नोवेल कोरोनावायरस के कारण लोगों को तमाम तरह की दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। विशेषकर कोरोना की दूसरी लहर ने जटिलताओं को और भी बढ़ा दिया। कोरोना संक्रमण के दौरान और ठीक होने के बाद लोगों को कई गंभीर प्रकार की जटिलताओं का सामना करना पड़ा। ऐसी ही एक गंभीर समस्या के बारे में स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने लोगों को आगाह किया है। डॉक्टरों का कहना है कि कोविड से ठीक हो चुके लोगों में कई तरह की जटिलताओं के साथ 'कोविड-टो' के मामले भी बढ़ते देखे जा रहे हैं। हाल ही में 13 साल के एक बच्चे में इस समस्या का निदान किया गया। इसके चलते उसे चलने, यहां तक कि जूते पहनने में भी कठिनाई होने लगी थी।
विशेषज्ञों की चेतावनी: कोविड से ठीक हो चुके लोगों में बढ़ रही है यह समस्या, उठना-चलना तक हो सकता है मुश्किल
अमेरिकन एकेडमी ऑफ डर्मेटोलॉजी एसोसिएशन (एएडी) के अनुसार पैर की उंगलियों पर दिखाई देने वाले असामान्य तरीके के घावके आधार पर इसे कोविड-टो नाम दिया गया है। शोध के अनुसार, यह समस्या हाथों और पैर की किसी भी उंगली में हो सकता है। घाव के अलावा हाथ या पैर की उंगलियों में लालिमा की भी समस्या हो सकती है। डॉक्टरों का कहना है कि वैसे तो कोविड-टो, ज्यादा चिंताकारक समस्या नहीं है, हालांकि जब घाव या लालिमा एक उंगली से होकर दूसरी में बढ़ने लगे तो इसके चलते लोगों को कई तरह की दिक्कतें हो सकती हैं। कोविड-टो का समय पर निदान और इलाज न होने पर त्वचा के नीचे मवाद इकट्ठा हो सकती है।
किन कारणों से विकसित होती है यह दिक्कत?
कोविड-टो की समस्या क्यों होती है, इस बारे में जानने के लिए अध्ययन किया जा रहा है। हालांकि, 2020 के एक लेख के अनुसार विशेषज्ञों ने इसके पीछे कुछ कारणों की पहचान की है। शोधकर्ताओं का सुझाव है कि यह दिक्कत सार्स-सीओवी-2 संक्रमण के प्रति प्रतिरक्षा प्रणाली की प्रतिक्रिया के कारण हो सकती है। वहीं कुछ विशेषज्ञों का यह भी मानना है कि लोगों में बढ़ रही शारीरिक निष्क्रियता की समस्या भी इसका एक कारण हो सकती है।
कोविड-टो का क्या इलाज हो सकता है?
स्वास्थ्य विशेषज्ञों का मानना है कि ज्यादातर लोगों को कोविड-टो की समस्या में किसी प्रकार के इलाज की आवश्यकता नहीं होती है, यह स्वयं ही ठीक हो सकती है। जिन लोगों में यह समस्या गंभीर रूप ले रही हो उन्हें कुछ दर्दनिवारक या एंटीबायोटिक दवाएं दी जा सकती हैं। एएडी के सुझावों के अनुसार दर्द और खुजली को कम करने के लिए हाइड्रोकार्टिसोन क्रीम का उपयोग किया जा सकता है।
क्या संक्रामक है कोविड-टो की समस्या?
एएडी के मुताबिक कोविड-टो की संक्रामकता के बारे में जानने के लिए फिलहाल शोधकर्ता अध्ययन कर रहे हैं। विशेषज्ञों का कहना है, यदि कोरोना के संक्रमण के दौरान आपको यह दिक्कत हो रही है तो दूसरे लोगों से पर्याप्त दूरी बनाकर रखना उचित है। जबतक इस बारे में शोधकर्ता किसी परिणाम तक नहीं पहुंच जाते हैं ऐसे लोगों को कोविड से बचाव के सभी उपायों का सख्ती से पालन करते रहना चाहिए। डॉक्टरों का कहना है कि कोविड-टो की दिक्कत सामान्यतौर पर लोगों में 10-14 दिनों तक बनी रहती है, हालांकि कुछ लोगों को यह समस्या महीनों तक भी रह सकती है।
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स्रोत और संदर्भ:
COVID TOES, RASHES: HOW THE CORONAVIRUS CAN AFFECT YOUR SKIN
अस्वीकरण नोट: यह लेख अमेरिकन एकेडमी ऑफ डर्मेटोलॉजी एसोसिएशन (एएडी) के सुझावों के आधार पर तैयार किया गया है। लेख में शामिल सूचना व तथ्य आपकी जागरूकता और जानकारी बढ़ाने के लिए साझा किए गए हैं। संबंधित विषय के बारे में ज्यादा जानकारी के लिए अपने चिकित्सक से सलाह लें।