Venus Orbiter Mission: चंद्रयान-मंगलयान मिशन की सफलता के बाद अब भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) वीनस मिशन की तैयारी में जुटा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली कैबिनेट ने बुधवार को शुक्रयान यानी वीनस ऑर्बिटर मिशन (Venus Orbiter Mission-VOM) को मंजूरी दे दी। इसरो का लक्ष्य चंद्रयान और मंगलयान की सफलता के बाद अब शुक्र ग्रह का अध्ययन करना है। पृथ्वी से शुक्र नजदीक है। इसलिए इसके अध्ययन से नई जानकारियां मिलेंगी। वीनस ऑर्बिटर मिशन के तहत एक विशेष अंतरिक्ष यान तैयार किया जाएगा।
Venus Orbiter Mission: क्या है इसरो का वीनस मिशन, कब होगा लाॅन्च? जानिए इसके बारे में सबकुछ
कब लॉन्च होगा मिशन?
इसरो की अंतरिक्ष यान को बनाने और लॉन्च करने की जिम्मेदारी होगी। इसरो इस मिशन को मार्च 2028 में लॉन्च कर सकता है, क्योंकि उस समय शुक्र ग्रह पृथ्वी के पास होगा। साथ ही सरकार ने इस मिशन के लिए 1236 करोड़ रुपये के फंड को मंजूदी दी है। इसमें से 824 करोड़ रुपए सिर्फ शुक्रयान अंतरिक्ष यान पर खर्च होगा।
''शुक्र को समझने के लिए जरूरी है मिशन'
इसरो प्रमुख डॉ. एस सोमनाथ ने बीते साल इंडियन नेशनल साइंस एकेडमी में एक व्याख्यान के दौरान कहा था कि शुक्र के वायुमंडल और उसके एसिडिक व्यवहार को समझने के लिए वहां एक मिशन भेजना जरूरी है। ताकि शुक्र ग्रह के वायुमंडलीय दबाव का अध्ययन किया जा सके। शुक्र ग्रह का वायुमंडलीय दबाव पृथ्वी से 100 गुना अधिक है।
शुक्रयान एक ऑर्बिटर मिशन है। इसका मतलब यह है कि अंतरिक्ष यान शुक्र के चारों तरफ चक्कर लगाते हुए अध्ययन करेगा। इसमें वैज्ञानिक पेलोड्स होंगे, हालांकि दो सबसे पेलोड्स हैं, जो हाई रेजोल्यूशन सिंथेटिक अपर्चर रडार और ग्राउंड पेनिट्रेटिंग रडार हैं। शुक्रयान अंतरिक्ष से शुक्र ग्रह की भौगोलिक सरंचना और ज्वालामुखीय गतिविधियों का अध्ययन करेगा। ग्रह के जमीनी गैस उत्सर्जन, हवा की गति, बादलों और दूसरी चीजों का भी अध्ययन करेगा। इसरो का यह मिशन चार साल का होगा।
Baba Vanga Predictions: बाबा वेंगा की साल 2024 की कई भविष्यवाणियां हुईं सच! क्या इस साल दुनिया में मचेगी तबाही?
क्यों जरूरी है शक्र ग्रह?
शक्र ग्रह पृथ्वी के सबसे पास है। माना जाता है कि यह सोलर सिस्टम का पहला ग्रह है, जहां जीवन था। सबसे खास बात यह है कि यह बिल्कुल पृथ्वी की तरह था और पृथ्वी जैसा आकार भी है। वहां पर भी महासागर था और जलवायु भी पृथ्वी जैसा था। लेकिन अब शुक्र ग्रह रहने लायक नहीं है।
Wolf vs Human: आखिर क्यों इंसानों के दुश्मन बन गए हैं भेड़िये? जानिए क्या कहते हैं एक्सपर्ट्स