संता ने शौक शौक में उपवास रख लिया
संता - देख सूरज डूबा क्या?
बंता - अभी नहीं...
थोड़ी देर बाद उसने दोबारा पूछा
संता - देखो डूबा के नहीं?
बंता - नहीं डूबा...
संता - लगता है, ये आज मुझे
साथ में ले के ही डूबेगा।
पिंटू - दादी नींद नहीं आ रही है, टीवी देख लूं...?
दादी - मुझसे बातें कर ले...!
पिंटू - दादी क्या हम हमेशा छह लोग ही रहेंगे, आप, मम्मी, पापा, दीदी, मैं और मेरी बिल्ली...?
दादी - नहीं बेटा, आपके लिए कल डॉगी भी आ रहा है, तो सात हो जाएंगे...!
पिंटू - पर, दादी डॉगी तो बिल्ली को खा जाएगा, तो फिर छह हो जाएंगे...!
दादी - नहीं बेटा, आपकी शादी हो जाएगी, तो फिर सात हो जाएंगे...!
पिंटू - फिर बहन चली जाएगी शादी करके, तो फिर छह हो जाएंगे...!
दादी - फिर आपका बेटा हो जाएगा, तो फिर सात हो जाएंगे...।
पिंटू - तब तक आप मर जाओगी... वापस छह हो जाएंगे।
दादी (गुस्से में) - तू जा... टीवी ही देख ले...!
पत्नी- आपने कुछ सुना...
पति- क्या...?
पत्नी- जिन पंडित जी ने अपनी शादी करवाई थी आज वो मर गए
पति- कभी न कभी तो उसे अपने कर्मों का फल मिलना ही था...
दूल्हा - क्या अब मैं घूंघट उठाकर चेहरा देख लूं?
दुल्हन - हां... लेकिन देखकर डिलीट कर देना।
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