Medically Reviewed by Dr. Rajan Gandhi
जनरल फिजिशियन, चाइल्डकेयर हॉस्पिटल, उजाला सिग्नस हॉस्पिटल
डिग्री- एम.बी.बी.एस, डिप्लोमा सी.एच
अनुभव- 25 वर्ष
अमेरिका में कोरोना वैक्सीन लगवाने के बावजूद काफी संख्या में लोग संक्रमित हो रहे हैं। ऐसे में वहां एक बार फिर से मास्क की वापसी हो गई है। सेंटर फॉर डिसीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन यानी सीडीसी की निदेशक डॉ. रोशेल पी वैलेंस्की का कहना है कि वैक्सीन की दोनों खुराक ले चुके लोग भी कोरोना के डेल्टा वैरिएंट की चपेट में आ रहे हैं। ऐसे में सीडीसी का कहना है कि टीका लगवा चुके लोगों में संक्रमण का कोई लक्षण है या किसी संक्रमित के संपर्क में आए हैं तो उन्हें भी कोरोना की जांच करानी होगी। भारत में भी हालात कुछ कम नहीं हैं। यहां भी बड़ी संख्या में लोग डेल्टा वैरिएंट की चपेट में आ रहे हैं। दैनिक मामलों में बढ़ोतरी ही देखने को मिल रही है। इसलिए सावधान रहने में ही भलाई और लक्षण दिखने पर कोरोना की जांच जरूर करवानी चाहिए। आइए जानते हैं कि टीका ले चुके लोगों में कौन-कौन से लक्षण दिखने पर कोरोना की जांच कराने की जरूरत है?
अलर्ट: वैक्सीन की दोनों खुराक ले चुके लोग भी रहें सतर्क, ये पांच लक्षण दिखें तो जरूर कराएं कोरोना की जांच
वैक्सीन ले चुके लोगों में कोरोना के लक्षण
- सिर दर्द
- बहती नाक
- गले में खराश
- स्वाद और सूंघने की क्षमता का चले जाना
- बुखार
गंभीर रूप से बीमार पड़ने की संभावना कम
- विशेषज्ञ हमेशा से ये कहते आए हैं कि वैक्सीन ले चुके लोगों के कोरोना से संक्रमित होने के बाद गंभीर रूप से बीमार पड़ने की संभावना कम होती है, लेकिन लक्षणों पर ध्यान देना बहुत जरूरी होता है। इसलिए वायरस को हल्के में न लें, लक्षण बढ़ने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।
टीकाकरण के बाद भी मास्क है जरूरी
- विशेषज्ञ कहते हैं कि टीकाकरण के बाद भी मास्क पहनना और सुरक्षित शारीरिक दूरी रखने जैसे नियमों को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए। टीकाकरण के बाद भी मास्क जरूरी है। इससे आप तो संक्रमण से बचेंगे ही, साथ ही दूसरों का भी बचाव होगा।
कौन सा मास्क बेहतर?
- विशेषज्ञ कहते हैं कि कोरोना से बचाव के लिए एन-95 मास्क को सबसे सुरक्षित माना गया है, लेकिन अगर आपके पास सर्जिकल मास्क है तो डबल मास्किंग करके रखें। कुछ महीने पहले ही अमेरिका के रोग नियंत्रण एवं रोकथाम केंद्र (सीडीसी) ने लोगों से डबल मास्किंग यानी एक साथ दो मास्क पहनने की सलाह दी थी। इससे संक्रमण को काफी हद तक रोका जा सकता है।
नोट: डॉ. राजन गांधी अत्याधिक योग्य और अनुभवी जनरल फिजिशियन हैं। इन्होंने कानपुर के जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज से अपना एमबीबीएस पूरा किया है। इसके बाद इन्होंने सीएच में डिप्लोमा पूरा किया। फिलहाल यह आईसीएचएच से वह उजाला सिग्नस कुलवंती अस्पताल में मेडिकल डायरेक्टर और सीनियर कंसल्टेंट फिजिशियन के तौर पर काम कर रहे हैं। यह आईएमए (इंडियन मेडिकल एसोसिएशन) के आजीवन सदस्य भी हैं। डॉ. राजन गांधी को इस क्षेत्र में 25 साल का अनुभव है।
अस्वीकरण: अमर उजाला की हेल्थ एवं फिटनेस कैटेगरी में प्रकाशित सभी लेख डॉक्टर, विशेषज्ञों व अकादमिक संस्थानों से बातचीत के आधार पर तैयार किए जाते हैं। लेख में उल्लेखित तथ्यों व सूचनाओं को अमर उजाला के पेशेवर पत्रकारों द्वारा जांचा व परखा गया है। इस लेख को तैयार करते समय सभी तरह के निर्देशों का पालन किया गया है। संबंधित लेख पाठक की जानकारी व जागरूकता बढ़ाने के लिए तैयार किया गया है। अमर उजाला लेख में प्रदत्त जानकारी व सूचना को लेकर किसी तरह का दावा नहीं करता है और न ही जिम्मेदारी लेता है। उपरोक्त लेख में उल्लेखित संबंधित बीमारी के बारे में अधिक जानकारी के लिए अपने डॉक्टर से परामर्श लें।