साल 2025 अपने आखिरी के दिनों में है और नया साल 2026 दस्तक दे रहा है। खट्टी-मीठी यादों के साथ हम इस साल को बाय बोलने वाले हैं, पर इससे पहले अगर नजर डालें तो पता चलता है कि सेहत के लिहाज से 2025 कई प्रकार से चुनौतीपूर्ण रहा। इस साल दुनियाभर में तमाम तरह की बीमारियों का असर देखने को मिला, जिससे आम लोगों से लेकर स्वास्थ्य व्यवस्थाओं तक पर दबाव बढ़ा। बदलती जीवनशैली, जलवायु परिवर्तन, बढ़ती आबादी और वैश्विक यात्राओं ने संक्रामक बीमारियों को बढ़ाया।
Year 2025: इस साल दुनियाभर में कई बीमारियों का दिखा प्रकोप, इस रोग ने बढ़ाई सबसे ज्यादा टेंशन
- बदलती जीवनशैली, जलवायु परिवर्तन, बढ़ती आबादी और वैश्विक यात्राओं ने साल 2025 में कई संक्रामक बीमारियों को बढ़ाया।
साल 2025 में भी सामने आए कोरोना के नए वैरिएंट्स
कोरोनावायरस का वैश्विक स्तर पर असर अब काफी कम हो गया है, हालांकि जब हम पीछे मुड़कर साल 2025 के शुरुआती महीनों पर नजर डालते हैं तो पता चलता है कि इस साल भी वायरस का कई स्थानों पर असर देखा गया।
अमेरिका-ऑस्ट्रेलिया सहित कई हिस्सों में नए वैरिएंट एलपी 8.1 का प्रकोप देखा गया। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने जनवरी 2025 में LP.8.1 को 'वैरिएंट अंडर मॉनिटरिंग' के रूप में वर्गीकृत किया था।
अप्रैल में पाकिस्तान के राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी भी कोरोना का शिकार हो गए। मई तक हांगकांग और सिंगापुर में संक्रमण बढ़ने लगा। बढ़ते जोखिमों को देखते हुए अमेरिकी खाद्य एवं औषधि प्रशासन (एफडीए) ने नोवावैक्स के एक नए टीके को मंजूरी दी।
एचएमपीवी ने भारत में बढ़ाई दहशत
साल 2025 की शुरुआत से ही ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस (एचएमपीवी) का संकट देखा गया। सबसे पहले चीन से खबरें सामने आईं कि देश में इस वायरस के संक्रमण ने अस्पतालों और श्मशान में भीड़ बढ़ा दी है। 6 दिसंबर को भारत भी इस संक्रामक रोग का पहला मामला सामने आया।
देखते ही देखते चीन सहित भारत, अमेरिका, मलेशिया में ये संक्रमण फैल गया। मामले इतनी तेजी से बढ़े कि देश में फिर से लॉकडाउन जैसी स्थितियों की चर्चा तेज हो गई।
वायरस को लेकर शोध कर रहे विशेषज्ञों ने कहा कि वैसे तो ये वायरस मुख्यरूप से श्वसन तंत्र को लक्षित करता है पर गंभीर मामलों में इससे एक्यूट किडनी इंजरी तक का खतरा हो सकता है।
बर्ड फ्लू का पूरे साल देखा गया असर
साल की शुरुआत से लेकर अंत तक दुनिया के कई देशों में बर्ड फ्लू (एच5ए1) और इसके वैरिएंट्स के कारण संक्रमण की खबरे छाई रहीं। भारत में भी इसका प्रकोप देखा गया। फरवरी 2025 में महाराष्ट्र में संक्रमण के बढ़ते मामलों के लेकर 10 किलोमीटर के दायरे को 'अलर्ट जोन' घोषित कर दिया गया। कुछ विशेषज्ञों ने कहा कि यह कोविड-19 से 100 गुना अधिक संक्रामक और खतरनाक हो सकता है।
बर्ड फ्लू को आमतौर पर मुर्गियों और पक्षियों में संक्रमण फैलाने वाला माना जाता रहा है लेकिन फरवरी में पहली बार ऐसा हुआ है जब चूहों में भी इस संक्रमण की पुष्टि की गई। नवंबर में वाशिंगटन में बर्ड फ्लू के एक दुर्लभ स्ट्रेन H5N5 के कारण इंसानों में पहली मौत दर्ज की गई।
दुनियाभर में बढ़े खसरा के मामले
साल 2025 में दुनियाभर में खसरा संक्रमण के मामले में सुर्खियों में छाए रहे। अमेरिका के 25 से अधिक स्टेट्स में इस बीमारी के मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ी। यूके और भारत के भी कई हिस्सों में बच्चों में इस संक्रमण का खतरा देखा गया।
भारत, दशकों से इस गंभीर बीमार से सबसे ज्यादा प्रभावित देशों में से एक रहा है, हालांकि टीकाकरण को बढ़ावा देकर इस रोग के जोखिमों को पिछले वर्षों में काफी कम कर दिया गया था।
विशेषज्ञों ने कहा कि कोरोना महामारी के दौरान राष्ट्रीय टीकाकरण अभियान प्रभावित हुआ जिसमें बड़ी संख्या में बच्चे खसरे के टीके से चूक गए। लिहाजा दुनियाभर में बच्चों में खसरा के मामले बढ़ते हुए रिपोर्ट किए गए।