{"_id":"63ae78f0742b3a5f6b28d44e","slug":"10-interesting-stories-of-pm-modi-related-to-hiraba-pm-was-shocked-to-see-the-video-of-his-mother","type":"photo-gallery","status":"publish","title_hn":"हीराबा से जुड़े पीएम मोदी के 10 रोचक किस्से : मां का वीडियो देख चहक उठे थे PM, मचान पर खाना बनाती थीं हीराबा","category":{"title":"India News","title_hn":"देश","slug":"india-news"}}
हीराबा से जुड़े पीएम मोदी के 10 रोचक किस्से : मां का वीडियो देख चहक उठे थे PM, मचान पर खाना बनाती थीं हीराबा
स्पेशल डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: हिमांशु मिश्रा
Updated Fri, 30 Dec 2022 11:35 AM IST
सार
इसी साल 18 जून को पीएम मोदी की मां हीराबा ने अपना 100वां जन्मदिन मनाया था। आज उनका निधन हो गया। आज हम पीएम मोदी की यादों के पिटारे से दस किस्से आपके साथ शेयर करेंगे...
विज्ञापन
पीएम मोदी और उनकी मां हीराबा
- फोटो : अमर उजाला
-
- 1
-
Link Copied
'मां, ये सिर्फ एक शब्द नहीं है। जीवन की ये वो भावना होती जिसमें स्नेह, धैर्य, विश्वास, कितना कुछ समाया होता है। दुनिया का कोई भी कोना हो, कोई भी देश हो, हर संतान के मन में सबसे अनमोल स्नेह मां के लिए होता है। मां, सिर्फ हमारा शरीर ही नहीं गढ़ती बल्कि हमारा मन, हमारा व्यक्तित्व, हमारा आत्मविश्वास भी गढ़ती है। और अपनी संतान के लिए ऐसा करते हुए वो खुद को खपा देती है, खुद को भुला देती है।'
Trending Videos
मां हीराबा के साथ पीएम मोदी
- फोटो : अमर उजाला
1. जब मां का वीडियो देख चहक उठे थे पीएम मोदी
हीराबा के 100वें जन्मदिन से ठीक पहले पीएम मोदी को उनके भतीजे ने एक वीडियो भेजा था। इसमें पीएम मोदी की मां हीराबा गांधीनगर स्थित घर पर भजन कीर्तन कर रहीं थीं। पीएम मोदी ने अपने लेख में लिखा, 'पिछले ही हफ्ते मेरे भतीजे ने गांधीनगर से मां के कुछ वीडियो भेजे हैं। घर पर सोसायटी के कुछ नौजवान लड़के आए हैं, पिताजी की तस्वीर कुर्सी पर रखी है, भजन कीर्तन चल रहा है और मां मगन होकर भजन गा रही हैं, मंजीरा बजा रही हैं। मां आज भी वैसी ही हैं। शरीर की ऊर्जा भले कम हो गई है लेकिन मन की ऊर्जा यथावत है।'
हीराबा के 100वें जन्मदिन से ठीक पहले पीएम मोदी को उनके भतीजे ने एक वीडियो भेजा था। इसमें पीएम मोदी की मां हीराबा गांधीनगर स्थित घर पर भजन कीर्तन कर रहीं थीं। पीएम मोदी ने अपने लेख में लिखा, 'पिछले ही हफ्ते मेरे भतीजे ने गांधीनगर से मां के कुछ वीडियो भेजे हैं। घर पर सोसायटी के कुछ नौजवान लड़के आए हैं, पिताजी की तस्वीर कुर्सी पर रखी है, भजन कीर्तन चल रहा है और मां मगन होकर भजन गा रही हैं, मंजीरा बजा रही हैं। मां आज भी वैसी ही हैं। शरीर की ऊर्जा भले कम हो गई है लेकिन मन की ऊर्जा यथावत है।'
विज्ञापन
विज्ञापन
मां हीराबेन के साथ पीएम मोदी
- फोटो : सोशल मीडिया
2. कम संसाधनों में भी खुश रहती थीं, मचान पर बैठकर खाना बनाती थीं
पीएम मोदी का बचपन भी तंगहाली में बीता। वडनगर के जिस घर में वह अपने परिवार के साथ रहते थे, वो बहुत ही छोटा था। उस घर में कोई खिड़की नहीं थी, कोई बाथरूम नहीं था, कोई शौचालय नहीं था। कुल मिलाकर मिट्टी की दीवारों और खपरैल की छत से बना वो एक-डेढ़ कमरे का ढांचा ही घर था। उसी में पीएम मोदी की मां-पिताजी, सारे भाई-बहन रहा करते थे। पीएम मोदी ने इससे जुड़ा एक किस्सा बताया है। उन्होंने लिखा, 'उस छोटे से घर में मां को खाना बनाने में कुछ सहूलियत रहे इसलिए पिताजी ने घर में बांस की फट्टी और लकड़ी के पटरों की मदद से एक मचान जैसी बनवा दी थी। वही मचान हमारे घर की रसोई थी। मां उसी पर चढ़कर खाना बनाया करती थीं और हम लोग उसी पर बैठकर खाना खाया करते थे।'
पीएम मोदी का बचपन भी तंगहाली में बीता। वडनगर के जिस घर में वह अपने परिवार के साथ रहते थे, वो बहुत ही छोटा था। उस घर में कोई खिड़की नहीं थी, कोई बाथरूम नहीं था, कोई शौचालय नहीं था। कुल मिलाकर मिट्टी की दीवारों और खपरैल की छत से बना वो एक-डेढ़ कमरे का ढांचा ही घर था। उसी में पीएम मोदी की मां-पिताजी, सारे भाई-बहन रहा करते थे। पीएम मोदी ने इससे जुड़ा एक किस्सा बताया है। उन्होंने लिखा, 'उस छोटे से घर में मां को खाना बनाने में कुछ सहूलियत रहे इसलिए पिताजी ने घर में बांस की फट्टी और लकड़ी के पटरों की मदद से एक मचान जैसी बनवा दी थी। वही मचान हमारे घर की रसोई थी। मां उसी पर चढ़कर खाना बनाया करती थीं और हम लोग उसी पर बैठकर खाना खाया करते थे।'
पीएम मोदी की मां हीराबेन
- फोटो : PTI
3. सुबह चार बजे उठकर भजन गाती थीं हीराबा, सारे काम खुद करती थीं
पीएम मोदी अपनी यादों को साझा करते हुए बताते हैं कि मां हमेशा सुबह चार बजे उठ जाती थीं। वह लिखते हैं, 'मां समय की उतनी ही पाबंद थीं। उन्हें भी सुबह 4 बजे उठने की आदत थी। सुबह-सुबह ही वो बहुत सारे काम निपटा लिया करती थीं। गेहूं पीसना हो, बाजरा पीसना हो, चावल या दाल बीनना हो, सारे काम वो खुद करती थीं। काम करते हुए मां अपने कुछ पसंदीदा भजन या प्रभातियां गुनगुनाती रहती थीं। मां कभी अपेक्षा नहीं करती थीं कि हम भाई-बहन अपनी पढ़ाई छोड़कर उनकी मदद करें। वो कभी मदद के लिए, उनका हाथ बंटाने के लिए नहीं कहती थीं। मां को लगातार काम करते देखकर हम भाई-बहनों को खुद ही लगता था कि काम में उनका हाथ बंटाएं।'
पीएम मोदी अपनी यादों को साझा करते हुए बताते हैं कि मां हमेशा सुबह चार बजे उठ जाती थीं। वह लिखते हैं, 'मां समय की उतनी ही पाबंद थीं। उन्हें भी सुबह 4 बजे उठने की आदत थी। सुबह-सुबह ही वो बहुत सारे काम निपटा लिया करती थीं। गेहूं पीसना हो, बाजरा पीसना हो, चावल या दाल बीनना हो, सारे काम वो खुद करती थीं। काम करते हुए मां अपने कुछ पसंदीदा भजन या प्रभातियां गुनगुनाती रहती थीं। मां कभी अपेक्षा नहीं करती थीं कि हम भाई-बहन अपनी पढ़ाई छोड़कर उनकी मदद करें। वो कभी मदद के लिए, उनका हाथ बंटाने के लिए नहीं कहती थीं। मां को लगातार काम करते देखकर हम भाई-बहनों को खुद ही लगता था कि काम में उनका हाथ बंटाएं।'
विज्ञापन
मां हीराबेन के साथ मोदी
- फोटो : सोशल मीडिया
4. घर चलाने के लिए दूसरों के घर बर्तन मांजा करती थीं, चरखा भी चलाया
पीएम मोदी के अनुसार, 'घर चलाने के लिए उनकी मां दूसरों के घर बर्तन भी मांजा करती थीं। इससे दो चार पैसे ज्यादा मिल जाते थे। इसके अलावा समय निकालकर वह चरखा भी चलाया करती थीं क्योंकि उससे भी कुछ पैसे जुट जाते थे। कपास के छिलके से रूई निकालने का काम, रुई से धागे बनाने का काम, ये सब कुछ मां खुद ही करती थीं। उन्हें डर रहता था कि कपास के छिलकों के कांटें हमें चुभ ना जाएं।'
पीएम मोदी के अनुसार, 'घर चलाने के लिए उनकी मां दूसरों के घर बर्तन भी मांजा करती थीं। इससे दो चार पैसे ज्यादा मिल जाते थे। इसके अलावा समय निकालकर वह चरखा भी चलाया करती थीं क्योंकि उससे भी कुछ पैसे जुट जाते थे। कपास के छिलके से रूई निकालने का काम, रुई से धागे बनाने का काम, ये सब कुछ मां खुद ही करती थीं। उन्हें डर रहता था कि कपास के छिलकों के कांटें हमें चुभ ना जाएं।'