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Omkareshwar News: ओंकारेश्वर में अब तक का सबसे बड़ा बंद, हजारों श्रद्धालुओं हुए परेशान, संत-लोग एकजुट; जानें
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, ओंकारेश्वर
Published by: दिनेश शर्मा
Updated Mon, 17 Nov 2025 08:21 PM IST
सार
ओंकारेश्वर में ममलेश्वर लोक निर्माण के स्थान परिवर्तन की मांग को लेकर अभूतपूर्व स्वैच्छिक बंद रहा। तीर्थ क्षेत्रों में सन्नाटा छाया रहा और श्रद्धालु पानी–भोजन तक के लिए परेशान हुए। संत, पंडा और नाविक संघ सहित सभी ने मांग दोहराई कि मठ–मंदिर न टूटें और निर्माण स्थल बदला जाए।
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ओंकारेश्वर में लगभग सभी दुकानें बंद रहीं।
- फोटो : अमर उजाला
ममलेश्वर लोक निर्माण का विरोध बढ़ता ही जा रहा है। लोक का स्थान बदलने के लिए कई दिनों से आंदोलन चल रहा है, इसी कड़ी में सोमवार को ओंकारेश्वर बंद का आह्वान किया गया था। तीर्थनगरी ओंकारेश्वर के इतिहास में पहली बार ब्रह्मपुरी, शिवपुरी और विष्णुपुरी क्षेत्रों में ऐसा स्वैच्छिक बंद देखने को मिला। मानो पूरा नगर लॉकडाउन में हो। तीनों पुरियों में सन्नाटा पसरा रहा। हजारों की संख्या में आए श्रद्धालु पीने के पानी, चाय–नाश्ते और भोजन तक के लिए तरस गए। नगर में टेंपो, नाव संचालन, दुकानें, सब कुछ ठप।
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ओंकारेश्वर में ममलेश्वर झूला पुल से मंदिर दर्शन जाने वाले सड़क मार्ग के दोनों तरफ दुकान बंद
- फोटो : अमर उजाला
300 साल पुराने नर्सिंग टेकरी आश्रम का अस्तित्व संकट में
ब्रह्मपुरी स्थित नर्सिंग टेकरी आश्रम लगभग 300 वर्ष पुराना है। संत सेवा के इस प्रमुख केंद्र के महंत श्यामसुंदर दास त्यागी (75 वर्ष) ने कहा कि हमारे गुरुओं की नौ पीढ़ियां इस आश्रम से जुड़ी रही हैं। पूरे भारत में हमारे हजारों आश्रम हैं। यह स्थान हमारी आत्मा है। अगर सरकार ने आश्रम को हटाने की कोशिश की, तो देशभर के संत यहां पहुंचेंगे। हम सदियों से समाज सेवा करते आए हैं, पर मठ–मंदिर टूटे—यह स्वीकार नहीं।
पंडा संघ का स्पष्ट मत: विरोध नहीं, केवल स्थान परिवर्तन की मांग
ओंकारेश्वर पंडा संघ के अध्यक्ष पंडित नवल किशोर शर्मा ने कहा कि हम ममलेश्वर लोक निर्माण के विरोधी नहीं हैं। पर आज का बंद सिर्फ एक मांग को लेकर है कि निर्माण स्थल बदलें। कुबेर भंडारी मंदिर के पास खाली भूमि है, वहीं ममलेश्वर लोक बनाया जाए।
ये भी पढ़ें- ममलेश्वर लोक निर्माण को लेकर गहराता जा रहा टकराव, संत समाज और नगरवासियों का उग्र विरोध
ब्रह्मपुरी स्थित नर्सिंग टेकरी आश्रम लगभग 300 वर्ष पुराना है। संत सेवा के इस प्रमुख केंद्र के महंत श्यामसुंदर दास त्यागी (75 वर्ष) ने कहा कि हमारे गुरुओं की नौ पीढ़ियां इस आश्रम से जुड़ी रही हैं। पूरे भारत में हमारे हजारों आश्रम हैं। यह स्थान हमारी आत्मा है। अगर सरकार ने आश्रम को हटाने की कोशिश की, तो देशभर के संत यहां पहुंचेंगे। हम सदियों से समाज सेवा करते आए हैं, पर मठ–मंदिर टूटे—यह स्वीकार नहीं।
पंडा संघ का स्पष्ट मत: विरोध नहीं, केवल स्थान परिवर्तन की मांग
ओंकारेश्वर पंडा संघ के अध्यक्ष पंडित नवल किशोर शर्मा ने कहा कि हम ममलेश्वर लोक निर्माण के विरोधी नहीं हैं। पर आज का बंद सिर्फ एक मांग को लेकर है कि निर्माण स्थल बदलें। कुबेर भंडारी मंदिर के पास खाली भूमि है, वहीं ममलेश्वर लोक बनाया जाए।
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ब्रह्मपुरी क्षेत्र में बड़ी संख्या में महिलाएं पुरुष एकत्रित हुए
- फोटो : अमर उजाला
नाविक संघ भी आंदोलन में शामिल रोज़ी–रोटी पर संकट
नाविक संघ के अध्यक्ष कैलाश भंवरिया ने बताया कि पूरा ओंकारेश्वर बंद है, इसलिए नर्मदा में नाव संचालन पूरी तरह रोक दिया गया है। हमारे परिवार इसी पर निर्भर हैं। कई पीढ़ियां यहीं पली–बढ़ी हैं। सरकार को विस्थापन की जगह वैकल्पिक व्यवस्था सोचना चाहिए।
संत समाज की चेतावनी: स्थान बदले बिना आंदोलन जारी रहेगा
ओंकारेश्वर षट् दर्शन संत मंडल के अध्यक्ष मंगलदास त्यागी महाराज ने कहा कि बंद शांतिपूर्ण है, पर यह समाप्त नहीं होगा। सभी संतों की एक ही मांग है- किसी भी मठ–मंदिर को न तोड़ा जाए। ममलेश्वर लोक का स्थान बदला जाए।
ये भी पढ़ें- ममलेश्वर लोक निर्माण को लेकर विरोध जारी, खंडवा में आज सांसद से मिलेंगे प्रभावित; अब आगे क्या?
नाविक संघ के अध्यक्ष कैलाश भंवरिया ने बताया कि पूरा ओंकारेश्वर बंद है, इसलिए नर्मदा में नाव संचालन पूरी तरह रोक दिया गया है। हमारे परिवार इसी पर निर्भर हैं। कई पीढ़ियां यहीं पली–बढ़ी हैं। सरकार को विस्थापन की जगह वैकल्पिक व्यवस्था सोचना चाहिए।
संत समाज की चेतावनी: स्थान बदले बिना आंदोलन जारी रहेगा
ओंकारेश्वर षट् दर्शन संत मंडल के अध्यक्ष मंगलदास त्यागी महाराज ने कहा कि बंद शांतिपूर्ण है, पर यह समाप्त नहीं होगा। सभी संतों की एक ही मांग है- किसी भी मठ–मंदिर को न तोड़ा जाए। ममलेश्वर लोक का स्थान बदला जाए।
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पुराने बस स्टैंड से जेपी चौक मंदिर जाने वाले सड़क मार्ग के दोनों ओर सभी दुकानें रहीं बंद
- फोटो : अमर उजाला
भाजपा नगर अध्यक्ष संतोष वर्मा ने कहा कि आज का बंद किसी राजनीतिक दल का कार्यक्रम नहीं। यह जनता का बंद है। प्रशासन ने सर्वे रोकने का आश्वासन दिया है, पर कोई भी निर्णय संत समाज और नगरवासियों की सहमति के बाद ही होगा।
अनादि इतिहास और आजीविका खतरे में: बाहर से आए विद्वानों की चिंता
सुसनेर जिला आगर से आए विद्वान नरेंद्र प्रसाद शर्मा ने कहा कि ओंकारेश्वर अत्यंत प्राचीन स्थली है। ब्रह्मपुरी के मठ–मंदिर सदियों पुराने हैं। सरकार अगर कुछ करना चाहती है तो दर्शन व्यवस्था सुधारे, पर इतिहास और लोगों की रोज़ी–रोटी खत्म करना धर्मसम्मत नहीं।
सूत्रों के अनुसार मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने मामले को गंभीरता से लेते हुए खंडवा प्रशासन को प्रभावित लोगों से मिलने के निर्देश दिए हैं। इसी के चलते स्थानीय प्रशासन ने नगर के एक प्रतिनिधिमंडल को बुलाया था।
अनादि इतिहास और आजीविका खतरे में: बाहर से आए विद्वानों की चिंता
सुसनेर जिला आगर से आए विद्वान नरेंद्र प्रसाद शर्मा ने कहा कि ओंकारेश्वर अत्यंत प्राचीन स्थली है। ब्रह्मपुरी के मठ–मंदिर सदियों पुराने हैं। सरकार अगर कुछ करना चाहती है तो दर्शन व्यवस्था सुधारे, पर इतिहास और लोगों की रोज़ी–रोटी खत्म करना धर्मसम्मत नहीं।
सूत्रों के अनुसार मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने मामले को गंभीरता से लेते हुए खंडवा प्रशासन को प्रभावित लोगों से मिलने के निर्देश दिए हैं। इसी के चलते स्थानीय प्रशासन ने नगर के एक प्रतिनिधिमंडल को बुलाया था।