सर्दियों के मौसम में जोड़ों के दर्द से पीड़ित लोगों की मुश्किलें और बढ़ जाती है। अर्थराइटिस के वजह से जोड़ों में सूजन आ जाती है, जिस कारण असहनीय दर्द होता है। इस दर्द का असर सेहत पर भी धीरे-धीरे दिखने लगता है। अर्थराइटिस के कारण जोड़ों में मौजूद कार्टिलेज धीरे-धीरे क्षतिग्रस्त होने लगती है और इस वजह से हड्डियां आपस में एक-दूसरे से घिसने या रगड़ने लगती हैं। इसके अलावा सर्दी बढ़ने पर शरीर में सूजन भी होने लगता है। हालांकि कुछ उपायों के द्वारा इस समस्या से राहत पाया जा सकता है। आइए जानते हैं इन उपायों के बारे में विस्तार से...
सर्दियों में बढ़ गया है जोड़ों का दर्द और सूजन तो इन 5 तरीकों से तुरंत मिलेगा आराम
जोड़ों का रोटेशन करें
तैराकी और साइकिलिंग जैसे कसरतों से आप अपना ज्वॉइंट रोटेशन कर सकते हैं। इन कामों को आप अपने जीवन शैली में शामिल करें। जोड़ों के इस घुमाव से आपको इसमें दर्द से राहत मिलेगी और स्थिति को बिगड़ने से रोकने में मदद मिलेगी। इसके अलावा सुबह टहलने से भी आपको फायदा मिल सकता है। हालांकि टहलते हुए इस बात का ध्यान रखें कि ज्यादा तेजी से न चलें और आरामदायक जूते पहनकर ही टहलें।
घी का करें सेवन
अर्थराइटिस की समस्या होने पर शरीर में वात की अधिकता अधिक हो जाती है और पूरे शरीर से नमी कम होने लगती है। नमी में कमी होने के कारण चिकनाई में कमी हो जाती है, जिस कारण जोड़ों में जकड़न बढ़ जाती है। घी, तिल या जैतून के तेल का उपयोग करने से सूजन में राहत मिलती है और जोड़ों में चिकनाई बढ़ती है।
अभ्यंग का अभ्यास
अभ्यंग आयुर्वेद चिकित्सा का एक रूप है। इस अभ्यास के दौरान पूरे शरीर की औषधीय तेलों से मालिश की जाती है। इससे एक तो वात की समस्या कम होती है और दूसरी इससे उत्तकों से टॉक्सिन को बाहर निकलने में मदद मिलती है। तिल के तेल को गुनगुना गर्म कर सिर से लेकर पांव तक लगाएं और हर रोज कम से कम दस मिनट तक मसाज करें। अगर आपको रुमेटॉइट आर्थराइटिस है तो अभ्यंग का अभ्यास न करें।
खानपान का ध्यान
उचित और संतुलित खानपान के द्वारा जोड़ों के दर्द से राहत पाया जा सकता है। करेला, बैंगन, नीम और सहजन के डंठल का सेवन इस रोग में अधिक से अधिक करें और साथ ही बेर और एवोकाडो जैसे फलों को भी जमकर खाएं।