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चमोली: मां की छाती से लिपटे थे जुड़वा बच्चे, मलबे से निकाले तीनों शव, दिल दहलाने वाला मंजर देख रो पड़ा गांव

संवाद न्यूज एजेंसी, चमोली Published by: रेनू सकलानी Updated Sat, 20 Sep 2025 03:55 PM IST
सार

चमोली में आपदा का कहर ऐसा बरसा कि कई परिवार बिखर गए। एक मां और दो जुड़वा बेटों की मौत हो गई। मलबे से मां और दो बच्चों के शव निकाले गए तो गांव का हर शख्स इस दिल दहलाने वाले मंजर को देखकर रो पड़ा। जबकि पिता को 16 घंटे बाद मलबे से जिंदा निकाला जा सका।

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Chamoli Disaster Twin sons found clinging to their mother chest bodies of all three recovered from debris
चमोली आपदा - फोटो : संवाद न्यूज एजेंसी

चमोली नंदानगर की आपदा ने कई घर उजाड़ दिए, लेकिन सबसे दर्दनाक तस्वीर जो सामने आई उसने पूरे गांव को झकझोर कर रख दिया। एक मां और दो जुड़वा बच्चों के शव। मलबे में लापता लोगों की तलाश की जा रही थी। तभी तीन शव मिले। दोनों जुड़वा बच्चे अपनी मां की छाती से चिपके थे। ये कुंवर सिंह का परिवार था। 16 घंटे तक मलबे में दबे रहने के बाद उन्हें जिंदा निकाला गया, लेकिन सब कुछ खोकर कुंवर सिंह टूट गए।



उत्तराखंड के चमोली जिले के नंदानगर के कुंतरी लगा फाली गांव में बादल फटने से भारी तबाही मचाई। लापता लोगों की तलाश में रेस्क्यू अभियान जारी है। मलबे से मां और दो बच्चों के शव निकाले गए तो गांव का हर शख्स इस दिल दहलाने वाले मंजर को देखकर रो पड़ा।

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Chamoli Disaster Twin sons found clinging to their mother chest bodies of all three recovered from debris
चमोली आपदा - फोटो : संवाद न्यूज एजेंसी

नंदानगर की आपदा में मलबे में दबे कुंवर सिंह 16 घंटे बाद सुरक्षित बाहर निकाल लिए गए हैं। लेकिन उनके परिवार को बचाया नहीं जा सका। पत्नी और दो जुड़वा बच्चे आपदा में मारे गए।

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Chamoli Disaster Twin sons found clinging to their mother chest bodies of all three recovered from debris
चमोली आपदा - फोटो : संवाद न्यूज एजेंसी

फाली लगा कुंतरी के बलवंत सिंह का एक बेटा परिवार के साथ दूसरे शहर में रहता है और दूसरा पुत्र कुंवर सिंह, पत्नी और जुड़वा बेटों के साथ गांव में रहते थे। उन्होंने मजदूरी करके अपना घर बनाया।

Chamoli Disaster Twin sons found clinging to their mother chest bodies of all three recovered from debris
चमोली नंदानगर में आई आपदा - फोटो : संवाद न्यूज एजेंसी

दोनों बच्चे विकास और विशाल (10 साल) सरस्वती शिशु मंदिर में पढ़ते थे। बृहस्पतिवार तड़के पूरा परिवार घर में सो रहा था। तभी आपदा आई और पूरा घर मलबे में दब गया। सुबह जब राहत और बचाव कार्य शुरू शुरू हुआ तो मकानों से मलबा हटाने पर बचावकर्मियों को एक घर से किसी की आवाज सुनाई दी। जब उन्होंने रोशनदान से कमरे में देखा तो कुंवर सिंह के अंदर होने का पता चला।

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Chamoli Disaster Twin sons found clinging to their mother chest bodies of all three recovered from debris
चमोली आपदा - फोटो : संवाद न्यूज एजेंसी

जिस पर रेस्क्यू टीम ने तेजी से उन्हें बाहर निकालने का काम शुरू किया। शाम करीब छह बजे कुंवर सिंह को बाहर निकाल लिया गया। कमरे में कुंवर सिंह का आधा शरीर मलबे में दबा हुआ था। चेहरे पर भी मिट्टी जमा थी, लेकिन रोशनदान से उन्हें सांस लेने में मदद मिलती रही। कुंवर सिंह को तुरंत अस्पताल ले जाया गया। उनकी पत्नी कांती देवी सहित दोनों बेटे मलबे में दबे हुए हैं। लेकिन अब जब उनकी पत्नी और दोनों जुड़वा बच्चों के शव मिले तो पूरा गांव बिलख पड़ा।

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