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Chamoli Avalanche: हर तरफ बर्फ ही बर्फ... दिन ढलने के साथ पसर गई मायूसी, अभी बाकी है आस; तस्वीरें
विमल सिंह, अमर उजाला, गोपेश्वर
Published by: शाहरुख खान
Updated Sun, 02 Mar 2025 07:44 AM IST
सार
माणा के पास हिमस्खलन क्षेत्र में दूसरे दिन शनिवार को पांच लापता मजदूर नहीं मिल पाए। शनिवार को 17 मजूदरों को निकाला गया। जबकि 33 लोगों को शुक्रवार को सुरक्षित निकाल लिया गया था। चार मजदूरों की मौत हो गई है।
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Chamoli Avalanche
- फोटो : अमर उजाला
माणा के पास हिमस्खलन क्षेत्र में दूसरे दिन सेना, आईटीबीपी और एनडीआरएफ ने रेस्क्यू अभियान चलाया। बर्फ में दबी कई जिंदगियों को सुरक्षित निकाला। मगर दिन ढलने के साथ ही फंसे पांच मजदूरों को निकालने की उम्मीदें भी धुंधली होती गई। अब रविवार को फिर रेस्क्यू अभियान चलेगा, उम्मीद की जा रही है कि पांच मजदूरों को भी सुरक्षित निकाल लिया जाएगा।
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चमोली में हिमस्खलन
- फोटो : संवाद न्यूज एजेंसी
पांच लापता मजदूर अभी तक नहीं मिल पाए
शनिवार को एनडीआरएफ की टीम भी अभियान में शामिल हुई। इसके साथ ही मजदूरों के सुरक्षित निकलने की उम्मीदें भी बढ़ती गई। जवानों ने बर्फ में दबे 17 अन्य मजदूरों को निकाला, हालांकि उनमें चार की मौत हो गई। जबकि पांच लापता मजदूर नहीं मिल पाए।
शनिवार को एनडीआरएफ की टीम भी अभियान में शामिल हुई। इसके साथ ही मजदूरों के सुरक्षित निकलने की उम्मीदें भी बढ़ती गई। जवानों ने बर्फ में दबे 17 अन्य मजदूरों को निकाला, हालांकि उनमें चार की मौत हो गई। जबकि पांच लापता मजदूर नहीं मिल पाए।
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सेना और आईटीबीपी के जवान
- फोटो : संवाद न्यूज एजेंसी
फंसे मजदूरों को सुरक्षित निकालने की उम्मीद
जैसे-जैसे दिन ढलता गया जवान भी तेजी से हाथ चलाते रहे, इस आस से कि शाम होने से पहले कोई तो सुरक्षित मिल जाए, मजदूरों को तलाशते शाम हो गई, मगर उनका कुछ पता नहीं चला। अंधेरा होने और तापमान में गिरावट के चलते रेस्क्यू अभियान रोकना पड़ा। हालांकि सेना, आईटीबीपी, एनडीआरएफ, प्रशासन व आम लोगों को उम्मीद है कि फंसे मजदूरों को रविवार तक सुरक्षित निकाल लिया जाएगा।
जैसे-जैसे दिन ढलता गया जवान भी तेजी से हाथ चलाते रहे, इस आस से कि शाम होने से पहले कोई तो सुरक्षित मिल जाए, मजदूरों को तलाशते शाम हो गई, मगर उनका कुछ पता नहीं चला। अंधेरा होने और तापमान में गिरावट के चलते रेस्क्यू अभियान रोकना पड़ा। हालांकि सेना, आईटीबीपी, एनडीआरएफ, प्रशासन व आम लोगों को उम्मीद है कि फंसे मजदूरों को रविवार तक सुरक्षित निकाल लिया जाएगा।
रेस्क्यू में जुटे सेना और आईटीबीपी के जवान
- फोटो : संवाद न्यूज एजेंसी
हर तरफ बर्फ ही बर्फ, उसमें मजदूरों की तलाश करना बेहद चुनौतीपूर्ण
यहां पिछले दो दिन भारी बर्फबारी हुई। सात से आठ फीट तक बर्फ जमी हुई है। चारों तरफ बर्फ के अलावा कुछ नजर नहीं आ रहा। जहां हिमस्खलन हुआ है वहां बर्फ और भी ज्यादा है। ऐसे में मजदूरों की सही लोकेशन तलाशना और उन्हें वहां से निकालना बड़ी चुनौती है।
यहां पिछले दो दिन भारी बर्फबारी हुई। सात से आठ फीट तक बर्फ जमी हुई है। चारों तरफ बर्फ के अलावा कुछ नजर नहीं आ रहा। जहां हिमस्खलन हुआ है वहां बर्फ और भी ज्यादा है। ऐसे में मजदूरों की सही लोकेशन तलाशना और उन्हें वहां से निकालना बड़ी चुनौती है।
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सेना और आईटीबीपी के जवानों का हौसला
- फोटो : संवाद न्यूज एजेंसी
प्रभावित व्यक्तियों की सहायता के लिए ज्योतिर्मठ में स्थापित किया कंट्रोल रूम
उपजिलाधिकारी ज्योतिर्मठ चंद्रशेखर वशिष्ठ ने बताया कि घटना में प्रभावित व्यक्तियों की सहायता के लिए तहसील कार्यालय ज्योतिर्मठ में कंट्रोल रूम स्थापित किया गया है। इस घटना के संबंध में कोई जानकारी प्राप्त करना चाहता है तो 7302712491, 8171748602 पर संपर्क कर सकते हैं।
उपजिलाधिकारी ज्योतिर्मठ चंद्रशेखर वशिष्ठ ने बताया कि घटना में प्रभावित व्यक्तियों की सहायता के लिए तहसील कार्यालय ज्योतिर्मठ में कंट्रोल रूम स्थापित किया गया है। इस घटना के संबंध में कोई जानकारी प्राप्त करना चाहता है तो 7302712491, 8171748602 पर संपर्क कर सकते हैं।