बहुत रोमांचक लगती है, लेकिन असलियत में इसे लागू करना इतना आसान नहीं है। इतनी ज्यादा क्षमता वाली बैटरी को कार में फिट करने के लिए उसे काफी बड़ा और भारी बनाना पड़ेगा। अनुमान है कि यह बैटरी एक छोटी कार के वजन जितनी भारी होगी। इससे उत्पादन लागत, कार की कीमत और एफिशिएंसी, सब पर असर पड़ेगा। और यही वो बातें हैं जिन्हें इलेक्ट्रिक गाड़ियां अब तक बेहतर बनाती आई हैं।

ज्यादा व्यवहारिक विकल्प यह हो सकता है कि कंपनियां इस तकनीक का इस्तेमाल कर हल्की और छोटी बैटरियां बनाएं, जो फिर भी 800 से 1000 किलोमीटर की रेंज दे सकें। इससे ना केवल गाड़ी हल्की और फुर्तीली रहेगी, बल्कि उसकी लागत भी नियंत्रण में रहेगी। जो आम ग्राहकों के लिए कहीं ज्यादा मुफीद है।

यह भी पढ़ें - EV: ईवी चार्जिंग व्यवस्था को मजबूत करने की दिशा में यूपी एक कदम आगे, यह काम करने वाला बना देश का पहला राज्य
Huawei Unveils EV Battery Tech Promising 3000 km Range and Full Charge in 5 Minutes
Electric Car Charging - फोटो : Freepik
क्या सचमुच ये तकनीक आम होगी?
सॉलिड-स्टेट बैटरियों को कई वर्षों से एक गेम-चेंजर के रूप में देखा जा रहा है। और हुआवेई अकेली कंपनी नहीं है जो इस दिशा में काम कर रही है। लेकिन चाहे तकनीकी बाधाएं पार भी कर ली जाएं, असली चुनौती यह होगी कि क्या यह तकनीक बड़े स्तर पर सस्ती और व्यवहारिक बन पाएगी।

कार कंपनियां ऐसी तकनीकों को तभी अपनाएंगी जब वे गाड़ियों के आकार या कीमत को बढ़ाए बिना रेंज और चार्जिंग टाइम को बेहतर बना सकें।

यह भी पढ़ें - Apple CarPlay Ultra: मर्सिडीज, ऑडी और वोल्वो ने एपल कारप्ले अल्ट्रा को अपनाने से किया इनकार, जानें वजह
विज्ञापन
Huawei Unveils EV Battery Tech Promising 3000 km Range and Full Charge in 5 Minutes
Electric Car - फोटो : FREEPIK
क्या 3,000 किमी रेंज की जरूरत भी है?
भविष्य में अगर हुआवेई की यह तकनीक सफल हो भी जाती है, तब भी सवाल यही रहेगा कि क्या हमें सच में 3,000 किलोमीटर रेंज वाली ईवी चाहिए। जब तक चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर, किफायती कीमत और लोगों की व्यवहारिक जरूरतें नहीं बदलतीं, तब तक इतनी ज्यादा रेंज वाली गाड़ियां ज्यादा उपयोगी नहीं होंगी। लेकिन इतना तय है कि यह तकनीक भविष्य की दिशा में एक बड़ा कदम जरूर हो सकती है। 

यह भी पढ़ें - Rare Earths: चीनी मंजूरी का इंतजार कर रहा भारतीय ऑटो इंडस्ट्री का प्रतिनिधिमंडल, चीन यात्रा के लिए अब तक नहीं हो सका रवाना 

यह भी पढ़ें - Second Hand Cars: क्या पुरानी कार खरीदना बहुत रिस्की है? नए खरीदारों ने क्यों कहा 'ना', रिपोर्ट से खुलासा

विज्ञापन
अगली फोटो गैलरी देखें
सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट अमर उजाला पर पढ़ें ऑटोमोबाइल समाचार से जुड़ी ब्रेकिंग अपडेट। ऑटोमोबाइल जगत की अन्य खबरें जैसे लेटेस्ट कार न्यूज़, लेटेस्ट बाइक न्यूज़, सभी कार रिव्यू और बाइक रिव्यू आदि से संबंधित ब्रेकिंग न्यूज़
 
रहें हर खबर से अपडेट, डाउनलोड करें अमर उजाला हिंदी न्यूज़ APP अपने मोबाइल पर।
Amar Ujala Android Hindi News APP Amar Ujala iOS Hindi News APP
विज्ञापन
विज्ञापन

एड फ्री अनुभव के लिए अमर उजाला प्रीमियम सब्सक्राइब करें

Next Article

एप में पढ़ें

Followed