Kanpur: अखिलेश दुबे मुक्ति मोर्चा के आशीष की अग्रिम जमानत खारिज, गिरफ्तारी संभव…कोर्ट का सख्त आदेश
Kanpur News: कोर्ट ने 21 अप्रैल को दिए आदेश में कहा था कि यदि आवेदक को मूल शैैक्षणिक दस्तावेज पेश करने के लिए तलब किया जाता है या नोटिस दिया जाता है, तो वह सभी प्रमाण पत्र विवेचक को दिखाएगा। ऐसा न करने पर अभियोजन जमानत निरस्त कराने के लिए स्वतंत्र होगा।
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कानपुर में अग्रिम जमानत की शर्तों का पालन न करना अधिवक्ता आशीष शुक्ला को महंगा पड़ गया। अखिलेश दुबे मुक्ति मोर्चा में शामिल आशीष शुक्ला को फर्जी शैक्षिक प्रमाण पत्रों के मुकदमे में मिली अग्रिम जमानत जिला जज अनमोल पाल ने खारिज कर दी है। आशीष पर एक बार फिर गिरफ्तारी की तलवार लटक गई है।
आशीष के खिलाफ फर्जी शैक्षिक दस्तावेजों के आधार पर विधि स्नातक की डिग्री लेकर वकालत करने का आरोप लगाते हुए कोतवाली में धोखाधड़ी, कूटरचना से संबंधित धाराओं में रिपोर्ट दर्ज की गई थी। रिपोर्ट बार एसोसिएशन के पूर्व मंत्री अरिदमन सिंह की तहरीर और बार एसोसिएशन के अध्यक्ष इंदीवर बाजपेई की संस्तुति के बाद दर्ज हुई थी।
अग्रिम जमानत निरस्त करने के लिए दिया था प्रार्थना पत्र
इस मुकदमे में आशीष को जिला जज की अदालत से सशर्त अग्रिम जमानत मिल गई थी लेकिन आशीष ने अग्रिम जमानत की शर्तों का पालन नहीं किया। इस कारण अभियोजन ने आशीष की अग्रिम जमानत निरस्त करने के लिए कोर्ट में प्रार्थना पत्र दिया था।
कोर्ट ने दिया था आदेश
कोर्ट ने 21 अप्रैल को दिए आदेश में कहा था कि यदि आवेदक को मूल शैैक्षणिक दस्तावेज पेश करने के लिए तलब किया जाता है या नोटिस दिया जाता है, तो वह सभी प्रमाण पत्र विवेचक को दिखाएगा। ऐसा न करने पर अभियोजन जमानत निरस्त कराने के लिए स्वतंत्र होगा।
अभियोजन ने रखा तर्क
विवेचक राजेश कुमार ने आशीष को कई बार नोटिस भेजकर हाजिर होने को कहा लेकिन आशीष ने इंटर पास होने के प्रमाणपत्र नहीं दिए। विवेचना के दौरान आशीष शुक्ला को वर्ष 1994 में क्राइस्ट चर्च इंटर कॉलेज से इंटर की परीक्षा में फेल होना पाया गया है।