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Women Heart Health: महिलाओं में दिल की बीमारी क्यों बढ़ रही है? जानिए कारण और बचाव

लाइफस्टाइल डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली Published by: शिवानी अवस्थी Updated Wed, 29 Oct 2025 07:42 PM IST
सार

Women Heart Health: महिलाओं में बढ़ते दिल के रोगों का कारण है तनाव और गलत जीवनशैली। जानिए किन संकेतों को नज़रअंदाज़ न करें और दिल की सेहत कैसे बनाए रखें।

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Women Heart Health Tips Heart Attack Symptoms And Prevention in Hindi
हार्ट अटैक - फोटो : Adobe stock photos

प्रभा किरण



स्वस्थ शरीर और लंबी उम्र के लिए सेहतमंद दिल जरूरी है। चिकित्सक कहते हैं, आज की तेज़ रफ्तार जिंदगी में अनियमित भोजन और नींद ने दिल के रोगों को बढ़ा दिया है। महिलाओं में भी दिल की बीमारियों का जोखिम तेजी से बढ़ा है। ऐसे में आपने अपनी और परिवार की सेहत के लिए क्या इंतज़ाम किए हैं?

अगर विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) की 2022 की रिपोर्ट को देखें तो हृदय संबंधी रोग वैश्विक स्तर पर मौत का सबसे बड़ा कारण है। वर्ष 2022 में 198 लाख लोगों की मौतें हृदय रोगों से हुईं, जो विश्व की कुल मृत्यु का करीब 32 प्रतिशत है। इन मौतों में से 85 प्रतिशत दिल के दौरे और स्ट्रोक के कारण हुईं।

यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया-लॉस एंजिल्स का एक हालिया अध्ययन कहता है कि महिलाओं में दिल की बीमारी का खतरा उनकी जीवन-शैली और रोजगार की स्थिति पर निर्भर करता है। ऐसे में यदि आप भी बिना सोचे-समझे फास्ट फूड, पैक्ड फूड, तली-भुनी चीजें खाती हैं और समय पर न सोने जैसी आदतें अपनाती हैं तो सतर्क हो जाइए। यह अस्वस्थ आदतें कम उम्र में दिल की बीमारियों को जन्म दे रही हैं। विशेष रूप से 35 से 40 वर्ष की आयु की महिलाओं में अचानक दिल का दौरा और कार्डियक अरेस्ट जैसे गंभीर मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। ऐसे में वक्त आ गया है कि महिलाएं अपने और परिवार के सदस्यों के दिल की सेहत को प्राथमिकता दें और संतुलित जीवन-शैली अपनाएं।

किसको अधिक खतरा

एक स्वस्थ दिल न केवल शरीर को ऊर्जावान बनाए रखने में मदद करता है, बल्कि लंबी उम्र और बेहतर जीवन-शैली का आधार भी होता है। लेकिन आज के समय में दिल की बीमारियां तेजी से बढ़ रही हैं और इसका सबसे बड़ा कारण है आपकी अनियमित जीवन-शैली। अधिक तला-भुना, वसायुक्त और प्रोसेस्ड फूड का सेवन, नियमित व्यायाम न करना, तनाव, नींद की कमी और मोटापा, ये सभी कारण दिल को कमजोर बनाते हैं।

चिकित्सकों का मानना है कि महिलाओं के लिए दिल की बीमारियों का खतरा कुछ अलग रूपों में भी सामने आता है, जिन्हें नजरअंदाज नहीं किया जाना चाहिए। उदाहरण के लिए, जब किसी महिला को समय से पहले मेनोपॉज हो जाता है तो उस दौरान शरीर में एस्ट्रोजन हार्मोन का स्तर कम हो जाता है। इससे उस महिला को आर्थराइटिस और दिल की बीमारियों की आशंका बढ़ जाती है। मेनोपॉज के समय मानसिक तनाव और अवसाद की समस्या भी आम है, जो दिल की सेहत को नुकसान पहुंचा सकती है। इसके अलावा गर्भावस्था के दौरान हाई ब्लड प्रेशर या डायबिटीज होने पर भविष्य में दिल की बीमारी का खतरा बढ़ जाता है।

पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम (पीसीओएस) से पीड़ित महिलाओं में भी दिल की समस्याएं अधिक देखने को मिलती हैं। वहीं एक अन्य अहम कारण है, रूमेटाइड आर्थराइटिस यानी गठिया। इससे शरीर में सूजन बढ़ जाती है और रक्त वाहिकाओं की कार्यप्रणाली प्रभावित होती है, जिससे दिल का दौरा पड़ने का जोखिम बढ़ जाता है। इसलिए महिलाओं को अपने दिल की सेहत के प्रति अधिक सतर्क रहने, समय पर जांच कराने और जीवन-शैली में सुधार लाने की जरूरत है।
 

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संकेतों की पहचान - फोटो : Freepik.com

संकेतों की पहचान

महिलाओं को दिल की सेहत से जुड़े कुछ संकेतों पर विशेष ध्यान देना चाहिए, जैसे- बिना किसी वजह के अचानक थकान महसूस होना, हल्का काम करने पर भी सांस फूलना, सीने में हल्का भारीपन या दर्द और नींद न आना। अक्सर इन लक्षणों को महिलाएं एसिडिटी, तनाव या कमजोरी समझकर नजरअंदाज कर देती हैं, जिससे बीमारी का पता लगाने और इलाज में देरी हो जाती है। लेकिन ये दिल की बीमारी के शुरुआती संकेत हो सकते हैं। ऐसे में खास तौर पर उन महिलाओं को ज्यादा सतर्क रहना चाहिए, जिनके परिवार में पहले से दिल की बीमारी का इतिहास रहा हो या जिन्हें हाई ब्लड प्रेशर और डायबिटीज की समस्या हो।

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पवनमुक्तासन - फोटो : Freepik

स्ट्रेचिंग से दिन की शुरुआत

सुबह उठते ही बेड पर कुछ सरल योग आसन करें। ये आसन दिन भर शरीर में ऊर्जा बनाए रखने में मदद करेंगे। भद्रासन, यस्तिकासन और पवनमुक्तासन जैसे आसन करने से मांसपेशियों को आराम मिलता है और जकड़न दूर होती है। ये आसन शरीर को धीरे-धीरे सक्रिय करते हैं और रक्त संचार को बेहतर बनाते हैं, खासकर दिल के आस-पास के हिस्से में। इससे हृदय को स्वस्थ बनाए रखने में मदद मिलती है। साथ ही इन आसनों से पाचन, नींद की गुणवत्ता और मानसिक शांति में भी सुधार होता है। यह दिन की सकारात्मक शुरुआत का सरल उपाय है।

बेड से उठते ही गुनगुना पानी

बॉडी स्ट्रेचिंग के बाद एक गिलास गुनगुना पानी पीना सेहत के लिए फायदेमंद होता है। इसमें एक चम्मच नींबू का रस और शहद मिलाकर पीने से पाचन तंत्र मजबूत रहता है। यह शरीर से विषैले तत्व निकालने में मदद करता है और एसिडिटी तथा गैस की समस्या को दूर करता है। असल में, गैस बनने पर नर्वस सिस्टम पर असर पड़ता है, जिससे दिल की धड़कन तेज हो जाती है। यह सरल उपाय दिल और पाचन, दोनों के लिए लाभकारी है।

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मेडिटेशन के कई सारे फायदे - फोटो : Freepik.com

थोड़ा समय मेडिटेशन को

दिल और दिमाग का गहरा संबंध होता है, इसलिए दिल की सेहत के लिए रोजाना सुबह मेडिटेशन करना बेहद फायदेमंद है। यह तनाव और चिंता को कम करता है, जो हृदय रोगों के प्रमुख कारणों में से एक है। नियमित मेडिटेशन मानसिक शांति देता है और दिल को मजबूत बनाता है। इसके साथ ही सुबह की सैर और हल्की एक्सरसाइज से शरीर में ऑक्सीजन का स्तर बढ़ता है और रक्त संचार सुधरता है। यदि बाहर टहलना संभव न हो तो घर की छत या लॉबी में वॉक करें। वॉकिंग एक बेहतरीन कार्डियो एक्सरसाइज है, जो दिल की कार्यक्षमता को सुधारती है।

ड्राई फ्रूट्स और सीड्स का सेवन

सुबह नियमित रूप से ड्राई फ्रूट्स और नट्स का सेवन दिन भर ऊर्जावान बनाए रखता है और स्वास्थ्य को लाभ पहुंचाता है। बादाम और अखरोट हार्ट-फ्रेंडली नट्स होते हैं, जिनको रात भर पानी में भिगोकर, सुबह छीलकर खाना चाहिए। ये दिल की सेहत के लिए बेहद लाभकारी होते हैं। साथ ही आप खुबानी भी खा सकती हैं, जिसमें पोटैशियम, फाइबर और एंटीऑक्सिडेंट गुण पाए जाते हैं। ये हाई ब्लड प्रेशर को नियंत्रित करने, बैड कोलेस्ट्रॉल को कम करने और शरीर की सूजन को घटाने में मदद करते हैं।

नाश्ते की प्लेट

आप परिवार को सेहतमंद रखने वाला नाश्ता कराएं। इसके लिए आप नाश्ते में ओमेगा-3 फैटी एसिड से भरपूर आहार, जैसे- ओट्स, फल, नट्स, अलसी, चिया सीड्स, एवोकाडो, लो-फैट दही, साबुत अनाज, हरी सब्जियां, अंकुरित अनाज और ग्रीन टी शामिल करें। ये ब्लड प्रेशर को नियंत्रित रखने में मदद करते हैं और हार्ट अटैक, स्ट्रोक तथा हार्ट फेलियर के खतरे को कम करते हैं। याद रखें, नाश्ता फाइबर, एंटीऑक्सिडेंट और पोषण से भरपूर होना चाहिए, न कि अत्यधिक तला-भुना और मसालेदार।

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समय पर सोने की आदत - फोटो : adobe stock

लंच और डिनर

गलत खान-पान और शरीर में बैड कोलेस्ट्रॉल का बढ़ना दिल को गंभीर रूप से प्रभावित कर सकता है। इसलिए लंच और डिनर में ऐसी चीजें शामिल करें, जिनमें कैल्शियम, आयरन, विटामिन डी और बी12 भरपूर मात्रा में हों। ताजी सब्जियां, साबुत अनाज, लो-फैट प्रोटीन, जैसे दालें, टोफू या ग्रिल्ड चिकन को डाइट में शामिल करें। अत्यधिक मीठा और नमकीन खाने से बचें, क्योंकि ये हाई ब्लड प्रेशर और मोटापे को बढ़ा सकते हैं। लंच और डिनर में ट्रांस फैट और प्रोसेस्ड फूड से दूरी बनाएं, क्योंकि ये कोलेस्ट्रॉल को बढ़ाकर दिल की बीमारियों का खतरा बढ़ाते हैं।

समय पर सोने की आदत

दिल को स्वस्थ रखने के लिए रोजाना समय पर सोना और पर्याप्त नींद लेना बेहद जरूरी है। चिकित्सकों के अनुसार, वयस्कों को हर रात 7 से 8 घंटे की नींद लेनी चाहिए। इसलिए रात को 10 से 11 बजे के बीच सोने की आदत बनाएं, ताकि शरीर को पूरी तरह आराम मिल सके। नींद के दौरान हृदय गति और रक्तचाप नियंत्रित रहते हैं, शरीर की मरम्मत होती है, सूजन कम होती है और हार्मोन संतुलन बना रहता है। ये सभी बातें दिल को मजबूत रखने और हृदय रोगों के खतरे को कम करने में मदद करती हैं।

ट्रांस फैट और सोडियम की मात्रा सीमित रखें

एम्स, जोधपुर के हृदय रोग विभाग में एडिशनल डायरेक्टर डॉ. सुरेंद्र देवड़ा कहते हैं, महिलाओं की बदलती जीवन-शैली और बढ़ता तनाव उनके शरीर पर तेजी से असर डाल रहा है। आजकल महिलाओं में 50 की उम्र में होने वाले हार्मोनल बदलाव अब 40 की उम्र में ही दिखने लगे हैं, जिससे वे कम उम्र में ही दिल की बीमारियों की चपेट में आ रही हैं। इसकी एक बड़ी वजह है अनियमित भोजन। अक्सर महिलाएं समय पर खाना नहीं खातीं और बाद में कुछ भी खा लेती हैं, जो स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है।

इसलिए जरूरी है कि नाश्ता, लंच और डिनर सही समय पर करें। खाना पकाने के लिए हेल्दी तरीकों, जैसे- ग्रिलिंग और स्टीमिंग को अपनाएं, ताकि अतिरिक्त तेल से बचा जा सके। बाहर के खाने से परहेज करें और घर पर बना ताजा भोजन ही खाएं। डाइट में ट्रांस फैट और सोडियम की मात्रा सीमित रखें। सबसे जरूरी है वजन को नियंत्रित रखना, क्योंकि अधिक वजन दिल की बीमारियों को बढ़ता है। आप अपने जन्मदिन पर खुद को सेहत का उपहार दें- ईसीजी और एचएस-सीआरपी जैसी जांचें करवाकर। ये दोनों ही टेस्ट दिल की सेहत की सही जानकारी देने में मदद करते हैं।

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