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कफ सिरप कांड: 11 बच्चों की मौत से हड़कंप, MP सरकार जांच में उलझी तो राजस्थान के मंत्री ने माताओं को बताया दोषी
सार
Deadly Cough Syrup: कफ सिरप से 11 बच्चों की मौत का मामला देशभर में सुर्खियों में है। मध्य प्रदेश सरकार का कहना है कि मामले की जांच हो रही है। रिपोर्ट आने का इंतजार है। इधर राजस्थान सरकार का बयान तो हैरान करने वाला है। यहां के स्वास्थ्य मंत्री का कहना है कि इस हादसे में सरकार की कोई भूमिका नहीं है।
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मध्य प्रदेश और राजस्थान में अब तक 11 बच्चों की किडनी फेल होने से मौत हो चुकी है।
- फोटो : अमर उजाला
Cough Syrup News: मध्य प्रदेश और राजस्थान में बच्चों की किडनी फेल होने से मौत होने का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। अब तक दोनों राज्यों में 11 बच्चों की मौत हो चुकी है। इनमें अधिकांश में खांसी के सिरप की हिस्ट्री मिली है। जांच जारी है। पर दोनों राज्यों की सरकारों पर सवाल उठने लगे हैं। मध्य प्रदेश सरकार का कहना है कि मामले की जांच हो रही है। रिपोर्ट आने का इंतजार है। इधर राजस्थान सरकार का बयान तो हैरान करने वाला है। यहां के स्वास्थ्य मंत्री का कहना है कि इस हादसे में सरकार की कोई भूमिका नहीं है। मां ही दोषी हैं। आइए पहले सिलसिले वार मामले को समझते हैं-
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मध्य प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री जांचों की रिपोर्ट का इंतजार कर रहे हैं।
- फोटो : अमर उजाला
कफ सिरप में ऐसा क्या है
छिंदवाड़ा जिले में पिछले 20 दिनों में 9 बच्चों की किडनी फेल होने से मौत हो गई। इनमें से छह बच्चों के इलाज में Coldrif और Nextro-DS नामक कफ सिरप की हिस्ट्री सामने आई है। आशंका जताई जा रही है कि इन सिरप में ‘डायएथिलीन ग्लायकॉल’ नामक केमिकल मौजूद था, जो किडनी डैमेज का कारण बन सकता है। डॉ. पवन नंदूरकर का कहना है कि ज्यादातर कार के इंजन में डाले जाने वाले कूलेंट, पेंट्स या ग्रीस बनाने में इस केमिकल का उपयोग किया जाता है। वहीं राजस्थान में खांसी की सिरप Dextromethorphan HBr Syrup पीने से बच्चे की मौत का एक और दावा सामने आया। मामला भरतपुर के वैर तहसील का है, जहां परिजनों का कहना है कि उनके बच्चे की मौत भी इसी सिरप को पीने से हुई है। वहीं, सरकार ने उक्त दवा को क्लीन चिट दे दी है।
ये भी पढ़ें- Deadly Cough Syrup: दवा ही दे रही मौत! क्या 'कफ सिरप' में है इंजन और ग्रीस वाला केमिकल? किडनी कर रहा फेल
सरकारें क्या कर रहीं
छिंदवाड़ा कफ सिरप कांड में मध्य प्रदेश के उपमुख्यमंत्री राजेंद्र शुक्ल ने कहा है कि लगभग 12 प्रकार की दवाओं के नमूने परीक्षण के लिए भेजे गए हैं। अभी तीन नमूनों के परिणाम प्राप्त हुए हैं। रिपोर्ट में ऐसा कोई पदार्थ नहीं मिला है जिससे यह पता चले कि इन दवाओं के कारण मौतें हुई हैं। हालाँकि, शेष दवाओं की रिपोर्ट आज शाम तक आने की उम्मीद है। फिलहाल, नीरी और भारत सरकार अपनी प्रयोगशालाओं में भेजे गए नमूनों की रिपोर्ट प्राप्त करने के लिए लगातार प्रयास कर रहे हैं। मुझे उम्मीद है कि शाम तक अंतिम रिपोर्ट उपलब्ध हो जाएगी।
ये भी पढ़ें- 9 बच्चों की मौत के बाद मचा हड़कंप,सियासत गरमाई, कांग्रेस ने सरकार को घेरा, डिप्टी सीएम ने दी सफाई
छिंदवाड़ा जिले में पिछले 20 दिनों में 9 बच्चों की किडनी फेल होने से मौत हो गई। इनमें से छह बच्चों के इलाज में Coldrif और Nextro-DS नामक कफ सिरप की हिस्ट्री सामने आई है। आशंका जताई जा रही है कि इन सिरप में ‘डायएथिलीन ग्लायकॉल’ नामक केमिकल मौजूद था, जो किडनी डैमेज का कारण बन सकता है। डॉ. पवन नंदूरकर का कहना है कि ज्यादातर कार के इंजन में डाले जाने वाले कूलेंट, पेंट्स या ग्रीस बनाने में इस केमिकल का उपयोग किया जाता है। वहीं राजस्थान में खांसी की सिरप Dextromethorphan HBr Syrup पीने से बच्चे की मौत का एक और दावा सामने आया। मामला भरतपुर के वैर तहसील का है, जहां परिजनों का कहना है कि उनके बच्चे की मौत भी इसी सिरप को पीने से हुई है। वहीं, सरकार ने उक्त दवा को क्लीन चिट दे दी है।
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सरकारें क्या कर रहीं
छिंदवाड़ा कफ सिरप कांड में मध्य प्रदेश के उपमुख्यमंत्री राजेंद्र शुक्ल ने कहा है कि लगभग 12 प्रकार की दवाओं के नमूने परीक्षण के लिए भेजे गए हैं। अभी तीन नमूनों के परिणाम प्राप्त हुए हैं। रिपोर्ट में ऐसा कोई पदार्थ नहीं मिला है जिससे यह पता चले कि इन दवाओं के कारण मौतें हुई हैं। हालाँकि, शेष दवाओं की रिपोर्ट आज शाम तक आने की उम्मीद है। फिलहाल, नीरी और भारत सरकार अपनी प्रयोगशालाओं में भेजे गए नमूनों की रिपोर्ट प्राप्त करने के लिए लगातार प्रयास कर रहे हैं। मुझे उम्मीद है कि शाम तक अंतिम रिपोर्ट उपलब्ध हो जाएगी।
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राजस्थान सरकार के स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि हमारी कोई भूमिका नहीं।
- फोटो : अमर उजाला
राजस्थान सरकार का रवैया पल्ला झाड़ने वाला
कफ सिरप से बच्चों की मौत होने के मामले में जांच को लेकर चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री गजेन्द्र सिंह खींवसर ने कहा कि जो दवाई है, जो जिन माताओं ने अपने बच्चों की दी है, वह हमारे सरकारी अस्पताल के न तो पर्चे पर लिखी गई थी और न ही उसे लेने के लिए सुझाव दिया गया था। अब कोई भी मां-बाप कहीं से दवाई लेकर (अनप्रिस्क्रिप्टेड) दे देंगे और उससे ऐसा हादसा हो जाए तो उसमें स्वास्थ्य विभाग की कोई भूमिका नहीं। यह मामला हमारे डिपार्टमेंट के दायरे से बाहर का है। जो दवाइयां हमने टेस्ट करा ली हैं, उनमें कोई समस्या नहीं। फिर भी मैं अभी जयपुर जाऊंगा तो इसकी और जांच करेंगे।
ये भी पढ़ें- कफ सिरप से मौत पर सियासत: बच्चों के मरने पर स्वास्थ्य मंत्री ने ठहराई माताओं की जिम्मेदारी, बेनीवाल क्या बोले?
केंद्र सरकार ने क्या कहा
केंद्र सरकार ने कहा कि इन खबरों का संज्ञान लेकर केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (सीडीएससीओ) के प्रतिनिधियों की एक संयुक्त टीम ने घटनास्थल का दौरा किया था। साथ ही राज्य के अधिकारियों के साथ समन्वय में विभिन्न कफ सिरप के नमूनों सहित कई नमूने एकत्र किए गए। इन नमूनों की अब तक जांच में किसी भी सिरप के नमूनों में घातक रसायन डाइएथिलीन ग्लाइकोल या एथिलीन ग्लाइकोल की मौजूदगी नहीं पाई गई है।
ये भी पढ़ें- Health Ministry: 'खांसी सिरप के नमूनों में घातक रसायन नहीं'; मप्र-राजस्थान में बच्चों की मौत पर केंद्र सरकार
कफ सिरप से बच्चों की मौत होने के मामले में जांच को लेकर चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री गजेन्द्र सिंह खींवसर ने कहा कि जो दवाई है, जो जिन माताओं ने अपने बच्चों की दी है, वह हमारे सरकारी अस्पताल के न तो पर्चे पर लिखी गई थी और न ही उसे लेने के लिए सुझाव दिया गया था। अब कोई भी मां-बाप कहीं से दवाई लेकर (अनप्रिस्क्रिप्टेड) दे देंगे और उससे ऐसा हादसा हो जाए तो उसमें स्वास्थ्य विभाग की कोई भूमिका नहीं। यह मामला हमारे डिपार्टमेंट के दायरे से बाहर का है। जो दवाइयां हमने टेस्ट करा ली हैं, उनमें कोई समस्या नहीं। फिर भी मैं अभी जयपुर जाऊंगा तो इसकी और जांच करेंगे।
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केंद्र सरकार ने क्या कहा
केंद्र सरकार ने कहा कि इन खबरों का संज्ञान लेकर केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (सीडीएससीओ) के प्रतिनिधियों की एक संयुक्त टीम ने घटनास्थल का दौरा किया था। साथ ही राज्य के अधिकारियों के साथ समन्वय में विभिन्न कफ सिरप के नमूनों सहित कई नमूने एकत्र किए गए। इन नमूनों की अब तक जांच में किसी भी सिरप के नमूनों में घातक रसायन डाइएथिलीन ग्लाइकोल या एथिलीन ग्लाइकोल की मौजूदगी नहीं पाई गई है।
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