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Vinod Rathod: अमरीश पुरी तक ने लगाए इनके गानों पर ठुमके, 90 के दशक में बने शाहरुख; गोविंदा और ऋषि कपूर की आवाज
एंटरटेनमेंट डेस्क, अमर उजाला
Published by: कामेश द्विवेदी
Updated Sat, 13 Sep 2025 08:19 AM IST
सार
Vinod Rathod Birthday: 'नायक नहीं खलनायक हूं मैं', 'ऐसी दीवानगी' जैसे कई गानों से मशहूर गायक विनोद राठौड़ आज शनिवार के दिन अपना जन्मदिन मना रहे हैं। इस खास अवसर पर जानिए उनके जीवन के बारे में कुछ दिलचस्प बातें।
विनोद राठौड़ संगीत की दुनिया में उन चुनिंदा गायकों में शुमार हैं, जिन्होंने अपनी सुरों की जादूगरी और रूमानी आवाज से एक पीढ़ी को प्रभावित किया। गायक आज भी शाहरुख खान की 'बाजीगर' से लेकर संजय दत्त की 'मुन्नाभाई एमबीबीएस' तक में गाए गए गानों से दर्शकों के दिलों पर राज करते हैं। कुमार सानू और उदित नारायण जैसे दिग्गज गायकों के दौर में विनोद राठौड़ ने एक अलग मिशाल पेश की। सिंगर विनोद के संघर्षों ने उन्हें सुरों की बुलंदी तक पहुंचाया। आज 13 सितंबर को गायक अपना 63वां जन्मदिन मना रहे हैं। इस अहम मौके पर हम जानेंगे विनोद राठौड़ के जीवन के उस सफर के बारे में, जिन्होंने उन्हें पहचान दिलाई।
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विनोद राठौड़
- फोटो : एक्स
संगीतज्ञ परिवार से आते हैं विनोद राठौड़
विनोद राठौड़ एक ऐसे परिवार से ताल्लुक रखते हैं, जिनका संगीत से गहरा लगाव था। गायक का जन्म 13 सितंबर, 1962 को मुंबई में हुआ था और उनके पिता का नाम चर्तुभुज राठौड़ था, जो शास्त्रीय संगीतकार थे। परिवार के माहौल ने विनोद के अंदर बचपन से ही संगीत के प्रति एक अलग ही जुनून पैदा करने का काम किया।
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विनोद राठौड़
- फोटो : एक्स
जब एक कैसेट की वजह से मिला मौका
1986 का साल था, जब विनोद राठौड़ की आवाज को प्रसिद्ध संगीत निर्देशक उषा खन्ना ने एक कैसेट में सुना। उनकी आवाज सुनकर म्यूजिक डायरेक्टर ने गायक को 'दो यार' फिल्म में कव्वाली (मेरे दिल में है अंधेरा, कोई शमा तो जला दे) गाने का मौका दिया। इसके बाद गायक ने करीब 40 गाने उषा खन्ना के लिए गाए। इतना ही नहीं उन्होंने अपने संघर्ष के दिनों में अजय स्वामी और सुरिंदर कोहली जैसे संगीतकारों के लिए भी गाने गाए। इन सब गानों की वजह से विनोद राठौड़ को संगीत की दुनिया में पहचान मिलनी शुरू हो गई थी।
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विनोद राठौड़
- फोटो : एक्स
बड़ी फिल्मों में छा गए विनोद राठौड़
विनोद राठौड़ को पहला बड़ा मौका संगीतकार शिव-हरि ने दिया था। उन्हें लता मंगेशकर और सुरेश वाडेकर के साथ ‘बादल पे चलके आ’ गाने का मौका मिला। ये गाना काफी लोकप्रिय साबित हुआ। इसके बाद उन्हें 1988 में 'विजय' फिल्म में उन्हें गाने का अवसर मिला, जिसमें उन्होंने लता मंगेशकर के साथ ‘जिंदगी हर जनम प्यार की दास्तान’ गाया, जो बहुत मशहूर हुआ।
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छम्मा छम्मा गाना
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इस गाने ने दिलाई असली पहचान
गायक विनोद ने अपने शुरुआती करियर में कई गाने गाए, लेकिन उन्हें अगर सबसे ज्यादा किसी गाने से पहचान मिली, तो वो 'रोमियो मेरा नाम' गाना था। सिंगर को ये गाना लक्ष्मीकांत-प्यारेलाल ने ऑफर किया था, जो 'रूप की रानी और चोरों का राजा' फिल्म का था। इस गाने के बाद अभिनेता संगीत की दुनिया में एक जाना-पहचाना नाम बन गए। साथ ही आपको बताते चलें कि विनोद ठाकुर की आवाज में गाया गए 'छम्मा-छम्मा' गाने में मशहूर खलनायक दिवंगत अमरीश पुरी ने डांस किया था।
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