Pregnancy Safety In Air Pollution: दिल्ली-एनसीआर के कई क्षेत्रों में इन दिनों वायु प्रदूषण अपने चरम है, और इसका नकारात्मक असर बच्चों लेकर बुढ़ों तक हर किसी में देखने को मिल रहा है। 400+ एक्यूआई का वायु प्रदूषण, बच्चे, बूढ़े, वयस्क और गर्भवती महिलाओं समेत हर किसी को नुकसान पहुंचाता है। हमने वायु प्रदूषण के नकारात्मक प्रभाव और बीमारियों के जोखिम के बारे में बताया है। इसलिए आइए इस लेख में जानते हैं कि ये खतरनाक वायु प्रदूषण गर्भवती महिलाओं को किस तरह प्रभावित कर रहा है और इससे बचने के लिए किस तरह की सावधानियां बरतना जरूरी है।
Health Tips: गर्भवती महिलाओं पर प्रदूषण के प्रभाव को लेकर डॉक्टर की चेतावनी, भूलकर भी ना करें ये गलतियां
Pregnancy Mein Pradushan se Bachav: दिल्ली के कई हिस्सों में AQI 400+ है। ऐसे में गर्भवती महिलाओं को विशेष सावधानियां बरतनी चाहिए। आइए इस लेख में गायनेकोलॉजिस्ट इसी के बारे में विस्तार से जानते हैं।
शिशु के विकास पर प्रदूषण का गहरा असर
डॉक्टर अंजली के मुताबिक खतरनाक स्तर का वायु प्रदूषण भ्रूण के विकास को कई तरह से बाधित करता है। इससे शिशु का जन्म वजन कम हो सकता है और समय से पहले डिलीवरी का खतरा बढ़ जाता है।
इसके अलावा, मां में गर्भकालीन मधुमेह और प्री-एक्लेमप्सिया (उच्च रक्तचाप की समस्या) का खतरा भी बढ़ जाता है। प्रदूषण से भ्रूण के फेफड़ों का विकास भी प्रभावित हो सकता है, जिससे बच्चे में आगे चलकर अस्थमा जैसी श्वसन संबंधी बीमारियों का जोखिम अधिक होता है।
क्या करें?
डॉक्टर अंजली कुमार के अनुसार, जब एक्यूआई 'बहुत खराब' या 'गंभीर' स्तर पर हो, तो गर्भवती महिलाओं को घर के अंदर ही रहने को प्राथमिकता देनी चाहिए। इस दौरान घर की खिड़कियां और दरवाजे बंद रखना चाहिए।
यदि आपको बहुत जरूरी काम से बाहर निकलना पड़े, तो हमेशा N95 या N99 मास्क का उपयोग करें। घर के अंदर की हवा को शुद्ध रखने के लिए, बेडरूम में HEPA फिल्टर वाले एयर प्यूरीफायर का इस्तेमाल करना सबसे अच्छा उपाय है।
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हाइड्रेशन और आहार में जरूर करें ये सुधार
शरीर को प्रदूषण के हानिकारक प्रभावों से लड़ने में मदद करने के लिए, हाइड्रेटेड रहना बहुत जरूरी है। इसलिए खूब पानी पिएं। इसके साथ ही, अपने आहार में एंटीऑक्सीडेंट्स से भरपूर खाद्य पदार्थ शामिल करें। जामुन, मेवे, खट्टे फल, और हरी पत्तेदार सब्जियां जैसे खाद्य पदार्थ शरीर में सूजन को कम करने और प्रदूषण के विषाक्त प्रभावों को बेअसर करने में मदद करते हैं।
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डॉक्टर अंजली के अनुसार, गर्भवती महिलाओं को अपनी नियमित प्रसव पूर्व जांच को प्राथमिकता देनी चाहिए। यदि आप उच्च प्रदूषण वाले वातावरण में रह रही हैं, तो समय-समय पर अपने डॉक्टर से भ्रूण की निगरानी के बारे में जरूर पूछें।
यह सुनिश्चित करता है कि शिशु को पर्याप्त ऑक्सीजन मिल रही है और उसका विकास ठीक से हो रहा है। याद रखें आप केवल अपने शरीर की सुरक्षा नहीं कर रही हैं, बल्कि आप अपने अंदर पल रहे नए जीवन की भी रक्षा कर रही हैं।
नोट: यह लेख मेडिकल रिपोर्टस से एकत्रित जानकारियों के आधार पर तैयार किया गया है।
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