अभिनेता आयुष्मान खुराना को बड़े परदे पर अपने दौर के हिट अभिनेता जॉन अब्राहम ने फिल्म ‘विकी डोनर’ में पहला मौका दिया। पहली ही फिल्म में आयुष्मान का सिक्सर लगा तो उन्होंने इसका डीएनए तलाश लिया। साधारण सी जिंदगी में एक ट्विस्ट वाला किरदार। और, इसके बाद आयुष्मान ने इस लीक को अपनी फिल्मों में इतना घिसा कि नई लकीर बनाने की बजाय वह लकीर के फकीर बनते दिखे और उनकी पिछली चार फिल्में इसी चक्कर में कतार से फ्लॉप हो चुकी हैं। आयुष्मान के भीतर अभिनय की जो चिंगारी है, उसकी मशाल बनाकर वह पहले भी दमदार किरदार करते रहे हैं और अगर उनकी ताजा फिल्म ‘ड्रीम गर्ल 2’ उनके लिए कोई सबक बनी तो आने वाले दिनों में वह कुछ नई लकीरें भी खींचते दिख सकते हैं। आइए जानते हैं उनके 10 चर्चित किरदारों के बारे में...
Ayushmann Khurrana: आयुष्मान के लिए क्यों लकीर के फकीर का चोला उतारने का वक्त, समझिए इन 10 किरदारों के जरिये
विकी अरोड़ा (विकी डोनर 20 अप्रैल 2012)
अभिनेता आयुष्मान खुराना खुद को भाग्यशाली मानते है कि उनके करियर की शुरुआत 'विकी डोनर' जैसी फिल्म से हुई। यह फिल्म शुक्राणु दान और बांझपन के विषय के इर्द-गिर्द घूमती है। इस फिल्म में आयुष्मान खुराना ने विकी अरोड़ा का किरदार निभाया था । सुजीत सरकार के निर्देशन में बनी इस फिल्म का निर्माण अभिनेता जॉन अब्राहम ने किया था। कंटेंट के साथ -साथ फिल्म व्यवसायिक रूप ने अच्छा बिजनेस कर गई। सर्वश्रेष्ठ फिल्म के लिए इस फिल्म को नेशनल अवॉर्ड मिला था। इस फिल्म की सफलता से सिनेमा की एक लहर बदल गई थी। और, अच्छे कंटेंट वाली कम बजट की फिल्मों का निर्माण शुरू हो गया ।
शिवकर बापूजी तलपदे (हवाईजादा 30 जनवरी 2015)
करियर के शुरुआत में फिल्म 'हवाईजादा' आयुष्मान खुराना के करियर की सबसे महंगी फिल्म थी। इस फिल्म में आयुष्मान खुराना ने शिवकर बापूजी तलपदे की जीवनी से प्रेरित किरदार निभाया था। शिवकर बापूजी तलपड़े के बारे में दावा किया जाता है कि उन्होंने साल 1895 में बॉम्बे (मुंबई) के चौपाटी समुद्र तट से पहली बार मानव रहित विमान मारुत सखा बना कर उड़ाया था। इस किरदार को लेकर आयुष्मान खुराना काफी उत्साहित थे। लेकिन विभु पुरी के निर्देशन में 25 करोड़ रुपये के बजट में बनी यह फिल्म बॉक्स ऑफिस पर बुरी तरह असफल रही और इस फिल्म का बॉक्स ऑफिस कलेक्शन सिर्फ 3.53 करोड़ रुपये रहा है।
प्रेम प्रकाश तिवारी (दम लगा के हाइशा 27 फरवरी 2015)
फिल्म 'दम लगा के हईशा' में आयुष्मान खुराना ने प्रेम प्रकाश तिवारी की भूमिका निभाई थी, जिसे शुरू में अपनी अधिक वजन वाली पत्नी को स्वीकार करने के लिए संघर्ष करता पड़ता है। बाद में दोनों एक दौड़ प्रतियोगिता में शामिल होते हैं और अंततः दोनों एक दूसरे के करीब आ जाते हैं। फिल्म ने शारीरिक छवि के मुद्दों और आत्म-स्वीकृति को संबोधित किया था । फिल्म में आयुष्मान खुराना और भूमि पेडनेकर को उनके अभिनय के लिए काफी सराहना मिली। शरत कटारिया के निर्देशन में बनी इस फिल्म का निर्माण आदित्य चोपड़ा और मनीष शर्मा ने किया था । इस फिल्म के गीत 'मोह मोह के धागे' के लिए श्रेष्ठ गायिका का नेशनल अवॉर्ड मोनाली ठाकुर को मिला था ।
मुदित शर्मा (शुभ मंगल सावधान 1 सितंबर 2017)
फिल्म 'शुभ मंगल सावधान' में आयुष्मान खुराना ने लिंग स्तंभन समस्या (शीघ्र पतन) से पीड़ित व्यक्ति मुदित शर्मा की भूमिका निभाई थी। 'दम लगा के हईशा' के बाद आयुष्मान खुराना और भूमि पेडनेकर की जोड़ी इस फिल्म में नजर आई थी। इस फिल्म में आयुष्मान खुराना ने स्तंभन जैसी गुप्त बीमारी को बहुत ही संवेदन तरीके से फिल्म में प्रस्तुत किया था। यह ऐसी बीमारी है, जिसके बारे में लोग बात करने से कतराते हैं, लेकिन गंभीर मुद्दे को फिल्म के निर्देशक आर एस प्रसन्ना ने बहुत ही हल्के फुल्के अंदाज में पेश किया था। मुदित शर्मा के किरदार में न सिर्फ आयुष्मान खुराना के अभिनय की खूब तारीफ हुई थी, बल्कि यह फिल्म व्यावसायिक रूप से भी सफल रही।