सब्सक्राइब करें

Office Boundaries Tips: दफ्तर में चाहिए सम्मान तो अपनाएं ये टिप्स, "ना" कहने पर भी नहीं होगा कोई नाराज

लाइफस्टाइल डेस्क, अमर उजाला Published by: शिवानी अवस्थी Updated Fri, 21 Nov 2025 04:36 PM IST
सार

Office Boundaries Tips आइए जानते हैं, कैसे लोग हर दिन दफ्तर की भीड़ में खुद को खोए बिना, ईमानदारी और संतुलन के साथ प्रोफेशनल बाउंड्री की एक मजबूत दीवार खड़ी कर सकते हैं। 
 

विज्ञापन
Office Boundaries Tips How To Set Prodessional Limits Without Being Rude
दफ्तर - फोटो : Adobe

दफ्तर में व्यक्ति हर दिन अपना सबसे अधिक समय बिताता है। इस दौरान उसकी सहकर्मियों से दोस्ती भी होती है तो कुछ के साथ प्रतियोगी रिश्ता बन जाता है। कहीं आपको प्रोफेशनलिज्म दिखाना पड़ता है तो कहीं दफ्तर की पाॅलिटिक्स से बचना होता है। इसके अलावा सहकर्मियों और बाॅस से रिश्ता भी मधुर बनाकर रखना होता है। इस सब के बीच अपनी सीमाएं भी तय करनी होती हैं। ये वह सीमाएं होती हैं जो आपके समय, सम्मान, भावनाओं और काम की गुणवत्ता को सुरक्षित रखें, बिना खुद को अशिष्ट या अभिमानी दिखाएं।


 
आइए जानते हैं, कैसे लोग हर दिन दफ्तर की भीड़ में खुद को खोए बिना, ईमानदारी और संतुलन के साथ प्रोफेशनल बाउंड्री की एक मजबूत दीवार खड़ी कर सकते हैं। 

दफ्तर में सीमाएं सेट करना क्यों जरूरी?

ऑफिस में हर कोई आपका दोस्त नहीं होता और हर बातचीत आपकी जिम्मेदारी भी नहीं। सीमाएं इसलिए जरूरी हैं क्योंकि हर समय उपलब्ध रहना आपके लिए आसान नहीं हो सकता है। हर बात में “हाँ” कहना आपकी वैल्यू को कम करता है। हर इंसान से निजिता दफ्तर संबंधों को खराब कर सकती है। और सबसे बड़ा सच, लोग उतना ही आगे बढ़ते हैं, जितनी इजाज़त आप देते हैं। हालांकि किसी को उसकी सीमाएं बताते समय आपका व्यवहार ऐसा न हो कि सामने वाला नाराज हो जाए या आपके व्यवहार में रूखापन दिखे। 

Trending Videos
Office Boundaries Tips How To Set Prodessional Limits Without Being Rude
दफ्तर में काम करती महिला - फोटो : Adobe
अपनी लिमिट को पहचानें

सबसे पहले अपने आप से पूछें कि कौन-सी बातें मुझे परेशान करती हैं? कौन-सी बातें मेरे काम को डिस्टर्ब करती हैं। किन व्यवहारों से मेरी ऊर्जा खत्म होती है? या कौन सा अनुरोध में सच में पूरा कर सकता/सकती हूं। जब तक अपनी सीमाएं स्पष्ट नहीं होंगी, आप दूसरों से क्या उम्मीद रखेंगे? सीमाएं खुद के भीतर तय होती हैं, ऑफिस में सिर्फ लागू की जाती हैं।
विज्ञापन
विज्ञापन
Office Boundaries Tips How To Set Prodessional Limits Without Being Rude
दफ्तर - फोटो : Adobe

सौम्य लेकिन स्पष्ट रहें

आपको न कहना आना चाहिए लेकिन सही तरीके से। हर “ना” शोर के साथ नहीं होना चाहिए, बल्कि कभी-कभी नरम, विनम्र और संतुलितना का असर ज़्यादा होता है। जैसे कोई अगर आपसे ऐसा काम करने  को कहे, जो आपके लिए नहीं है तो आप का उत्तर हो सकता है, कि अभी मैं एक अतिआवश्यक कार्य कर रहा हूँ, इसे खत्म करके देखते हैं।”, “ये मेरे दायरे में नहीं आता, शायद वो (कोई अन्य)बेहतर गाइड कर पाएंगे।”, “मैं आपकी मदद करना चाहूंगी, पर इस समय मेरी डेडलाइन ड्यू है।” कहने का तरीका जितना शांत होगा, सामने वाला उतना ही समझेगा।

Office Boundaries Tips How To Set Prodessional Limits Without Being Rude
दफ्तर - फोटो : Adobe

दफ्तर की दोस्ती रहे संतुलित

2025 में दो चीजें बहुत बढ़ीं हैं, एक अत्यधिक साझा करना और अत्यधिक भागीदारी। लेकिन निजी दुनिया में आपको अपना पर्सनल स्पेस चाहिए। दफ्तर के दोस्तों के साथ ओवर शेयरिंग और ओवर इंवाॅलवमेंट का संतुलन बनाए रखें। 

दफ्तर में क्या न करें?

सीमाएं तय करने के लिए सबसे जरूरी है कि दफ्तर या सहकर्मियों के साथ कुछ काम न करें। जैसे बहुत निजी बातें शेयर करने से बचें। अपनी निजी योजनाएं और रिश्ते पर चर्चा न करें। हर बात पर अपनी सलाह न दें। दफ्तर के गाॅसिप से दूर रहें। थोड़ी सी दूरी अपने दफ्तर के जीवन को आसान बना सकती है।

विज्ञापन
Office Boundaries Tips How To Set Prodessional Limits Without Being Rude
दफ्तर - फोटो : Adobe

काम की सीमाएं

ध्यान रखें आपकी जिम्मेदारियां आपकी हैं, दूसरों की नहीं। हमेशा सबका काम उठाना प्रोफेशनल दयालुता नहीं, आत्म उपेक्षा है। आप किस काम के लिए जिम्मेदार हैं, साफ रखें। एक्स्ट्रा काम लेने से पहले खुद को वर्कलोड का निरिक्षण कर लें। “मैं कोशिश करूँगा” की जगह “मैं नहीं ले पाऊँगा” कहना सीखें। हर काम में “बचाओ” मोड में न पड़ें। सम्मानजनक अस्वीकारना प्रोफेशनलिज्म का हिस्सा है।


समय की सीमा

हर मिनट की क़ीमत होती है। देर  शाम की काॅल्स, रविवार को आने वाले मैसेज, लंच टाइम में दफ्तर का काम, ये सब धीरे धीरे आपकी जिंदगी को व्यस्त बना देते हैं। इसलिए समय  सीमा भी सेट करें। दफ्तर के समय में स्पष्ट संवाद रखें। लंच के घंटे में काम न करें, बल्कि इसे ब्रेक तक ही सीमित रखें। दफ्तर खत्म होने के बाद आने वाले संदेशों का जवाब अगले दिन ही दें। क्या अर्जेंट है और क्या नहीं, इसकी कैटेगरी बनाएं। लोग आपके समय की कदर तब करेंगे जब आप खुद अपने वक्त की कीमत को समझेंगे।

विज्ञापन
अगली फोटो गैलरी देखें

सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट अमर उजाला पर पढ़ें  लाइफ़ स्टाइल से संबंधित समाचार (Lifestyle News in Hindi), लाइफ़स्टाइल जगत (Lifestyle section) की अन्य खबरें जैसे हेल्थ एंड फिटनेस न्यूज़ (Health  and fitness news), लाइव फैशन न्यूज़, (live fashion news) लेटेस्ट फूड न्यूज़ इन हिंदी, (latest food news) रिलेशनशिप न्यूज़ (relationship news in Hindi) और यात्रा (travel news in Hindi)  आदि से संबंधित ब्रेकिंग न्यूज़ (Hindi News)।  

रहें हर खबर से अपडेट, डाउनलोड करें Android Hindi News App, iOS Hindi News App और Amarujala Hindi News APP अपने मोबाइल पे|

विज्ञापन
विज्ञापन

एड फ्री अनुभव के लिए अमर उजाला प्रीमियम सब्सक्राइब करें

Next Article

Election
एप में पढ़ें

Followed