बटाला क्षेत्र से तीन बार विधायक रह चुके अश्वनी सेखरी ने सोमवार को संयुक्त हिंदू महासभा का गठन किया। इस मौके पर कांग्रेस प्रधान नवजोत सिंह सिद्धू भी पहुंचे। जहां सिद्धू एक बार फिर अपनी ही सरकार पर बरस पड़े। उन्होंने पंजाब कैबिनेट के फैसलों पर सवाल खड़े करते हुए कहा कि ऐसे खोखले वादे जिनके पीछे न तथ्य हैं और न सच्चाई, उनसे कांग्रेस पार्टी की मदद नहीं हो पाएगी। अगर सत्ता में लोग झूठ के जरिए लोगों को गुमराह करने की कोशिश करते हैं तो पार्टी के साथ कोई खड़ा नहीं होगा। सिद्धू ने कहा कि पंजाब के कल्याण पर ही सिद्धू का कल्याण निहित है। पंजाब का कल्याण कैसे होगा कोई नहीं बताता और न ही कोई पूछता है। पौने पांच साल ठोका-ठोक, जुल्म और आखिरी दो महीने में लॉलीपॉप बांटा जा रहा है। लेकिन उनसे पूछो कि कहां से दोगे। सवाल बड़ा यह है कि झूठ बोलकर और 500 रुपये देकर सिर्फ सत्ता पाना मकसद है या फिर पंजाब के लोगों का कल्याण करना है।
सिद्धू ने कहा कि राजनीति एक धंधा बन चुकी है। अब मिशन नहीं रही। राजनेताओं पर जो विश्वास उठ गया है उसे वापस लाना मेरा मकसद है। सिद्धू ने कहा कि मर जाऊंगा लेकिन पंजाब का हित नहीं बिकने दूंगा। पंजाब पर पांच लाख करोड़ रुपये का कर्ज है। पंजाब में 225 करोड़ रुपये का टैक्स सिर्फ अमीर आदमी देते हैं।
50 हजार करोड़ रुपये का टैक्स आम आदमी आटा, चीनी, दाल, तेल और पेट्रोल जैसी चीजों पर देता है। अब आंख खोलने का समय है। यह धर्मयुद्ध है और मैं हार नहीं सकता हूं। इस बार वोट एजेंडे पर देना, लॉलीपॉप पर नहीं। खजाना भरा होने पर झूठ बोला जा रहा है। उन्होंने सरकारी खजाने की खराब स्थिति पर अफसोस जताया और कहा कि माफियाओं द्वारा लूटे गए धन को राज्य के खजाने में वापस लाने का काम सरकार को करना चाहिए।
मैं हिंदू या सिख तय कर लीजिए
नवजोत सिंह सिद्धू ने कहा कि जिस समाज में महिलाओं का सम्मान नहीं होगा वह तबाह हो जाएगा। उन्होंने कहा कि मेरी मां हिंदू और पिता गुर सिख थे। तय कर लीजिए कि मैं हिंदू हूं या सिख। हिंदू महासभा के मंच से सिद्धू ने कहा कि आज से आपका दर्द मेरा दर्द है। किरदार वह है जो अपने स्वार्थ में समाज का हित देखे।
उधर, महासभा के अध्यक्ष और पूर्व विधायक अश्विनी सेखरी ने कहा संयुक्त हिंदू महासभा एक गैर-राजनीतिक संगठन है। महासभा के जरिए अब सूबे के हिंदुओं की आवाज को बुलंद किया जाएगा। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री चन्नी के इर्द-गिर्द चाटुकार इकट्ठे हो गये हैं, जो पहले कैप्टन अमरिंदर सिंह को घेरे रहते थे, जिस कारण पंजाब की अनदेखी हो रही है। हम सीएम के चारों तरफ बने इस घेरे को खत्म करना चाहते हैं।