कोविड संक्रमण को मात देकर लौटने वाले लोगों में पोस्ट कोविड सिंड्रोम के मामले देखने को मिल रहे हैं। इसमें लोगों को कई तरह की समस्याएं हो रही हैं। एक हालिया अध्ययन में विशेषज्ञों ने बताया है कि कोविड से ठीक होने के बाद लोगों को थकान और मूड डिसऑर्डर के कई लक्षणों का अनुभव हो रहा है। इस तरह की समस्याएं सामान्य जीवन के लिए काफी मुश्किलें पैदा कर सकती हैं। समय से इनकी पहचान और इलाज करना बहुत आवश्यक होता है। आइए जानते हैं कि अध्ययन में पोस्ट कोविड किन लक्षणों को लेकर विशेषज्ञ आगाह कर रहे हैं।
अध्ययन: 'पोस्ट कोविड सिंड्रोम' के कारण कठिन हो सकती है जिंदगी, हो रही हैं ऐसी गंभीर समस्याएं
मायो क्लीनिक प्रोसीडिंग्स जर्नल में प्रकाशित अध्ययन के मुताबिक कोविड से ठीक हो रहे लोगों को कई तरह की मूड से संबंधित समस्याएं हो सकती हैं। मायो क्लीनिक ने पोस्ट कोविड समस्याओं से ग्रसित लोगों के उपचार के लिए कोविड-19 एक्टिविटी रिहैवलिएशन प्रोग्राम का आयोजन किया है, जिसमें शामिल पहले 100 रोगियों पर अध्ययन के आधार पर यह निष्कर्ष निकाला गया है।
कई तरह की दिक्कतें हो रही हैं
विशेषज्ञों ने अध्ययन के लिए 45 साल तक की आयु के लोगों को शामिल किया। इन सभी का कोविड-19 संक्रमण से करीब 93 दिनों का समय बीत चुका था। विशेषज्ञों ने पाया कि इनमें से ज्यादातर लोगों को पोस्ट कोविड सिंड्रोम के रूप में थकान का अनुभव हो रहा था। कोविड संक्रमण के बाद 80 फीसदी लोगों ने असामान्य थकान, 59 फीसदी लोगों ने श्वसन संबंधी जबकि कुछ लोगों नें न्यूरोलॉजिकल समस्याओं की शिकायतें की।
दैनिक कामकाज में भी कठिनाई
विशेषज्ञ कहते हैं कि कोविड-19 से ठीक हो चुके एक तिहाई से अधिक लोगों ने दैनिक जीवन की सामान्य गतिविधियों को भी करने में कठिनाई महसूस होने की शिकायत की। हर तीन में से एक रोगी को बिना किसी समस्या के सामान्य जीवन व्यतीत करते हुए पाया गया है।
अध्ययन के लेखक और मायो क्लिनिक में कोविड-19 रिहैवलिएशन प्रोग्राम के एमडी ग्रेग वानिचकोर्न कहते हैं कि अध्ययन में ज्यादातर रोगियों को कोविड-19 संक्रमण से पहले कोई चिंताजनक कोमोरबिडिटी नहीं थी। इसके अलावा ज्यादातर लोगों में कोविड के ऐसे लक्षण भी नहीं थे जिसके कारण उन्हें अस्पताल में भर्ती होने की जरूरत रही हो। पोस्ट कोविड सिंड्रोम के इस तरह के दुष्प्रभावों से बचने के लिए ज्यादातर लोगों को फिजिकल-ऑक्यूपेशनल थेरपी अथवा ब्रेन रिहैवलिएशन उपचार की जरूरत पड़ रही है।
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स्रोत और संदर्भ:
Post COVID-19 Syndrome (Long Haul Syndrome): Description of a Multidisciplinary Clinic at the Mayo Clinic and Characteristics of the Initial Patient Cohort
अस्वीकरण नोट: यह लेख मायो क्लीनिक द्वारा कोविड-19 से ठीक हो चुके रोगियों गए किए अध्ययन के आधार पर तैयार किया गया है। लेख में शामिल सूचना व तथ्य आपकी जागरूकता और जानकारी बढ़ाने के लिए साझा किए गए हैं। अमर उजाला राउटर्स के इस अध्ययन और दवा को लेकर कोई दावा नहीं करता है।