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Omkareshwar News: ममलेश्वर लोक निर्माण को लेकर गहराता जा रहा टकराव, संत समाज और नगरवासियों का उग्र विरोध
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, ओंकारेश्वर
Published by: दिनेश शर्मा
Updated Sat, 15 Nov 2025 09:51 PM IST
सार
ओंकारेश्वर में प्रस्तावित ममलेश्वर लोक निर्माण को लेकर संत समाज और ब्रह्मपुरी निवासी आक्रोशित हैं। संतों ने स्थान परिवर्तन की मांग करते हुए उग्र आंदोलन की चेतावनी दी। निवासी विस्थापन का विरोध कर रहे हैं। सांसद व प्रशासन ने आश्वासन दिया कि सर्वे जनहित में है और भावनाओं का सम्मान किया जाएगा।
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ममलेश्वर लोक को लेकर साधूं-संत समाज में भी आक्रोश है।
- फोटो : अमर उजाला
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मध्यप्रदेश सरकार द्वारा प्रस्तावित ममलेश्वर लोक निर्माण को लेकर ओंकारेश्वर में संत समाज और स्थानीय नागरिकों का आक्रोश चरम पर पहुंच गया है। ब्रह्मपुरी क्षेत्र के निवासी अपने घर-मकानों को छोड़ने को बिल्कुल तैयार नहीं हैं।
संत समाज का सरकार को अल्टीमेटम ओंकारेश्वर में स्थितजड़ गणपतिमें महंतों, साधुओं और महिलाओं की बड़ी संख्या शामिल रही। संत समाज ने साफ कहा कि यदि सरकार ने ममलेश्वर लोक के निर्माण का स्थान परिवर्तन नहीं किया तो देशभर के साधु-संत ओंकारेश्वर में एकजुट होकर उग्र आंदोलन करेंगे। संतों का तर्क है कि ओंकारेश्वर तीर्थ नगरी की मर्यादा और धार्मिक धरोहर के साथ खिलवाड़ बर्दाश्त नहीं होगा।
मां नर्मदा और ओंकारेश्वर-ममलेश्वर ज्योतिर्लिंग करोड़ों श्रद्धालुओं की आस्था का केंद्र हैं। ब्रह्मपुरी क्षेत्र प्राचीन साधु-संत परंपरा और संस्कृतियों का जीवंत साक्षी है। उन्होंने चेताया कि यदि सरकार ने आस्था पर चोट पहुंचाई, तो संत समाज सड़क पर उतरकर देशव्यापी आंदोलन करेगा। ब्रह्मपुरी क्षेत्र की महिलाओं, बुजुर्गों और परिवारों ने कहा कि वे पीढ़ियों से यहीं रह रहे हैं। अचानक विस्थापन और तोड़फोड़ उनके जीवन को उजाड़ देगा।
ममलेश्वर लोक को लेकर स्थानीय रहवासियों ने भी विरोध जताया।
- फोटो : अमर उजाला
संतों का तर्क
महंत मंगलदास त्यागी ने कहा कि ओंकारेश्वर सनातन की भूमि है। यहां सदियों से संतों की परंपरा बसी है। सरकार से निवेदन है कि धार्मिक भावनाओं का सम्मान करते हुए ममलेश्वर लोक निर्माण का स्थान बदला जाए। अन्यथा संत समाज बड़ा आंदोलन करेगा। नरसिंह टेकरी के महंत श्यामसुंदर दास त्यागी ने कहा कि यह सिर्फ जमीन का मामला नहीं है, यह आस्था का प्रश्न है। ब्रह्मपुरी क्षेत्र में रहने वाले लोग विस्थापित नहीं होंगे। सरकार ने यदि ज़ोर दिया तो पूरे देश के संत यहां एकजुट होंगे। हनुमानगढ़ी के नागा साधू महंत महेश गिरी का कहना है कि हम साधु-संत सनातन की रक्षा के लिए जीते हैं। शासन ने यदि हमारी आवाज नहीं सुनी तो हम उग्र आंदोलन के लिए तैयार हैं। यह भूमि तपस्वियों और श्रद्धालुओं की है।
रहवासी भी बोले
ब्रह्मपुरी की वृद्ध महिला फुंदा बाई ने कहा कि हम यहीं जन्मे, यहीं पले-बढ़े। सरकार चाहे कुछ भी कर ले, हम अपना घर नहीं छोड़ेंगे। हमारा सबकुछ यहीं है। ब्रह्मपुरी की संगीता बाई रावत ने कहा कि हम महिलाओं के लिए ये जगह सिर्फ घर नहीं, हमारी पहचान है। बच्चों की पढ़ाई, रोज़गार—सबकुछ यहीं जुड़ा है। हम कहीं नहीं जाएंगे। अनीता बाई उपाध्याय ने कहा कि ब्रह्मपुरी से हटना मतलब हमारा जीवन उजड़ जाना। हम सरकार से हाथ जोड़कर प्रार्थना करते हैं कि स्थान परिवर्तन करे, लेकिन हमें न उजाड़ें।
ममलेश्वर लोक को लेकर सांसद से मिला प्रतिनिधिमंडल
- फोटो : अमर उजाला
सांसद से मिला प्रतिनिधिमंडल
सांसद खंडवा ज्ञानेश्वर पाटिल और विधायक मांधाता नारायण पटेल की उपस्थिति में ओंकारेश्वर नगर के जनप्रतिनिधियों और स्थानीय निवासियों की बैठक की। बैठक में खंडवा विधायक कंचन मुकेश तन्वे, कलेक्टर ऋषव गुप्ता, पुलिस अधीक्षक मनोज कुमार राय, अपर कलेक्टर सृष्टि देशमुख गौड़ा पुनासा एसडीएम पंकज वर्मा, नगर परिषद अध्यक्ष उपस्थित थे। सांसद पाटिल ने सभी को आश्वस्त किया कि ममलेश्वर मंदिर परिसर के विकास कार्यों के मामले में जनहित और जनभावनाओं का पूरा ध्यान रखा जाएगा। उन्होंने कहा कि "ममलेश्वर लोक" के निर्माण से भविष्य में पर्यटको और श्रद्धालुओं की संख्या में वृद्धि होगी, जिससे स्थानीय व्यवसाइयों की आय बढ़ेगी। कलेक्टर गुप्ता ने बताया कि अभी ममलेश्वर मंदिर परिसर के आसपास स्थित मकानो एवं दुकानों का सिर्फ सर्वे किया जा रहा है। सर्वे करने से भविष्य के विकास की कार्य योजना तैयार करना आसान होगा। उन्होंने कहा कि यह सर्वे स्थानीय निवासियों के हित में ही है।
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