सब्सक्राइब करें

Bioscope S2: टॉप 10 में पहली बार मिथुन की फिल्म ने मारी एंट्री, हुआ एलान, आ पहुंचा एक नया सुपरस्टार

Pankaj Shukla पंकज शुक्ल
Updated Tue, 22 Jun 2021 01:18 PM IST
विज्ञापन
Bioscope with Pankaj Shukla Surakksha Mithun Chakraborty Ranjeeta Ravikant Nagaich Bappi Lahiri
सुरक्षा फिल्म का पोस्टर - फोटो : अमर उजाला आर्काइव, मुंबई
loader
मिथुन चक्रवर्ती को जो करीब से जानते हैं, वे ये भी जानते हैं कि वह रिश्तों के कितने पक्के इंसान हैं। किसी का दिल दुखाना उनकी फितरत में कभी नहीं रहा। इसके लिए भले उनको अपने दिल पर खुद ही नश्तर क्यों न चलाने पड़े हों। लेकिन, जब जश्न की बारी आती है तो वह लोगों को हमेशा साथ रखते हैं। ये उन दिनों की बात है, जब लक्ष्मी बस मिथुन पर मेहरबान होना शुरू हुई ही थी। फिल्में उनको मिलने लगी थीं और लोग उनको पहचानने भी लगे थे और फिर साल 1979 के जून में जब बंबई में मॉनसून के बादल तैरने लगे थे तो एक मिथुन पर कामयाबी झूम के बरसी। ये बात है 22 जून की जिस दिन फिल्म ‘सुरक्षा’ रिलीज हुई। मिथुन ने तय किया कि वह ये फिल्म देखने थिएटर जाएंगे। शाम को वह शूटिंग से लौटे और अपने कुछ खास लोगों के साथ फिल्म देखने दादर के सिनेमाघर पहुंच गए। ये उन दिनों की बात है जब हिंदी सिनेमा के दर्शक के पास न ओटीटी था, न हर घर में रंगीन टीवी था और न ही था इंटरनेट पर मौजूद इफरात फिल्मों का गोदाम। जासूसी फिल्में तो बस गिनती की होती थीं। जासूसी उपन्यासों के शौकीन परदे पर ‘आंखें’, ‘फर्ज़’, ‘कीमत’ और ‘सुरक्षा’ जैसी जासूसी फिल्में देखकर ही खुश हो लेते थे। इनमें से आखिर की तीनों फिल्में एक ही निर्देशक रविकांत नगाइच की बनाई हुई हैं, जो मशहूर सिनेमैटोग्राफर भी रहे हैं। जैसे फिल्म फर्ज ने जीतेंद्र के सुस्त पड़े करियर को फुर्ती का करंट लगा दिया था, वैसा ही कुछ फिल्म ‘सुरक्षा’ ने मिथुन चक्रवर्ती के साथ 1979 में किया जो साल 1976 में अपनी पहली ही फिल्म में बेस्ट एक्टर का नेशनल अवार्ड जीतने के बाद भी स्ट्रगल कर रहे थे।
 
Trending Videos
Bioscope with Pankaj Shukla Surakksha Mithun Chakraborty Ranjeeta Ravikant Nagaich Bappi Lahiri
सुरक्षा फिल्म का पोस्टर - फोटो : अमर उजाला आर्काइव, मुंबई
मिनट भर में बदल गया थिएटर का नजारा
तो मिथुन जब उस शाम दादर के उस थिएटर में पहुंचे जहां सुरक्षा उसी दिन दोपहर में रिलीज हुई थी तो सन्नाटा था। सन्नाटा इसलिए क्योंकि शो शुरू हो चुका था। पब्लिक सब अंदर थी। मिथुन के चेहरे का रंग बदलते उनके दोस्त ने देखा तो कंधे पर हाथ रखा। दोनों को आया देख थिएटर का मैनेजर थोड़ा अलर्ट हुआ लेकिन उसके रंग बदलने अभी बाकी थे। वह दोनों को हॉल के अंदर ले गया तो वहां का तो नजारा ही अलग था। पब्लिक मिथुन की हर अदा पर सीटियां मार रही थी। उनके डांस के दौरान फर्स्ट क्लास के आगे की खाली पड़ी जगह पर कुछ लड़के डांस भी करने लगे। अब मिथुन के चेहरे पर पहली बार रंगत आई। दोस्त ने इसे भांप लिया। इंटरवल होने वाला था तो वह मिथुन को लेकर मैनेजर के केबिन में आ गया। पब्लिक बाहर निकली और ना जाने कैसे किसी को पता चला गया कि जो फिल्म ‘सुरक्षा’ वह देख रहे हैं, उसका हीरो मिथुन चक्रवर्ती इस वक्त सिनेमा हॉल में ही है। इतने में घंटी बजी और फिल्म शुरू हो गई। लेकिन, इंटरवल के पहले तक की फिल्म ने ही दर्शकों पर जादू कर दिया था। पब्लिक ने मिथुन को मिनट भर के भीतर तलाश लिया और सब उनसे हाथ मिलाने और उनका ऑटोग्राफ लेने के लिए केबिन में घुसने लगे। पहले केबिन का दरवाजा टूटा। फिर उसकी दीवारों पर लगे कांच टूटे। फिर हॉल में लगे शीशे बिखरे तो मैनेजर को समझ आया कि हिंदी सिनेमा का एक नया सुपरस्टार जन्म ले चुका है। तुरंत सेक्योरिटी बुलाई गई। दर्शकों को वापस हॉल के अंदर भेजा गया। मिथुन उस पूरी रात सो नहीं सके। सोते भी कैसे खुली आंखों से जो सपने देखे थे, उन्हें हकीकत में बदलते जो वह कुछ ही समय पहले देख आए थे।
विज्ञापन
विज्ञापन
Bioscope with Pankaj Shukla Surakksha Mithun Chakraborty Ranjeeta Ravikant Nagaich Bappi Lahiri
सुरक्षा फिल्म का पोस्टर - फोटो : अमर उजाला आर्काइव, मुंबई
रंजीता के साथ यूं बनी सुपरहिट जोड़ी
ये उन दिनों की बात है जब फिल्म ‘सुरक्षा’ मिलने के समय तक मिथुन चक्रवर्ती का करियर रफ्तार नहीं पकड़ पाया था और इस फिल्म की हीरोइन रंजीता तब तक ऋषि कपूर के साथ फिल्म ‘लैला मजनू’ करके सुपरस्टार बन चुकी थीं। रंजीता को तब यही लगता था कि उन्होंने एक स्ट्रगलिंग एक्टर के साथ फिल्म साइन करके गलती कर ली। ऐसा इसलिए भी उन्हें लगता था क्योंकि अपनी दूसरी ही फिल्म ‘अंखियों के झरोखे से’ में उन्हें बेस्ट एक्ट्रेस का फिल्फेयर अवार्ड नॉमीनेशन मिल गया था। इसी साल उन्हें फिल्मफेयर अवार्ड की बेस्ट सपोर्टिंग एक्ट्रेस कैटेगरी में भी नामांकन मिला फिल्म ‘पति पत्नी और वो’ के लिए। फिल्म पति पत्नी और वो में रंजीता तब के सुपरस्टार्स में गिने जाने वाले संजीव कुमार की हीरोइन बनी थीं। ऋषि कपूर, सचिन और संजीव कुमार के साथ काम करने के बाद रंजीता को मिथुन के साथ काम करना अपने स्तर से थोड़ा कम लग रहा था लेकिन, उन्हें क्या पता था कि इसी साल एक और फिल्म ‘भयानक’ में भी उन्हें मिथुन के साथ देख दर्शक दोनों की जोड़ी इतनी पसंद करने लगेंगे कि आगे चलकर दोनों की जोड़ी हिंदी सिनेमा की हिट जोड़ियों में शुमार हो जाएगी। ‘सुरक्षा’ के हिट होने के बाद मिथुन और रंजीता ने तमाम हिट फिल्मों में काम किया।
Bioscope with Pankaj Shukla Surakksha Mithun Chakraborty Ranjeeta Ravikant Nagaich Bappi Lahiri
सुरक्षा फिल्म का एक दृश्य - फोटो : अमर उजाला आर्काइव, मुंबई

रोजर मूर ने किया मिथुन को मशहूर
इसे मिथुन की मेहनत का नतीजा कहें या उनकी मेहनत का फल कि जिस साल मिथुन की फिल्म ‘सुरक्षा’ रिलीज हुई, उसी साल जेम्स बॉन्ड सीरीज की एक फिल्म ‘ऑक्टोपसी’ की शूटिंग भी भारत में हो रही थी। हॉलीवुड फिल्मों के सितारे जब किसी दूसरे देश जाते हैं या किसी दूसरे देश के पत्रकारों से मुखातिब होते हैं तो वहां की कुछ लोकप्रिय चीजों के बारे में पहले से रिसर्च करके रखते हैं। उदयपुर में जब रोजर मूर से उनकी हिंदी फिल्मों की जानकारी के बारे में पूछा गया तो उन्होंने नाम लिया मिथुन चक्रवर्ती का और कहा कि उन्हें पता चला है कि एक जासूस यहां भारत में भी अच्छा काम कर रहा है। मूर ने मिथुन को ‘इंडियन जेम्स बॉन्ड’ कहा और ये भी कहा मिथुन की कद काठी और शरीर सौष्ठव उनसे बेहतर है। रोजर मूर के इस एक बयान ने मिथुन का नाम रातोंरात मशहूर कर दिया। मिथुन के फैंस के लिए रोजर मूर का इंटरव्यू किसी जश्न के न्यौते से कम नहीं था। अखबार तब इतना फिल्मों की खबरें छापते नहीं थे और पत्रिकाएं भी घर घर आते नहीं थे लेकिन मिथुन का नाम फिल्म ‘सुरक्षा’ के साथ ही घर घर पहुंचने लगा था। और, नेशनल जैसे अंतर्राष्ट्रीय ब्रांड की नजर भी तभी मिथुन पर पड़ी। मिथुन का नेशनल के उत्पादों का ब्रांड अंबेसडर बनना एक ऐसा तूफान था जिसने हिंदी सिनेमा के तमाम बड़े सितारों की नींदें उड़ा दीं।

विज्ञापन
Bioscope with Pankaj Shukla Surakksha Mithun Chakraborty Ranjeeta Ravikant Nagaich Bappi Lahiri
सुरक्षा फिल्म का एक दृश्य - फोटो : अमर उजाला आर्काइव, मुंबई
गोरे नहीं हम काले सही, हम नाचने गाने वाले सही
मिथुन की शुरुआती सफलता में उनकी फिल्मों के म्यूजिक और उनके डांस ने बहुत मदद की। मिथुन ने नाचने का अपना एक अलग अंदाज विकसित किया था। बेलबॉटम की मोहरी में चेन का आधा हिस्सा सिलवाने का फैशन यहीं से शुरू हुआ और यहीं से छोकरों ने मोटे सोल वाले जूते भी पहनने शुरू किए। जो अमिताभ, राजेश खन्ना, जीतेंद्र, धर्मेंद्र के फैन थे, वे मिथुन के फैन्स से जलते थे। लेकिन, सिनेमा में समाजवाद मिथुन से ही शुरू हुआ माना जाता है। वह सर्वहारा समाज के हीरो थे। जो युवा जमाने के पैमाने पर खूबसूरत नहीं थे, ज्यादा पढ़े लिखे नहीं थे, तीसमार खां नहीं थे, जिनके पास कार या मोटरसाइकिल नहीं थी, सब मिथुन के फैन होते गए। मिथुन ने रिक्शावालों, साइकिल चलाने वालों, मजदूरों और कामगारों की एक नई इमेज बनाई और लोगों को लगने लगा कि ये ‘सुहाग’ वाला अमित कपूर उनका हीरो नहीं बल्कि धूप में तपकर काला हुआ ये गोपी ही उनके आसपास से निकला हीरो है। हजारों-लाखों को ये अपने बीच का लड़का लगा। इन्हीं भावनाओं ने आगे चलकर मिथुन को ‘डिस्को डांसर’ बनाया और देश में सबसे ज्यादा आयकर देने वाला नागरिक भी। डिस्को पर थिरकने की मिथुन की शुरूआत होती है, फिल्म ‘सुरक्षा’ के इस गाने से..
विज्ञापन
अगली फोटो गैलरी देखें
सबसे विश्वसनीय Hindi News वेबसाइट अमर उजाला पर पढ़ें Entertainment News से जुड़ी ब्रेकिंग अपडेट। मनोरंजन जगत की अन्य खबरें जैसे Bollywood News, लाइव टीवी न्यूज़, लेटेस्ट Hollywood News और Movie Reviews आदि से संबंधित ब्रेकिंग न्यूज़।
 
रहें हर खबर से अपडेट, डाउनलोड करें अमर उजाला हिंदी न्यूज़ APP अपने मोबाइल पर।
Amar Ujala Android Hindi News APP Amar Ujala iOS Hindi News APP
विज्ञापन
विज्ञापन

एड फ्री अनुभव के लिए अमर उजाला प्रीमियम सब्सक्राइब करें

Next Article

एप में पढ़ें

Followed