दिल्ली-एनसीआर में मूसलाधार बारिश लोगों के लिए मुसीबत बनकर आई। सबसे खराब स्थिति गुरुग्राम की रही। दिल्ली में कम से कम 200 जगहों पर लोग जाम से जूझते दिखे। एनसीआर में बारिश से जुड़े हादसों में 11 लोगों की मौत हुई है। मौसम विभाग ने उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, मध्य प्रदेश और पूर्वी राजस्थान में 16 जुलाई तक भारी बारिश का पूर्वानुमान जताया है। दिल्ली-एनसीआर में शुक्रवार को भी बारिश का ऑरेंज अलर्ट जारी किया है। इसी बीच विभिन्न राज्यों में हो रही भारी बारिश के बीच केंद्रीय जल आयोग (सीडब्ल्यूसी) ने बृहस्पतिवार को देशभर में 21 नदी निगरानी स्थलों पर बाढ़ की चिंता जताई है। इनमें से चार गंभीर बाढ़ की स्थिति में हैं। हालांकि, अब तक किसी भी नदी ने अपने उच्चतम बाढ़ स्तर (एचएफएल) को नहीं तोड़ा है। असम और बिहार में चार स्थानों पर जल स्तर खतरे के निशान को पार कर गया है।
Weather ALERT: 16 तक बारिश... देश की 21 जगहों पर बाढ़ का खतरा; यूपी-बिहार-बंगाल और असम-ओडिशा की नदियां उफान पर
मौसम विभाग के पूर्वानुमान के मुताबिक आगामी 16 जुलाई तक बारिश से राहत के आसार नहीं हैं। इसके अलावा सीडब्ल्यूसी ने एक और चिंताजनक रिपोर्ट जारी की है। इसके मुताबिक देश की 21 जगहों पर बाढ़ का खतरा मंडरा रहा है। उत्तर प्रदेश (यूपी), बिहार, पश्चिम बंगाल के अलावा असम और ओडिशा की नदियां उफान पर हैं। चार जगहों पर हालात अधिक गंभीर हैं। जानिए मौसम का हाल और बाढ़ को लेकर जारी अलर्ट के अपडेट
सामान्य से अधिक बाढ़ की स्थिति
असम के गोलाघाट जिले में धनसिरी नदी और बिहार में बागमती और गंडक नदियां उन प्रमुख नदियों में शामिल हैं, जहां जल स्तर गंभीर बना है और या तो बढ़ रहा या स्थिर है। 17 अतिरिक्त स्थानों पर सामान्य से अधिक बाढ़ की स्थिति देखी जा रही है, जहां जल स्तर चेतावनी और खतरे के स्तर के बीच मंडरा रहा है। इनमें असम, बिहार, ओडिशा, उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल के नदी क्षेत्र शामिल हैं। असम में स्थिति चिंता का विषय बनी है, क्योंकि बराक, कुशियारा और कटखल नदियां क्रमशः कछार, करीमगंज और हैलाकांडी जिलों में बढ़ रही हैं।
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यूपी-बिहार में नदियों का जलस्तर
इस बीच बिहार में रुनीसैदपुर में बागमती नदी और बसुआ में कोसी नदी का जलस्तर भी बढ़ रहा है। हालांकि वे अभी खतरे के स्तर से नीचे हैं। उत्तर प्रदेश में फतेहगढ़, गढ़मुक्तेश्वर और कछला ब्रिज समेत कई गंगा निगरानी केंद्रों ने चेतावनी के स्तर से ऊपर होने की सूचना दी है। एल्गिनब्रिज में घाघरा नदी और खड्डा में गंडक नदी पर भी कड़ी निगरानी रखी जा रही है।
13 राज्यों के 25 जलाशय भी उफान पर
सीडब्ल्यूसी ने यह भी कहा कि 13 राज्यों के 25 जलाशयों में जल प्रवाह सीमा के बराबर या उससे अधिक होने की सूचना मिली है। इनमें आंध्र प्रदेश में श्रीशैलम, कर्नाटक में अलमट्टी, ओडिशा में हीराकुंड और मध्य प्रदेश में इंदिरा सागर और बरगी बांध जैसे प्रमुख जलाशय शामिल हैं। गोदावरी नदी पर तेलंगाना के लक्ष्मी बैराज में 18,000 क्यूमेक्स के साथ सबसे अधिक जल प्रवाह देखा गया। मध्य प्रदेश में इंदिरा सागर जलाशय में 11,000 क्यूमेक्स का प्रवाह हुआ। सक्रिय जल प्रवाह पूर्वानुमान वाले अन्य प्रभावित राज्यों में झारखंड, महाराष्ट्र, तमिलनाडु और पश्चिम बंगाल शामिल हैं। यहां मैथन, पंचत, गोसीखुर्द, मेट्टूर और कांग्साबती जैसे स्थलों पर जल स्तर की बारीकी से निगरानी की जा रही है।
बाढ़-भूस्खलन प्रभावित छह राज्यों को केंद्र ने दी 1,000 करोड़ की मदद
केंद्र सरकार ने बाढ़ और भूस्खलन प्रभावित छह राज्यों के लिए 1,066.80 करोड़ रुपये की राशि जारी करने को मंजूरी दी है। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने बृहस्पतिवार को बताया कि यह धनराशि राज्य आपदा मोचन निधि (एसडीआरएफ) से केंद्रीय हिस्से के तौर पर दी जा रही है।
- मंत्रालय ने बताया कि इसमें से उत्तराखंड को 455.60 करोड़ रुपये, असम को 375.60 करोड़ रुपये, मणिपुर को 29.20 करोड़ रुपये, मेघालय को 30.40 करोड़ रुपये, मिजोरम को 22.80 करोड़ रुपये और केरल को 153.20 करोड़ रुपये दिए गए हैं।
- केंद्र सरकार 14 राज्यों को एसडीआरएफ से 6,166.00 करोड़ रुपये और 12 राज्यों को राष्ट्रीय आपदा मोचन निधि (एनडीआरएफ) से 1,988.91 करोड़ रुपये पहले ही जारी कर चुकी है।