भारतीय सिनेमा में कई ऐसी फिल्में बन चुकी हैं जो किसी न किसी वजह से विवादों में घिरी रहीं और कई बार ऐसी नौबत आ गई कि इन फिल्मों को बैन तक करना पड़ा। ऐसी फिल्मों की लिस्ट काफी लंबी हैं, जिन्हें भारत में प्रतिबंध की मार झेलनी पड़ी। वहीं, कई ऐसी भी फिल्में हैं जो भारत में तो सुपरहिट थीं लेकिन खाड़ी देशों ने उन पर प्रतिबंध लगा रखा है। दरअसल, कुछ ऐसे मुद्दे हैं जिन पर बनी फिल्मों पर खाड़ी देशों को सख्त आपत्ति रहती हैं। अगर किसी फिल्म में समलैंगिक्ता, अश्लीलता, भारत-पाकिस्तान तनाव या धार्मिक भावना से जुड़ी कोई चीज दिखाने की कोशिश की जाती है तो मुस्लिम देश उस फिल्म पर तुरंत प्रतिबंध लगा देते हैं। आज हम आपको उन फिल्मों के बारे में बताएंगे जो भारतीय बॉक्स ऑफिस पर तो जबरदस्त हिट रहीं, लेकिन जब इन्हें खाड़ी देशों में रिलीज करने की बारी आई तो कंटेंट की वजह से इन पर प्रतिबंध लग गया।
Banned Films: 'बीस्ट' से पहले इन भारतीय फिल्मों पर खाड़ी देश लगा चुके हैं प्रतिबंध, देखें पूरी लिस्ट
इस लिस्ट में ताजा एंट्री हुई है फिल्म बीस्ट की। साउथ सुपरस्टार विजय की इस फिल्म का ट्रेलर हाल ही में रिलीज हुआ था। ट्रेलर में दिखाए गए जबरदस्त एक्श्न और डायलॉग लोगों को काफी पसंद आए थे। रिपोर्ट्स के मुताबिक इस फिल्म की रिलीज पर कुवैत में रोक लगा दी गई है। कहा जा रहा है कि फिल्म में पाकिस्तान और आतंकवाद को दिखाए जाने की वजह से यह प्रतिबंध लगा है।
कोरोना की दूसरी लहर के बाद अक्षय कुमार की बेलबॉटम पहली हिंदी फिल्म थी जो बॉक्स ऑफिस पर रिलीज हुई थी। हालांकि इस फिल्म पर साउदी अरब, कुवैत और कतर ने बैन लगा दिया था। इन देशों के मुताबिक फिल्म में ऐतिहासिक तथ्यों के साथ छेड़छाड़ की गई है।
यह फिल्म विद्या बालन के करियर की सबसे बड़ी हिट फिल्मों में से एक है। सिल्क स्मिता पर आधारित यह फिल्म भारत मे तो बड़ी हिट साबित हुई। लेकिन कई देशों में इसकी रिलीज पर बैन लगा दिया गया। इन देशों में कुवैत भी शामिल था। इस देश का मानना था कि फिल्म में बहुत अधिक बोल्ड सीन हैं जो उनके दर्शकों के लिए ठीक नहीं है।
अक्षय कुमार की इस फिल्म को देश में खूब पसंद किया गया था। फिल्म में परेश रावल की एक्टिंग की भी खूब तारीफ हुई थी, लेकिन खाड़ी देश में इसे भी प्रतिबंध की मार झेलनी पड़ी। फिल्म को कई मिडिल ईस्ट देशों में बैन कर दिया गया था। इनमें यूएई भी शामिल था। इन देशों के मुताबिक इस फिल्म की वजह से लोगों की धार्मिक भावनाएं आहत हो सकती थीं।