कंचन चौहान
हम सभी जीवन में किसी न किसी से गहरे संबंध बनाते हैं। माता-पिता, जीवन-साथी, दोस्त या साथी। लेकिन क्या कभी आपने सोचा है कि आप इन रिश्तों में कैसे पेश आती हैं? कभी आप किसी रिश्ते से बहुत जुड़ जाती हैं, किसी में बहुत दूर हो जाती हैं तो कभी-कभी बीच में झूलती रहती हैं। असल में, इन सभी अनुभवों की जड़ में होता है- आपका अटैचमेंट स्टाइल, जिसके बारे में आपको पता होना चाहिए, ताकि रिश्ते में जिस बदलाव की जरूरत हो, उसे पहचाना जा सके।
पहले जानें
अटैचमेंट स्टाइल वह मनोवैज्ञानिक ढांचा है, जो यह तय करता है कि आप दूसरों से भावनात्मक रूप से कैसे जुड़ती हैं। यह शैली आपके बचपन के अनुभवों, खासकर माता-पिता या देखभाल करने वालों के साथ रिश्ते से बनती है, जो मुख्य रूप से चार प्रकार की है-
हम सभी जीवन में किसी न किसी से गहरे संबंध बनाते हैं। माता-पिता, जीवन-साथी, दोस्त या साथी। लेकिन क्या कभी आपने सोचा है कि आप इन रिश्तों में कैसे पेश आती हैं? कभी आप किसी रिश्ते से बहुत जुड़ जाती हैं, किसी में बहुत दूर हो जाती हैं तो कभी-कभी बीच में झूलती रहती हैं। असल में, इन सभी अनुभवों की जड़ में होता है- आपका अटैचमेंट स्टाइल, जिसके बारे में आपको पता होना चाहिए, ताकि रिश्ते में जिस बदलाव की जरूरत हो, उसे पहचाना जा सके।
पहले जानें
अटैचमेंट स्टाइल वह मनोवैज्ञानिक ढांचा है, जो यह तय करता है कि आप दूसरों से भावनात्मक रूप से कैसे जुड़ती हैं। यह शैली आपके बचपन के अनुभवों, खासकर माता-पिता या देखभाल करने वालों के साथ रिश्ते से बनती है, जो मुख्य रूप से चार प्रकार की है-