नियंत्रण रेखा पर हर रोज होने वाले सीजफायर उल्लंघन ने सरहदी इलाकों के लोगों की मुश्किलें बढ़ा दी हैं। पहले एलओसी पर पाकिस्तान की तरफ से चौकियों को टारगेट करके फायरिंग की जाती थी। अब चौकियों के साथ रिहायशी इलाकों पर भी गोले बरसाए जा रहे हैं। इसका असर इन क्षेत्रों में बच्चों की पढ़ाई, उनके स्वास्थ्य पर भी पड़ रहा है। ऊपर से लोगों के लिए बनने वाले बंकर भी अभी पूरी से नहीं बन पाए हैं।
एलओसी पर नहीं थम रही गोलाबारी, ग्रामीणों में दहशत, दो हजार से अधिक बार सीजफायर तोड़ चुका पाकिस्तान
जानकारी के अनुसार, पहले सेना की ओर से पाकिस्तानी गोलाबारी के बारे में पूर्व सूचना दे दी जाती थी। ऐसा सीमा पार की हलचल को भांपकर किया जाता था। लेकिन अब गोलाबारी का क्रम रुक-रुककर चलता रहता है। खासकर रिहायशी इलाकों को निशाना बनाकर कभी भी गोलाबारी शुरू कर दी जाती है। इस तरफ की मस्जिदों को भी निशाना बनाकर फायरिंग की जाती है।
मौजूदा वर्ष में अकेले पुंछ में ही पाकिस्तान ने 1200 से अधिक बार सीजफायर तोड़ा है। इसके अलावा बारामुला, कुपवाड़ा और राजोरी जिले की एलओसी पर भी सीजफायर तोड़ा गया।