Moon: चीन का अंतरिक्ष यान चांग ई-6 (CHANG'E-6) जून में चंद्रमा (Moon) के सुदूर हिस्से से नमूना लेकर वापस आया था। चांद के इस भाग को पृथ्वी से कभी नहीं देखा जा सकता है। ऐसे मिशन को पूरा करने वाला यह पहला अंतरिक्ष यान है। चांद के रहस्यों को जानने के लिए शोध कर रहे वैज्ञानिकों को बड़ी सफलता मिली है। चांद की मिट्टी को लेकर चौंकाने वाला खुलासा हुआ है। चीन का चांग ई-6 मिशन चंद्रमा के आखिरी छोर यानी सुदूरवर्ती हिस्से से नूमना लेकर आया था।
Moon Soil: आखिर चांद की मिट्टी में क्या है? चीन के मिशन ने किया चौंकाने वाला खुलासा, वैज्ञानिक भी हुए हैरान
इससे साथ ही चांग ई-6 के नमूनों में बेसाल्ट, ब्रेक्सिया, एग्लूटिनेट, ग्लासेस और ल्यूकोक्रेट जैसे विभिन्न पाषाण खंड मिले हैं। भू-रासायनिक विश्लेषण से जानकारी सामने आई है कि इनमें थोरियम, यूरेनियम और पोटेशियम जैसे सूक्ष्म तत्वों की सांद्रता अपोलो और चांग ई-5 मिशन के नमूनों से काफी अलग है।
दरअसल, चीन ने मई 2023 में 53 दिन के चंद्र अन्वेषण मिशन की शुरुआत की थी। यह मानव चंद्र अन्वेषण के इतिहास में एक बेहद अहम कदम था। चांग ई-6 मिशन में एक ऑर्बिटर, लैंडर, एसेंडर और एक मॉड्यूल शामिल था।
चीन इस मिशन के तहत चंद्रमा से 1,935.3 ग्राम नमूने लाया था। चीनी विज्ञान अकादमी की राष्ट्रीय खगोलीय वेधशालाओं, चंद्र अन्वेषण एवं अंतरिक्ष इंजीनियरिंग केंद्र तथा बीजिंग अंतरिक्ष यान प्रणाली इंजीनियरिंग संस्थान के सदस्यों ने मिलकर संयुक्त रूप से यह शोध किया है।
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भारत के चंद्रयान-1 ने 2009 में चांद को लेकर बड़ा खुलासा किया है। भारत के इस मिशन ने चंद्रमा के सूर्य प्रकाश वाले इलाकों में ऑक्सीजन और हाइड्रोजन के रूप में हाइड्रेटेड खनिजों की खोज की थी। चंद्रमा के सतह और उसके रसायनिक अभिकरण के अध्ययन के लिए यह जानकारी बेहद अहम है।