मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री का चौंकाने वाला अंदाज फिर सामने आया है। सीएम ने ओंकारेश्वर से लौटते समय हाईवे पर अपना काफिला अचानक रुकवा दिया और उतरकर सड़क किनारे भुट्टा लगाने वाली महिला के पास पहुंचे। बरसात के बीच उन्होंने उससे भुट्टा सिंकवाकर खाया और हालचाल भी जाने। सीएम को अपने पास देखकर महिला काफी खुश नजर आई। उसने सीएम के साथ सेल्फी भी ली और कहा कि आप तो हमारे भाई हैं।
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शिवराज का जुदा अंदाज: सड़क किनारे काफिला रोक भुट्टा खाने लाडली बहना के पास पहुंचे CM, हालचाल पूछा-खिंचवाई फोटो
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, खंडवा Published by: दिनेश शर्मा Updated Fri, 15 Sep 2023 07:58 PM IST
सार
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान शुक्रवार को खंडवा के ओंकारेश्वर आए हुए थे। लौटते समय बलवाड़ा के समीप हाईवे पर गुमटी में भुट्टे बेच रही एक महिला को देखकर मुख्यमंत्री का काफिला रुका। जहां मुख्यमंत्री ने उतरकर गरमा गरम भुट्टे का स्वाद चखा।
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सीएम शिवराज भुट्टा बेचने वाली लाडली बहना के पास पहुंचे और भुट्टा खाया।
- फोटो : सोशल मीडिया

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सीएम शिवराज और उनकी पत्नी साधना सिंह ने भुट्टा खाया।
- फोटो : सोशल मीडिया
जानकारी के अनुसार मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान शुक्रवार को खंडवा के ओंकारेश्वर आए हुए थे। वे आदिगुरु शंकराचार्य की 100 टन वजनी और 108 फीट ऊंची प्रतिमा का निरीक्षण करने आए हुए थे। बता दें कि इस प्रतिमा का अनावरण 18 सितंबर को मुख्यमंत्री के हाथों ही किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने यहां हवन पूजन सहित मंत्रोच्चार कर सभी की समृद्धि और मंगल कामना के लिए प्रार्थना भी की। इसके बाद बारिश के चलते वे सड़क मार्ग से ही भोपाल के लिए रवाना हो गए। इस दौरान रास्ते में बलवाड़ा के समीप हाईवे पर गुमटी में भुट्टे बेच रही एक महिला को देखकर मुख्यमंत्री का काफिला रुका। जहां मुख्यमंत्री ने उतरकर गरमा गरम भुट्टे का स्वाद चखा। साथ ही दुकानदार महिला से बातचीत भी की। इस दौरान महिला ने भी मुख्यमंत्री को अपना भाई बताते हुए मुख्यमंत्री लाडली बहना योजना की तारीफ की। मुख्यमंत्री से कहा कि आप हमारे हो और हम आपके हैं। आप तो हम सबके भैया हो। तो वहीं महिला ने अपने मोबाइल से मुख्यमंत्री के साथ सेल्फी भी ली। बता दें कि शिवराज सिंह चौहान ओंकारेश्वर में आदिगुरु शंकराचार्य की प्रतिमा का निरीक्षण करने और अनावरण के पहले यज्ञ में शामिल होने पहुंचे थे।
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ओंकारेश्वर पहुंचकर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान में पूजन किया।
- फोटो : सोशल मीडिया
इसलिए बनी यहां प्रतिमा
मध्य प्रदेश के खंडवा जिले की प्रसिद्ध पर्यटन नगरी ओंकारेश्वर में बने ओम आकर के पर्वत पर प्रदेश सरकार आदि गुरु शंकराचार्य की बाल्यकाल रूपी प्रतिमा का निर्माण करा रही है। प्रतिमा का निरीक्षण करने शुक्रवार दोपहर मुख्यमंत्री चौहान पत्नी सहित ओंकारेश्वर पहुंचे। मुख्यमंत्री ने यहां शंकर अनुष्ठान की शुरुआत की और प्रतिमा स्थल का निरीक्षण भी किया, साथ ही यहीं से प्रदेश की विभिन्न बैठकों में वर्चुअल शामिल भी हुए। बता दें कि मांधाता पर्वत पर ही 12 वर्ष की बाल्यावस्था में आदि गुरु शंकराचार्य ने अपने गुरु से भेंट की थी और यहीं से अद्वैत वेदांत का प्रकाश लेकर उन्होंने भ्रमण किया था। इसलिए इस पर्वत पर शंकराचार्य की बाल्यकाल की अवस्था को दर्शाती प्रतिमा का निर्माण कराया गया है।
मुख्यमंत्री बोले मिलेगा एकात्मकता का संदेश
इधर ओंकारेश्वर पहुंचे मुख्यमंत्री चौहान ने बताया कि शंकराचार्य जी महाराज उन्हीं की इच्छा से यहां पधार रहे हैं। यहीं उन्हें ज्ञान प्राप्त हुआ था और गुरु मिले थे और जो भारत का मूल संदेश है कि सब में एक ही चेतना है, दो कहीं है ही नहीं। उन्होंने कहा कि जो चेतना मुझ में है, वही आप में भी है, और इसलिए हम एक हैं। यही एकात्मकता का संदेश यहां से पूरे जगत को जाएगा। अद्वैत वेदांत ही है जो दुनिया को संघर्षों से बचा सकता है। शांति, स्नेह, प्रेम, आत्मीयता का संदेश दे सकता है। मुख्यमंत्री ने विश्वास जताया कि एकात्म धाम एक नई प्रेरणा संपूर्ण विश्व को देगा। संघर्ष नहीं शांति, घृणा नहीं प्रेम, समन्वय, एक अद्भुत रचना यहां एकात्म धाम की हो रही है।
मध्य प्रदेश के खंडवा जिले की प्रसिद्ध पर्यटन नगरी ओंकारेश्वर में बने ओम आकर के पर्वत पर प्रदेश सरकार आदि गुरु शंकराचार्य की बाल्यकाल रूपी प्रतिमा का निर्माण करा रही है। प्रतिमा का निरीक्षण करने शुक्रवार दोपहर मुख्यमंत्री चौहान पत्नी सहित ओंकारेश्वर पहुंचे। मुख्यमंत्री ने यहां शंकर अनुष्ठान की शुरुआत की और प्रतिमा स्थल का निरीक्षण भी किया, साथ ही यहीं से प्रदेश की विभिन्न बैठकों में वर्चुअल शामिल भी हुए। बता दें कि मांधाता पर्वत पर ही 12 वर्ष की बाल्यावस्था में आदि गुरु शंकराचार्य ने अपने गुरु से भेंट की थी और यहीं से अद्वैत वेदांत का प्रकाश लेकर उन्होंने भ्रमण किया था। इसलिए इस पर्वत पर शंकराचार्य की बाल्यकाल की अवस्था को दर्शाती प्रतिमा का निर्माण कराया गया है।
मुख्यमंत्री बोले मिलेगा एकात्मकता का संदेश
इधर ओंकारेश्वर पहुंचे मुख्यमंत्री चौहान ने बताया कि शंकराचार्य जी महाराज उन्हीं की इच्छा से यहां पधार रहे हैं। यहीं उन्हें ज्ञान प्राप्त हुआ था और गुरु मिले थे और जो भारत का मूल संदेश है कि सब में एक ही चेतना है, दो कहीं है ही नहीं। उन्होंने कहा कि जो चेतना मुझ में है, वही आप में भी है, और इसलिए हम एक हैं। यही एकात्मकता का संदेश यहां से पूरे जगत को जाएगा। अद्वैत वेदांत ही है जो दुनिया को संघर्षों से बचा सकता है। शांति, स्नेह, प्रेम, आत्मीयता का संदेश दे सकता है। मुख्यमंत्री ने विश्वास जताया कि एकात्म धाम एक नई प्रेरणा संपूर्ण विश्व को देगा। संघर्ष नहीं शांति, घृणा नहीं प्रेम, समन्वय, एक अद्भुत रचना यहां एकात्म धाम की हो रही है।