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Diwali 2024: ऊँ जय लक्ष्मी माता...जय गणेश जय गणेश देवा... यहां पढ़ें दिवाली पूजन के लिए आरती

धर्म डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली Published by: मेघा कुमारी Updated Thu, 31 Oct 2024 07:04 AM IST
सार

Diwali 2024: दिवाली हिंदू धर्म का महत्वपूर्ण पर्व है, जो भारत समेत अन्य देशों में मनाया जाता है। यह 5 दिनों तक चलने वाला एक खास त्योहार है,  जिसकी रौनक भाई दूज तक देखने को मिलती हैं। 

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Diwali 2024 Maa Lakshmi Lord Ganesha Aarti and Kuber Aarti Lyrics in Hindi
Diwali 2024 - फोटो : अमर उजाला

Diwali 2024: दिवाली हिंदू धर्म का महत्वपूर्ण पर्व है, जो भारत समेत अन्य देशों में मनाया जाता है। यह 5 दिनों तक चलने वाला एक खास त्योहार है,  जिसकी रौनक भाई दूज तक देखने को मिलती हैं। धार्मिक ग्रंथों के अनुसार दिवाली बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है, जिसे हर साल कार्तिक माह की कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि को मनाया जाता है।


इस साल 31 अक्तूबर 2024 को दिवाली का पर्व मनाया जा रहा है। हालांकि कुछ जगहों पर 01 नवंबर 2024 को भी दिवाली मनाई जाएगी। इस दिन घरों में लक्ष्मी-गणेश जी की पूजा की जाती है, जिससे परिवार में सुख-समृद्धि बनी रहती हैं। इस दौरान पूजा में मां लक्ष्मी की आरती करना बेहद लाभकारी माना जाता है।

मान्यता है कि आरती करने से साधक की धन दौलत में वृद्धि और समस्त समस्याएं दूर होती हैं। यही नहीं व्यापार में भी लाभ के योग बनते हैं। ऐसे में आइए इन आरती और मंत्रों के बारे में विस्तार से जानते हैं।

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Diwali 2024 - फोटो : अमर उजाला

मां लक्ष्मी की आरती 

ऊं जय लक्ष्मी माता, मैया जय लक्ष्मी माता।। 
तुमको निशदिन सेवत, हरि विष्णु विधाता। 
ऊं जय लक्ष्मी माता।।

उमा, रमा, ब्रह्माणी, तुम ही जग-माता। 
मैया तुम ही जग-माता।।
सूर्य-चंद्रमा ध्यावत, नारद ऋषि गाता। 
ऊं जय लक्ष्मी माता।।

दुर्गा रूप निरंजनी, सुख सम्पत्ति दाता। 
मैया सुख संपत्ति दाता। 
जो कोई तुमको ध्यावत, ऋद्धि-सिद्धि धन पाता। 
ऊं जय लक्ष्मी माता।।

तुम पाताल-निवासिनि,तुम ही शुभदाता। 
मैया तुम ही शुभदाता। 
कर्म-प्रभाव-प्रकाशिनी,भवनिधि की त्राता। 
ऊं जय लक्ष्मी माता।।

जिस घर में तुम रहतीं, सब सद्गुण आता। 
मैया सब सद्गुण आता।
सब संभव हो जाता, मन नहीं घबराता। 
ऊं जय लक्ष्मी माता।।

तुम बिन यज्ञ न होते, वस्त्र न कोई पाता। 
मैया वस्त्र न कोई पाता।
खान-पान का वैभव,सब तुमसे आता। 
ऊं जय लक्ष्मी माता।।

शुभ-गुण मंदिर सुंदर, क्षीरोदधि-जाता। 
मैया क्षीरोदधि-जाता।
रत्न चतुर्दश तुम बिन, कोई नहीं पाता। 
ऊं जय लक्ष्मी माता।।

महालक्ष्मी जी की आरती,जो कोई नर गाता। 
मैया जो कोई नर गाता।
उर आनन्द समाता, पाप उतर जाता। 
ऊं जय लक्ष्मी माता।।

ऊं  जय लक्ष्मी माता, मैया जय लक्ष्मी माता। 
तुमको निशदिन सेवत, हरि विष्णु विधाता। 
ऊं जय लक्ष्मी माता।।

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Diwali 2024 Maa Lakshmi Lord Ganesha Aarti and Kuber Aarti Lyrics in Hindi
Diwali 2024 - फोटो : adobe stock
सुख-समृद्धि के लिए मंत्र
या रक्ताम्बुजवासिनी विलासिनी चण्डांशु तेजस्विनी।
या रक्ता रुधिराम्बरा हरिसखी या श्री मनोल्हादिनी ॥
या रत्नाकरमन्थनात्प्रगटिता विष्णोस्वया गेहिनी। 
सा मां पातु मनोरमा भगवती लक्ष्मीश्च पद्मावती ॥

लक्ष्मी जी को प्रसन्न करने का मंत्र
ऊँ महालक्ष्म्यै नमो नमः । ऊँ विष्णुप्रियायै नमो नमः ।।
ऊँ धनप्रदायै नमो नमः । ऊँ विश्वजन्नयै नमो नमः ।।

लक्ष्मी जी का बीज मंत्र
ऊँ श्रींह्रीं श्रीं कमले कमलालये प्रसीद प्रसीद श्रीं ह्रीं श्रीं ऊँ महालक्ष्मी नम:।।

श्री लक्ष्मी महामंत्र
ऊँ श्रीं ल्कीं महालक्ष्मी महालक्ष्मी एह्येहि सर्व सौभाग्यं देहि मे स्वाहा।।
Diwali 2024 Maa Lakshmi Lord Ganesha Aarti and Kuber Aarti Lyrics in Hindi
Diwali 2024 - फोटो : अमर उजाला

भगवान गणेश की आरती  

जय गणेश जय गणेश,जय गणेश देवा ।
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा ॥

एक दंत दयावंत, चार भुजा धारी ।
माथे सिंदूर सोहे, मूसे की सवारी ॥

जय गणेश जय गणेश,जय गणेश देवा ।
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा ॥

पान चढ़े फल चढ़े,और चढ़े मेवा ।
लड्डुअन का भोग लगे, संत करें सेवा ॥

जय गणेश जय गणेश,जय गणेश देवा ।
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा ॥

अंधन को आंख देत, कोढ़िन को काया ।
बांझन को पुत्र देत, निर्धन को माया ॥

जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा ।
माता जाकी पार्वती पिता महादेवा ॥

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Diwali 2024 Maa Lakshmi Lord Ganesha Aarti and Kuber Aarti Lyrics in Hindi
Diwali 2024 - फोटो : अमर उजाला
1. वक्रतुण्ड महाकाय सूर्यकोटि समप्रभ ।
निर्विघ्नं कुरु मे देव सर्वकार्येषु सर्वदा ॥

2. गणपूज्यो वक्रतुण्ड एकदंष्ट्री त्रियम्बक:।
नीलग्रीवो लम्बोदरो विकटो विघ्रराजक :।।
धूम्रवर्णों भालचन्द्रो दशमस्तु विनायक:।
गणपर्तिहस्तिमुखो द्वादशारे यजेद्गणम।।

3. त्रयीमयायाखिलबुद्धिदात्रे बुद्धिप्रदीपाय सुराधिपाय।
नित्याय सत्याय च नित्यबुद्धि नित्यं निरीहाय नमोस्तु नित्यम्।

4. ॐ ग्लौम गौरी पुत्र,वक्रतुंड,गणपति गुरु गणेश
ग्लौम गणपति,ऋदि्ध पति। मेरे दूर करो क्लेश।।

5. गजाननाय पूर्णाय साङ्ख्यरूपमयाय ते ।
विदेहेन च सर्वत्र संस्थिताय नमो नमः ॥
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