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विशेषज्ञों की चेतावनी: कोविड से ठीक हो चुके लोगों में बढ़ रही है यह समस्या, उठना-चलना तक हो सकता है मुश्किल

हेल्थ डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली Published by: Abhilash Srivastava Updated Fri, 30 Jul 2021 03:36 PM IST
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कोरोना के कारण बढ़ी मुश्किलें (प्रतीकात्मक तस्वीर) - फोटो : social media

नोवेल कोरोनावायरस के कारण लोगों को तमाम तरह की दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। विशेषकर कोरोना की दूसरी लहर ने जटिलताओं को और भी बढ़ा दिया। कोरोना संक्रमण के दौरान और ठीक होने के बाद लोगों को कई गंभीर प्रकार की जटिलताओं का सामना करना पड़ा। ऐसी ही एक गंभीर समस्या के बारे में स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने लोगों को आगाह किया है। डॉक्टरों का कहना है कि कोविड से ठीक हो चुके लोगों में कई तरह की जटिलताओं के साथ 'कोविड-टो' के मामले भी बढ़ते देखे जा रहे हैं। हाल ही में 13 साल के एक बच्चे में इस समस्या का निदान किया गया। इसके चलते उसे चलने, यहां तक कि जूते पहनने में भी कठिनाई होने लगी थी।


डॉक्टरों का कहना है कि कोविड-टो के मामले काफी असामान्य हैं, इसमें व्यक्ति के पैर या हाथ की उंगलियां प्रभावित हो सकती हैं। युवाओं में इस समस्या के विकसित होने का खतरा अधिक बताया जा रहा है। तो कहीं आपको भी तो इस तरह की कोई दिक्कत नहीं है, अगर है तो सावधान हो जाइए और तुरंत डॉक्टर से सलाह लें।
आइए आगे की स्लाइडों में इस समस्या के बारे में विस्तार से जानते हैं।

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हाथ और पैरों की उंगलियों में हो सकती है दिक्कत (प्रतीकात्मक तस्वीर) - फोटो : Social media
क्या है कोविड-टो की समस्या?
अमेरिकन एकेडमी ऑफ डर्मेटोलॉजी एसोसिएशन (एएडी) के अनुसार पैर की उंगलियों पर दिखाई देने वाले असामान्य तरीके के घावके आधार पर इसे कोविड-टो नाम दिया गया है। शोध के अनुसार, यह समस्या हाथों और पैर की किसी भी उंगली में हो सकता है। घाव के अलावा हाथ या पैर की उंगलियों में लालिमा की भी समस्या हो सकती है। डॉक्टरों का कहना है कि वैसे तो कोविड-टो, ज्यादा चिंताकारक समस्या नहीं है, हालांकि जब घाव या लालिमा एक उंगली से होकर दूसरी में बढ़ने लगे तो इसके चलते लोगों को कई तरह की दिक्कतें हो सकती हैं। कोविड-टो का समय पर निदान और इलाज न होने पर त्वचा के नीचे मवाद इकट्ठा हो सकती है।





 
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चलने तक में हो सकती है दिक्कत (प्रतीकात्मक तस्वीर) - फोटो : social media

किन कारणों से विकसित होती है यह दिक्कत?
कोविड-टो की समस्या क्यों होती है, इस बारे में जानने के लिए अध्ययन किया जा रहा है। हालांकि, 2020 के एक लेख के अनुसार विशेषज्ञों ने इसके पीछे कुछ कारणों की पहचान की है।  शोधकर्ताओं का सुझाव है कि यह दिक्कत सार्स-सीओवी-2 संक्रमण के प्रति प्रतिरक्षा प्रणाली की प्रतिक्रिया के कारण हो सकती है। वहीं कुछ विशेषज्ञों का यह भी मानना है कि लोगों में बढ़ रही शारीरिक निष्क्रियता की समस्या भी इसका एक कारण हो सकती है। 

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किसी भी लक्षण के दिखते ही डॉक्टर से करें संपर्क - फोटो : amar ujala

कोविड-टो का क्या इलाज हो सकता है?
स्वास्थ्य विशेषज्ञों का मानना है कि ज्यादातर लोगों को कोविड-टो की समस्या में किसी प्रकार के इलाज की आवश्यकता नहीं होती है, यह स्वयं ही ठीक हो सकती है। जिन लोगों में यह समस्या गंभीर रूप ले रही हो उन्हें कुछ दर्दनिवारक या एंटीबायोटिक दवाएं दी जा सकती हैं। एएडी के सुझावों के अनुसार दर्द और खुजली को कम करने के लिए हाइड्रोकार्टिसोन क्रीम का उपयोग किया जा सकता है।

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कोविड-टो की संक्रामकता का खतरा? - फोटो : social media

क्या संक्रामक है कोविड-टो की समस्या?
एएडी के मुताबिक कोविड-टो की संक्रामकता के बारे में जानने के लिए फिलहाल शोधकर्ता अध्ययन कर रहे हैं। विशेषज्ञों का कहना है, यदि कोरोना के संक्रमण के दौरान आपको यह दिक्कत हो रही है तो दूसरे लोगों से पर्याप्त दूरी बनाकर रखना उचित है। जबतक इस बारे में शोधकर्ता किसी परिणाम तक नहीं पहुंच जाते हैं ऐसे लोगों को कोविड से बचाव के सभी उपायों का सख्ती से पालन करते रहना चाहिए। डॉक्टरों का कहना है कि कोविड-टो की दिक्कत सामान्यतौर पर लोगों में 10-14 दिनों तक बनी रहती है, हालांकि कुछ लोगों को यह समस्या महीनों तक भी रह सकती है। 

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स्रोत और संदर्भ: 
COVID TOES, RASHES: HOW THE CORONAVIRUS CAN AFFECT YOUR SKIN

अस्वीकरण नोट: यह लेख अमेरिकन एकेडमी ऑफ डर्मेटोलॉजी एसोसिएशन (एएडी) के सुझावों के आधार पर तैयार किया गया है। लेख में शामिल सूचना व तथ्य आपकी जागरूकता और जानकारी बढ़ाने के लिए साझा किए गए हैं। संबंधित विषय के बारे में ज्यादा जानकारी के लिए अपने चिकित्सक से सलाह लें। 


 
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