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MP Election Result 2023: एमपी में ये सियासी 'कांड' रोक सकते थे भाजपा का विजय रथ, काम आई शिव 'राज' की रणनीति
सार
मध्यप्रदेश में भाजपा ने बड़ी जीत हासिल की है। कई विश्लेषकों, राजनीतिक पंडितों की भविष्यवाणी को झुठला दिया है। पर भाजपा की ये जीत आसान नहीं रही। कई बाधाएं ऐसी आईं, जिसे कांग्रेस ने जमकर हवा दी, पर भाजपा की रणनीति काम आई और कांग्रेस का दांव फेल हो गया। हम आपको बताते हैं ऐसे ही पांच बड़े सियासी मुद्दे या कांड जो भाजपा का विजय रथ रोक सकते थे।
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भाजपा की बड़ी आसान नहीं थी
- फोटो : अमर उजाला
मध्यप्रदेश में भाजपा ने बड़ी जीत हासिल की है। कई विश्लेषकों, राजनीतिक पंडितों की भविष्यवाणी को झुठला दिया है। पर भाजपा की ये जीत आसान नहीं रही। कई बाधाएं ऐसी आईं, जिसे कांग्रेस ने जमकर हवा दी, पर भाजपा की रणनीति काम आई और कांग्रेस का दांव फेल हो गया। हम आपको बताते हैं ऐसे ही पांच बड़े सियासी मुद्दे पर जो भाजपा का विजय रथ रोक सकते थे।
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मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सीधी के पीड़ित के पैर पखारे। शॉल ओढ़ाई।
- फोटो : अमर उजाला
सीधी पेशाब कांड
प्रदेश के साथ ही देशभर में शर्मसार कर देने वाला सीधी पेशाब कांड तो याद होगा। इसमें भाजपा नेता ने आदिवासी समाज के युवक पर खुलेआम पेशाब किया और इसका वीडिया वायरल होते ही कांग्रेस हमलावर हो गई। कांग्रेस के शीर्ष नेताओं ने भी इस मुद्दे को लगातार हवा दी। भाजपा ने डैमेज कंट्रोल कर इसे चुनाव में हावी नहीं होने दिया। अपनों पर कार्रवाई से भरोसा दिलाया कि वे हर आदिवासी के साथ हैं। सीएम शिवराज ने आदिवासी व्यक्ति को घर बुलाकर चरण पखारे। भाजपा नेता पर एनएसए के तहत कार्रवाई हो गई। उसका घर गिरा दिया गया। इतना ही नहीं वहां से जीते विधायक केदार शुक्ला का टिकट काट दिया गया। बतौर रणनीति सीधी से सांसद रीति पाठक को टिकट देकर मैदान में उतार दिया। भाजपा की सारी रणनीति काम आई और रीति पाठक यहां से 35418 वोटों से जीत गईं। हालांकि भाजपा आदिवासी सीटों पर उतना प्रभाव नहीं छोड़ पाई, नहीं तो जीत रिकॉर्ड तोड़ देती।
प्रदेश के साथ ही देशभर में शर्मसार कर देने वाला सीधी पेशाब कांड तो याद होगा। इसमें भाजपा नेता ने आदिवासी समाज के युवक पर खुलेआम पेशाब किया और इसका वीडिया वायरल होते ही कांग्रेस हमलावर हो गई। कांग्रेस के शीर्ष नेताओं ने भी इस मुद्दे को लगातार हवा दी। भाजपा ने डैमेज कंट्रोल कर इसे चुनाव में हावी नहीं होने दिया। अपनों पर कार्रवाई से भरोसा दिलाया कि वे हर आदिवासी के साथ हैं। सीएम शिवराज ने आदिवासी व्यक्ति को घर बुलाकर चरण पखारे। भाजपा नेता पर एनएसए के तहत कार्रवाई हो गई। उसका घर गिरा दिया गया। इतना ही नहीं वहां से जीते विधायक केदार शुक्ला का टिकट काट दिया गया। बतौर रणनीति सीधी से सांसद रीति पाठक को टिकट देकर मैदान में उतार दिया। भाजपा की सारी रणनीति काम आई और रीति पाठक यहां से 35418 वोटों से जीत गईं। हालांकि भाजपा आदिवासी सीटों पर उतना प्रभाव नहीं छोड़ पाई, नहीं तो जीत रिकॉर्ड तोड़ देती।
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पटवारी भर्ती परीक्षा में हुई धांधली ने भाजपा को चिंता में ला दिया था।
- फोटो : सोशल मीडिया
पटवारी भर्ती परीक्षा घोटाला
मध्यप्रदेश में बेरोजगारी बड़ा मुद्दा रहा। कांग्रेस ने लगातार हमले किए कि प्रदेश का नौजवान बेरोजगार घूम रहा है और सरकार कुछ नहीं कर रही। इसी बीच पटवारी भर्ती परीक्षा हुई और भाजपा विधायक संजीव सिंह कुशवाह के कॉलेज में इसे लेकर धांधली सामने आई। प्रदेश के 10 टॉपरों में से 7 इसी कॉलेज के थे। कांग्रेस के बड़े नेता इस पर हमलावर रहे। युवाओं के साथ कांग्रेस नेता सड़कों पर उतर आए थे। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा था कि यह ‘व्यापमं 2.0’ है। भाजपा भी युवाओं को साधने की कवायद में थी और इस मामले में सीएम शिवराज ने एक्शन लिया। सेंटर की जांच के आदेश देते हुए परीक्षार्थियों को न्याय दिलाने की बात कहते नजर आए। परीक्षा पर रोक लगा दी गई। त्वरित लिए गए इस निर्णय से युवाओं का बवाल थम गया और कांग्रेस के इस मुद्दे को भुनाने की रणनीति भी फेल हो गई।
मध्यप्रदेश में बेरोजगारी बड़ा मुद्दा रहा। कांग्रेस ने लगातार हमले किए कि प्रदेश का नौजवान बेरोजगार घूम रहा है और सरकार कुछ नहीं कर रही। इसी बीच पटवारी भर्ती परीक्षा हुई और भाजपा विधायक संजीव सिंह कुशवाह के कॉलेज में इसे लेकर धांधली सामने आई। प्रदेश के 10 टॉपरों में से 7 इसी कॉलेज के थे। कांग्रेस के बड़े नेता इस पर हमलावर रहे। युवाओं के साथ कांग्रेस नेता सड़कों पर उतर आए थे। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा था कि यह ‘व्यापमं 2.0’ है। भाजपा भी युवाओं को साधने की कवायद में थी और इस मामले में सीएम शिवराज ने एक्शन लिया। सेंटर की जांच के आदेश देते हुए परीक्षार्थियों को न्याय दिलाने की बात कहते नजर आए। परीक्षा पर रोक लगा दी गई। त्वरित लिए गए इस निर्णय से युवाओं का बवाल थम गया और कांग्रेस के इस मुद्दे को भुनाने की रणनीति भी फेल हो गई।
केंद्रीय मंत्री के बेटे के कथित वीडियो से सियासत गर्मा गई थी।
- फोटो : अमर उजाला
केंद्रीय मंत्री नरेंद्र तोमर के बेटे का वीडियो
कांग्रेस चुनाव के शुरुआती समय में भ्रष्टाचार के आरोपों को लगातार हवा देती रही। प्रियंका गांधी समेत दिग्गज नेताओं ने प्रदेश में 50 प्रतिशत कमीशन का नारा बुलंद किया। पोस्टर वॉर भी चला। इसी बीच केंद्रीय कृषि मंत्री और मुरैना की दिमनी से प्रत्याशी नरेंद्र सिंह तोमर के बड़े बेटे देवेंद्र सिंह तोमर के वीडियो सामने आए, जिसमें करोड़ों के लेन-देन की बातें सामने आईं। एक के बाद एक वीडियो ने प्रदेश के सियासी गलियारों में हड़कंप मचा दिया। कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व समेत प्रदेश के नेताओं ने भाजपा को घेरने में कोई कसर नहीं छोड़ी। हालांकि इस मामले में भाजपा ने चुप रहने की रणनीति अपनाई। केंद्रीय मंत्री तोमर ने इन वीडियो को कूटरचित बताते हुए विपक्षी की साजिश बताया और वीडियो की जांच की मांग की। भाजपा की चुप्पी ने इस मामले को ज्यादा उछलने नहीं दिया और मामला चुनाव में प्रभाव नहीं डाल पाया। दिमनी से तोमर 24461 वोटों से जीते और इलाके की कई सीटों पर भी भाजपा को बढ़त दिलाई।
कांग्रेस चुनाव के शुरुआती समय में भ्रष्टाचार के आरोपों को लगातार हवा देती रही। प्रियंका गांधी समेत दिग्गज नेताओं ने प्रदेश में 50 प्रतिशत कमीशन का नारा बुलंद किया। पोस्टर वॉर भी चला। इसी बीच केंद्रीय कृषि मंत्री और मुरैना की दिमनी से प्रत्याशी नरेंद्र सिंह तोमर के बड़े बेटे देवेंद्र सिंह तोमर के वीडियो सामने आए, जिसमें करोड़ों के लेन-देन की बातें सामने आईं। एक के बाद एक वीडियो ने प्रदेश के सियासी गलियारों में हड़कंप मचा दिया। कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व समेत प्रदेश के नेताओं ने भाजपा को घेरने में कोई कसर नहीं छोड़ी। हालांकि इस मामले में भाजपा ने चुप रहने की रणनीति अपनाई। केंद्रीय मंत्री तोमर ने इन वीडियो को कूटरचित बताते हुए विपक्षी की साजिश बताया और वीडियो की जांच की मांग की। भाजपा की चुप्पी ने इस मामले को ज्यादा उछलने नहीं दिया और मामला चुनाव में प्रभाव नहीं डाल पाया। दिमनी से तोमर 24461 वोटों से जीते और इलाके की कई सीटों पर भी भाजपा को बढ़त दिलाई।
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महाकाल लोक में आंधी से गिर गई थीं मूर्तियां, इसके बाद भ्रष्टाचार के आरोपों में घिर गई थी सरकार।
- फोटो : सोशल मीडिया
महाकाल लोक भ्रष्टाचार
देश के प्रमुख ज्योतिर्लिंग उज्जैन के महाकाल परिसर में बनाए गए महाकाल लोक की मूर्तियां आंधी में ढहने के बाद से राज्य की सियासत गर्माई गई थी। महाकाल लोक में मूर्तियां गिरने के बाद कांग्रेस ने इसके निर्माण में भ्रष्टाचार का आरोप लगाया। तमाम नेता इसे लेकर शिवराज सरकार को भ्रष्टाचारी बताते रहे। पार्टी ने इसके लिए बीजेपी सरकार को जिम्मेदार बताया है। भाजपा ने इस पर जांच करवाई और जनता की भावनाओं को अपने पक्ष में करने की कोशिश की। जांच में सामने आया कि मूर्तियां स्थापित करने की प्रक्रिया में सामग्री प्रदाय पर 20 प्रतिशत, डिजाइनिंग, मूर्तिकला, नक्काशी, फिनिशिंग होने पर 60 प्रतिशत की राशि का भुगतान कांग्रेस के शासनकाल में हुआ। भाजपा ने इसे प्रचारित और नजीजतन कांग्रेस इस मुद्दे को हवा देने से परहेज करने लगे। मतदान का दिन आते-आते ये मामला कहीं खो गया और भाजपा को इससे नुकसान की आशंकाएं धरी रह गईं। उज्जैन जिले की सात में से पांच सीट भाजपा ने जीत लीं।
देश के प्रमुख ज्योतिर्लिंग उज्जैन के महाकाल परिसर में बनाए गए महाकाल लोक की मूर्तियां आंधी में ढहने के बाद से राज्य की सियासत गर्माई गई थी। महाकाल लोक में मूर्तियां गिरने के बाद कांग्रेस ने इसके निर्माण में भ्रष्टाचार का आरोप लगाया। तमाम नेता इसे लेकर शिवराज सरकार को भ्रष्टाचारी बताते रहे। पार्टी ने इसके लिए बीजेपी सरकार को जिम्मेदार बताया है। भाजपा ने इस पर जांच करवाई और जनता की भावनाओं को अपने पक्ष में करने की कोशिश की। जांच में सामने आया कि मूर्तियां स्थापित करने की प्रक्रिया में सामग्री प्रदाय पर 20 प्रतिशत, डिजाइनिंग, मूर्तिकला, नक्काशी, फिनिशिंग होने पर 60 प्रतिशत की राशि का भुगतान कांग्रेस के शासनकाल में हुआ। भाजपा ने इसे प्रचारित और नजीजतन कांग्रेस इस मुद्दे को हवा देने से परहेज करने लगे। मतदान का दिन आते-आते ये मामला कहीं खो गया और भाजपा को इससे नुकसान की आशंकाएं धरी रह गईं। उज्जैन जिले की सात में से पांच सीट भाजपा ने जीत लीं।