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UP: धमाके से 25 दिन पहले शहर में थी डॉ. शाहीन...ब्लास्ट के लिए यहां से दो पुरानी कारें खरीदने का इनपुट; खुलासा

अमर उजाला नेटवर्क, कानपुर Published by: शाहरुख खान Updated Wed, 19 Nov 2025 02:24 PM IST
सार

दिल्ली में लाल किले के पास हुए धमाके से 25 दिन पहले डॉ. शाहीन शहर में थी। जांच एजेंसियों को इनपुट मिले हैं, उसके मंसूबों को तलाशने में जुटी हैं। इसके साथ ब्लास्ट के लिए कानपुर से दो पुरानी कारें खरीदने के इनपुट भी मिले हैं। इसकी जांच शुरू हो गई है।

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UP news Dr. Shaheen in kanpur 25 days before blast Input suggests two old cars purchased from here for blast
डॉक्टर शाहीन। - फोटो : अमर उजाला।
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विस्तार
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दिल्ली विस्फोट से करीब 25 दिन पहले डॉ. शाहीन के शहर में होने के इनपुट जांच एजेंसियों को मिले हैं। उस पर कार्य शुरू हो गया है। डॉ. शाहीन के कानपुर में होने की पुष्टि के साथ ही उसके मंसूबों का पता लगाया जा रहा है। इस कार्य में कमिश्नरी पुलिस का सहयोग लिया जा रहा है। चकेरी, जाजमऊ, रेलबाजार, कैंट क्षेत्र में टीमें सक्रिय हो गई हैं।
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जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज छोड़ने के बाद से डॉ. शाहीन लखनऊ, कानपुर, इटावा, फतेहपुर समेत आसपास के अन्य शहरों में आवाजाही करती थी। पुलिस और अन्य जांच एजेंसियों को उसके अगस्त में लखनऊ जाने और वहां से डॉ. परवेज के साथ शहर आने की जानकारी मिली है। 
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वह इस दौरान कहां कहां गई और किससे मिली इसका पता लगाया जा रहा है। फरीदाबाद में विस्फोटक मिलने और दिल्ली विस्फोट के बाद एटीएस, एनआईए, आईबी ने डॉ. शाहीन का कानपुर कनेक्शन खंगाला।

जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज से लेकर सुजातगंज, बेकनगंज, चमनगंज समेत अन्य क्षेत्रों की जांच की जिसमें डॉ. शाहीन के 16 अक्तूबर को शहर में आने के इनपुट मिले हैं। इसकी पुष्टि के लिए कुछ क्षेत्रों के सीसीटीवी कैमरों की फुटेज खंगाले जा रहे हैं। जांच एजेंसियों ने कुछ स्थानों पर कमिश्नरी पुलिस से ऑपरेशन त्रिनेत्र के अंतर्गत लगाए गए सीसीटीवी कैमरों की फुटेज हासिल कर ली है।

बम विस्फोट के आरोपियों पर नजर
शहर में पूर्व में हुए बम विस्फोट के आरोपियों या मददगारों को जांच एजेंसियों ने पहले ही रडार पर ले रखा है। खुफिया ने सोमवार को एक संदिग्ध को पूछताछ के लिए उठाया था जिसे मंगलवार को छोड़ दिया गया है। उसने डॉ. शाहीन के बारे में कुछ जानकारी दी है।
 

जांच एजेंसियों के इनपुट पर पुलिस और एलआईयू संवेदनशील क्षेत्रों में सक्रिय हैं। यह टीमें व्यापार के सिलसिले में आने वाले दूसरे राज्यों के लोगों पर नजर रखे हुए है। उनका सत्यापन किया जा रहा है। होटल और धर्मशाला के संचालकों को किसी भी तरह के बाहरी और संदिग्ध की तत्काल सूचना देने के लिए कहा गया है।

ब्लास्ट के लिए शहर से दो पुरानी कारें खरीदने का इनपुट, जांच शुरू
दिल्ली विस्फोट के बाद 32 कारों के माध्यम से सीरियल ब्लास्ट करने की योजना बनाने की बात सामने आई है। इन्हें अलग-अलग शहरों से खरीदे जाने की आशंका है। जांच एजेंसियों को ऐसी ही दो कारों को कानपुर से खरीदे जाने के इनपुट मिले हैं। ये कारें पुरानी हैं इन्हें एक ही विक्रेता से खरीदे जाने का सुराग लगा है। जांच एजेंसियां इन दोनों लोगों को हिरासत में लेकर पूछताछ कर रहे हैं। इस खरीद फरोख्त के खेल में कई लोगों के शामिल होने का अंदेशा है।

शहर में पुरानी कारों का बड़ा बाजार है। यहां पर आस-पास के जिलों से लोग कारों को खरीदते और बेचते हैं। साथ ही बजरिया, हर्षनगर, फजलगंज, साकेतनगर, पांडुनगर, चकेरी, कल्याणपुर जैसे इलाकों में इनकी सेल और सर्विस की बड़ी बाजार है। यहां पर करीब 15 साल पुरानी से लेकर कुछ महीने ही चली हुई नए मॉडल की गाड़ियां उपलब्ध रहती हैं। कुछ पुरानी कारें कई बार खरीदी, बेची जाती रहीं हैं जिससे उसके दाम काफी कम हो जाते हैं।

ऐसी ही पुरानी आई-20 कार का दिल्ली धमाके में इस्तेमाल किया गया है। जिसे 13 बार बेचा गया था। जांच एजेंसियों को कानपुर में भी पुरानी कार की खरीद का पता चला है। सूत्रों की मानें तो प्रारंभिक जांच में हिरासत में लिए गए ऐसी ही कार के विक्रेता ने आधार कार्ड समेत वे सारे कागजात सौंप दिए हैं जो खरीदने वालों ने उसे दिए थे। एजेंसियां इन कागजातों की जांच कर रही हैं। वहीं, चर्चा है कि कार खरीदने वालों के साथ दो लोग और थे।

विक्रेता ने उनके बाहरी होने का संदेह जताया है। जांच अधिकारी उनके हुलिये केे बारे में पता लगा रहे हैं। हालांकि, गाड़ी खरीदने के दौरान जिन लोगों के एड्रेस प्रूफ दिए गए हैं उनमें से एक चकेरी का बताया जा रहा है। इन कारों के लिए किए गए भुगतान की रकम किन खातों के माध्यम से दी गई है। इसकी भी जांच की जा रही है।

संदिग्धों की फ्रैंड्स लिस्ट खंगाल रहीं जांच एजेंसियां
डॉ. शाहीन, डॉ. आरिफ और डॉ. परवेज अंसारी के सोशल मीडिया अकाउंट की डिटेल मिलने के बाद जांच एजेंसियों ने उनसे जुड़े संदिग्धों पर भी अपनी नजर जमा दी है। वह सिर्फ उनकी दैनिक दिनचर्या पर ही नहीं उनकी वर्चुअल गतिविधियों पर भी नजर रख रहीं हैं। ऐसे सभी संदिग्धों के सोशल मीडिया अकाउंट और उनकी फ्रैंड्स लिस्ट की जांच की जा रही है। इस बात की पड़ताल भी हो रही है कि उनकी लिस्ट में किसी बड़े प्रतिष्ठान से जुड़े लोगाें का नाम है या नहीं। यदि है तो उनसे कब से और किस स्तर की दोस्ती है।
 

टोल प्लाजा से लेकर होटलों तक निगहबानी
आतंकी घटनाओं के मद्देनजर संदिग्ध माने जाने वाले शहर में सुरक्षा को लेकर एजेंसियां पूरी तरह सतर्क हैं। एनआईए से लेकर खुफिया तक ने जिले के टोल प्लाजा से लेकर होटलों तक अपनी नजरें गड़ा दीं हैं। बारा टोल प्लाजा, नवाबगंज टोल प्लाजा और मलवां टोल प्लाजा पर लगे कैमरों की जांच की गई है। शहर में आने वाली संदिग्ध गाड़ियों का भी पूरा ब्यौरा जुटाया जा रहा है।
 
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