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Atal Bihari Vajpayee Birth Anniversary: 5 रोचक तथ्य जिन्होंने अटल बिहारी वाजपेई को बनाया कवि से प्रधानमंत्री
लाइफस्टाइल डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: शिवानी अवस्थी
Updated Wed, 24 Dec 2025 12:32 PM IST
सार
Atal Bihari Vajpayee Birth Anniversary: भारत के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की जयंती के मौके पर उनके जीवन से जुड़े ऐसे रोचक किस्से जानिए, जिन्होंने उन्हें विरोधियों का भी प्रिय नेता बना दिया।
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अटल बिहारी वाजपेयी
- फोटो : Amar Ujala
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विस्तार
Atal Bihari Vajpayee Birth Anniversary: भारत के तीन बार प्रधानमंत्री रह चुके स्वर्गीय अटल बिहारी वाजपेयी की जयंती 25 दिसंबर को मनाई जा रही है। अटल बिहारी वाजपेई सिर्फ एक प्रधानमंत्री नहीं थे, वह भारतीय राजनीति की वह आवाज थे, जो विरोध में भी मर्यादा निभाती थी। आज जब सियासत तेज़, तीखी और तात्कालिक हो चुकी है, तब अटल जी का जीवन ठहराव, संवाद और राष्ट्रहित की याद दिलाता है। उनकी जयंती केवल स्मरण नहीं, सीख लेने का अवसर है। आइए, सरल भाषा में जानते हैं अटल बिहारी वाजपेई के जीवन से जुड़े कुछ ऐसे रोचक तथ्य, जो उन्हें एक राजनेता से कहीं बड़ा व्यक्तित्व बनाते हैं।
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अटल बिहारी वाजपेयी जन्म और प्रारंभिक जीवन
अटल बिहारी वाजपेई का जन्म 25 दिसंबर 1924 को मध्य प्रदेश के ग्वालियर में हुआ। उनके पिता कृष्ण बिहारी वाजपेई स्वयं शिक्षक और कवि प्रवृत्ति के थे, जिसका प्रभाव अटल जी के व्यक्तित्व पर साफ दिखा। उन्होंने अपने पिता के साथ डीएवी कॉलेज से लॉ की पढ़ाई की। दोनों एक ही क्लास में बैठते थे और हॉस्टल में एक ही कमरे में रहते थे। जब उनके दोस्तों को यह बात पता चली तो उन्होंने और उनके पिता ने अपने सेक्शन बदल लिए।
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राजनीति से पहले कवि थे अटल जी
बहुत कम लोग जानते हैं कि अटल बिहारी वाजपेई की पहचान राजनीति से पहले एक संवेदनशील कवि के रूप में थी। उनकी कविताओं में राष्ट्रवाद के साथ मानवीय पीड़ा भी झलकती थी। जब भी किसी जनसभा में शामिल होते थे, भाषण से पहले और बाद में काली मिर्च और मिश्री का सेवन करते थे। खासतौर पर उनके लिए मथुरा से मिश्री मंगवाई जाती थी। वे पत्रकार बनना चाहते थे, लेकिन बाद में राजनीति में आ गए।
जनसंघ से प्रधानमंत्री तक का सफर
अटल जी ने भारतीय जनसंघ से राजनीति की शुरुआत की। हालांकि, उनकी बहन अक्सर उनकी खाकी पैंट फेंक देती थीं क्योंकि उनके पिता सरकारी कर्मचारी थे और परिवार चाहता था कि वे राजनीति से दूर रहें। अटल बिहारी वाजपेयी एक आदर्श राजनेता थे। वे पहले ऐसे प्रधानमंत्री थे जिन्होंने 26 राजनीतिक दलों के साथ मिलकर सरकार बनाई। वर्ष 1998 से 2004 तक वे भारत के तीन बार प्रधानमंत्री रहे। वे ऐसे पहले गैर-कांग्रेसी प्रधानमंत्री थे जिन्होंने पूरा कार्यकाल पूरा किया।
पोखरण परमाणु परीक्षण का साहसिक निर्णय
1998 में अटल सरकार ने पोखरण परमाणु परीक्षण कर भारत को परमाणु शक्ति संपन्न राष्ट्रों की कतार में खड़ा किया। यह फैसला अंतरराष्ट्रीय दबाव के बावजूद लिया गया और इतिहास बन गया। प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना और स्वर्णिम चतुर्भुज परियोजना अटल जी की दूरदर्शी सोच का परिणाम थीं। इन्हीं परियोजनाओं ने भारत के इंफ्रास्ट्रक्चर को नई दिशा दी।
वाजपेयी का व्यक्तित्व, शौक और रुचियां
अटल बिहारी वाजपेई ऐसे नेता थे जिन्हें विपक्ष भी सुनता और सम्मान देता था। उनकी भाषण शैली में कटुता नहीं, तर्क और मर्यादा होती थी। अटल बिहारी वाजपेयी को तोहफे पसंद नहीं थे। वे गिफ्ट लेने की परंपरा के सख्त खिलाफ थे। हालांकि, उन्हें खाने-पीने का बहुत शौक था और वे घर पर बने भोजन को सबसे बड़ा तोहफा मानते थे। इसके अलावा अटल जी को गोलगप्पे खाना बहुत पसंद था। अटल जी ने कभी विवाह नहीं किया। उन्होंने एक सादा, अनुशासित और सार्वजनिक जीवन जिया। उनका जीवन सत्ता से ज़्यादा सेवा का उदाहरण था।