Bhadra on Maha Shivratri 2025: महाशिवरात्रि, भोलेनाथ की कृपा पाने का सबसे शुभ अवसर है। इस दिन की गई पूजा से वह प्रसन्न होते हैं और इतना ही नहीं भक्तों की सभी मनोकामनाएं भी पूरी करते हैं। मान्यता है कि महाशिवरात्रि भगवान शिव और माता पार्वती के 'वैवाहिक वर्षगांठ' के रूप में मनाई जाती है, इसलिए इस दिन उपवास रखने से प्रेम जीवन में चल रही सभी समस्याएं समाप्त होती हैं और रिश्तों में प्रेम और मिठास बनी रहती हैं। वहीं इस बार 26 फरवरी 2025 को महाशिवरात्रि मनाई जाएगी। ज्योतिषियों की मानें तो इस साल महाशिवरात्रि पर भद्रा का साया बना हुआ है। दरअसल, 26 फरवरी 2025 को प्रातः 11 बजकर 08 मिनट से रात्रि 10 बजकर 5 मिनट तक भद्रा साया बना रहेगा। लेकिन शिव कालों के काल महाकाल हैं, इसलिए भद्रा का उनकी पूजा पर कोई भी प्रभाव नहीं होगा और पूरे दिन शंकर जी की आराधना की जा सकती है। ऐसे में आइए इस दिन की पूजा विधि के बारे में जानते हैं।
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Bhadra on Maha Shivratri 2025: महाशिवरात्रि पर 11 घंटे भद्रा का साया, जानें कैसे और कब होगी भगवान शिव की पूजा
धर्म डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: मेघा कुमारी
Updated Sat, 22 Feb 2025 06:52 AM IST
सार
Bhadra on Maha Shivratri 2025: महाशिवरात्रि, भोलेनाथ की कृपा पाने का सबसे शुभ अवसर है। इस दिन की गई पूजा से वह प्रसन्न होते हैं और भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूरी करते हैं।
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Mahashivratri 2025
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रात्रि प्रथम प्रहर पूजा समय - शाम 06:29 से रात 09 बजकर 34 मिनट तक
- फोटो : adobe stock
चार प्रहर की पूजा का समय
- रात्रि प्रथम प्रहर पूजा समय - शाम 06:29 से रात 09 बजकर 34 मिनट तक
- रात्रि द्वितीय प्रहर पूजा समय - रात 09:34 से 27 फरवरी सुबह 12 बजकर 39 मिनट तक
- रात्रि तृतीय प्रहर पूजा समय - 27 फरवरी को रात 12:39 से सुबह 03 बजकर 45 मिनट तक
- रात्रि चतुर्थ प्रहर पूजा समय - 27 फरवरी को सुबह 03:45 से 06 बजकर 50 मिनट तक
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महाशिवरात्रि के दिन सुबह ही स्नान कर लें।
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पूजा विधि
- महाशिवरात्रि के दिन सुबह ही स्नान कर लें।
- साफ वस्त्रों को धारण करें।
- घर की साफ-सफाई करें और गंगाजल का छिड़काव करें।
- पूजा के लिए साफ प्लेट, कटोरी व लोटा पूजा स्थल पर रख लें।
- अब सबसे पहले दूध, दही और घी में शहद मिलाकर शिवलिंग का अभिषेक करें।
शिव जी को चंदन, मोली, पान, नारियल अर्पित करते जाएं।
- फोटो : adobe stock
- शिव जी को चंदन, मोली, पान, नारियल अर्पित करते जाएं।
- इसके बाद उन्हें सुपारी, अक्षत पंचामृत, बिल्वपत्र, धतूरा और फूल भी चढ़ाएं।
- अब भोलेनाथ को बेर चढ़ाएं।
- शिव-परिवार को फूलों की माला चढ़ाएं।
- देसी घी का दीपक जलाकर महादेव के मंत्रों का जाप करें।
- महाशिवरात्रि की कथा पढ़ें।
- शिव चालीसा का पाठ करें।
- अब आरती करें।
- अंत में प्रसाद का वितरण कर दें।
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चार प्रहर की पूजा में मंत्र जाप
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Mahashivratri 2025 Upay: महाशिवरात्रि के दिन करें ये 5 उपाय, शीघ्र विवाह के बनेंगे योग
चार प्रहर की पूजा में मंत्र जाप
डिस्क्लेमर (अस्वीकरण): ये लेख लोक मान्यताओं पर आधारित है। यहां दी गई सूचना और तथ्यों की सटीकता, संपूर्णता के लिए अमर उजाला उत्तरदायी नहीं है।
चार प्रहर की पूजा में मंत्र जाप
- प्रथम प्रहर का मंत्र- 'ह्रीं ईशानाय नमः'
- दूसरे प्रहर मंत्र- 'ह्रीं अघोराय नम:'
- तीसरे प्रहर मंत्र- 'ह्रीं वामदेवाय नमः'
- चौथे प्रहर मंत्र- 'ह्रीं सद्योजाताय नमः
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