Causes of Snoring In Winter: अक्सर ये देखने को मिलता है कि सर्दियों में खर्राटों की समस्या बढ़ जाती है। एक स्टडी के मुताबिक भीषण ठंड में लोग इंटरनेट पर खर्राटे के बारे खूब सर्च करते हैं। सर्दियों की रातों में खर्राटों की आवाज बढ़ना महज एक इत्तेफाक नहीं, बल्कि इसके पीछे कुछ पर्यावरणीय कारण हैं। जैसे ही तापमान गिरता है, हवा शुष्क हो जाती है, जो हमारे श्वसन मार्ग की संवेदनशील झिल्ली को प्रभावित करती है।
Health Tips: सर्दियों में क्यों अधिक आते हैं खर्राटे? कहीं ये किसी गंभीर बीमारी का संकेत तो नहीं
Causes of Poor Sleep in Winter: ठंड के दिनों में खर्राटे की समस्या बढ़ जाती है, इसके पीछे कई कारण हैं जिसके बारे में आपको भी जानना चाहिए। इसके साथ ही ये भी जानना जरूरी है खर्राटे आना कई बार गंभीर बीमारियों का संकेत भी होते हैं। इसलिए आइए इस लेख में इसी के बारे में जानते हैं।
नाक का बंद होना
सर्दियों में जुकाम और साइनस की समस्या आम है। जब नाक बंद होती है, तो व्यक्ति मजबूरी में मुंह से सांस लेने लगता है। मुंह से सांस लेने पर गले का पिछला हिस्सा अधिक कंपन करता है, जिससे खर्राटों की तीव्रता बढ़ जाती है। अगर आपको साइनस है, तो रात को सोने से पहले भाप लेना और 'नेजल स्प्रे' का उपयोग करना इस समस्या को काफी हद तक कम कर सकता है।
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शुष्क हवा और हीटर का प्रभाव
ठंड से बचने के लिए कमरे में चलाया गया 'रूम हीटर' हवा की प्राकृतिक नमी को सोख लेता है। शुष्क हवा गले और नाक के ऊतकों को सुखा देती है, जिससे घर्षण बढ़ता है और खर्राटे तेज हो जाते हैं। इससे बचने के लिए कमरे में 'ह्यूमिडिफायर' का प्रयोग करें या कमरे के एक कोने में पानी से भरा कटोरा रखें, ताकि हवा में नमी बनी रहे और श्वसन मार्ग गीला रहे।
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स्लीप एपनिया
अगर खर्राटों के बीच अचानक सांस रुकने जैसी स्थिति महसूस हो, तो यह स्लीप एपनिया हो सकता है। सर्दियों में शारीरिक गतिविधि कम होने से वजन बढ़ता है, जो गले के आसपास अतिरिक्त चर्बी जमा कर देता है। यह चर्बी सोते समय सांस की नली पर दबाव डालती है। स्लीप एपनिया से पीड़ित व्यक्ति को दिनभर थकान रहती है और लंबे समय में यह टाइप-2 डायबिटीज और स्ट्रोक के जोखिम को बढ़ा देता है।
खर्राटों को कम करने के लिए सबसे पहले अपनी 'स्लीपिंग पोजीशन' बदलें, पीठ के बल सोने के बजाय करवट लेकर सोएं। रात को सोने से कम से कम 2 घंटे पहले हल्का भोजन करें और शराब का सेवन बिल्कुल न करें, क्योंकि यह गले की मांसपेशियों को अत्यधिक ढीला कर देती है। अगर समस्या बनी रहती है, तो तुरंत किसी डॉक्टर से अपने सभी लक्षणों को बताकर परामर्श लें।
नोट: यह लेख मेडिकल रिपोर्टस से एकत्रित जानकारियों के आधार पर तैयार किया गया है।
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